20 मार्च 2017
भारतीय रिजर्व बैंक ने भारत में पूर्वदत्त भुगतान साधन (प्री-पेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट) जारी करने और उसके परिचालन पर मास्टर निर्देशों के मसौदा परिपत्र पर राय मांगी है
भारतीय रिजर्व बैंक ने आज "भारत में पूर्वदत्त भुगतान साधन (पीपीआई) जारी करने और उसके परिचालन पर मास्टर निर्देशों" के मसौदा परिपत्र को सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए अपनी वेबसाइट पर रखा है। टिप्पणी / सुझाव / प्रतिक्रिया, यदि कोई हो, को प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय भवन, 14 वीं मंजिल, शहीद भगत सिंह रोड, मुंबई- 400 001, को डाक द्वारा या ईमेल द्वारा 31 मार्च 2017 को या उससे पहले भेजा जा सकता है।
निधि अंतरण के साथ-साथ माल और सेवाओं की खरीद के लिए पीपीआई के बढ़ते उपयोग के कारण हितधारकों और अन्य संस्थाओं से कुछ क्षेत्रों में छूट के लिए और पीपीआई के उपयोग के संबंध में बचाव और सुरक्षा मापदंडों को मजबूत करने, जोखिम कम करने और ग्राहक संरक्षण संबंधी पहलुओं के लिए अनुरोध प्राप्त हो रहे थे। तदनुसार, इन मास्टर निर्देशों को तैयार करते समय पीपीआई दिशानिर्देशों की व्यापक समीक्षा की गई और विभिन्न हितधारकों से समय-समय पर प्राप्त मुद्दों पर भी विचार किया गया।
मास्टर दिशानिर्देशों में किए जा रहे प्रमुख बदलाव प्रवेश बिंदु मानदंडों, केवाईसी आवश्यकताओं, पीपीआई के प्रकारों के युक्तिकरण, पीपीआई के विभिन्न श्रेणियों के समेकन, ग्राहक सेवा और सुरक्षा से संबंधित पहलुओं जैसे लेनदेनों की सुरक्षा और बचाव साथ ही प्रणाली, जोखिम कम करने के उपायों, शिकायत निवारण तंत्र, अप्रयुक्त शेष राशियों को जब्त करने, धोखाधड़ी की निगरानी और रिपोर्टिंग आवश्यकताओं आदि में परिवर्तनों से संबंधित हैं।
जैसा कि 02 सितंबर, 2016 की प्रेस प्रकाशनी में बताया गया है, भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत पीपीआई के लिए भुगतान प्रणाली परिचालित करने के लिए प्राधिकार प्रदान करने के लिए बैंकों और गैर-बैंकों से नए आवेदन प्राप्त करने को 28 फरवरी 2017 तक आस्थगित कर दिया गया था। अब अंतिम दिशानिर्देशों के जारी होने तक अर्थात दिनांक 30 अप्रैल 2017 तक इसे आस्थगित करने का निर्णय लिया गया है।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/2503 |