Click here to Visit the RBI’s new website

प्रेस प्रकाशनी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने शोध-अक्षमता और दिवालियापन कोड (आईबीसी) के तहत बैंकों के संदर्भ खातों की पहचान की

13 जून 2017

भारतीय रिज़र्व बैंक ने शोध-अक्षमता और दिवालियापन कोड (आईबीसी)
के तहत बैंकों के संदर्भ खातों की पहचान की

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 22 मई 2017 को एक प्रेस प्रकाशनी जारी की थी जिसमें बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अध्यादेश, 2017 की घोषणा के अनुसरण में उठाए गए कदमों और किए जाने वाले उपायों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। प्रेस प्रकाशनी में अन्य बातों के साथ-साथ उल्लेख किया गया कि भारतीय रिज़र्व बैंक एक समिति का गठन करेगा जिसमें मुख्य रूप से इसके बोर्ड के स्वतंत्र सदस्य होंगे जो उन मामलों के संबंध में परामर्श देंगे जिनपर शोध-अक्षमता और दिवालियापन कोड, 2016 (आईबीसी) के अंतर्गत समाधान के संदर्भ में विचार किया जा सकता है।

2. तदनुसार, एक आंतरिक परामर्शदात्री समिति (आईएसी) का गठन किया गया और इसकी पहली बैठक 12 जून 2017 को आयोजित की गई। बैठक में आईएसी इस स्तर पर बड़े दबावग्रस्त खातों पर ध्यानकेंद्रित करने के लिए सहमत हुई और तदनुसार ऐसे खातों को विचारार्थ लिया गया जो बैंकिंग प्रणाली में शीर्ष 500 एक्सपोज़रों के बीच पूर्ण या अंशकालिक अनर्जक खातों के रूप में वर्गीकृत किए गए हैं।

3. आईबीसी के अंतर्गत समाधान करने के लिए खातों को संदर्भित करने हेतु आईएसी वस्तुनिष्ठ, बिना प्रभाव वाले मानदंड पर भी पहुंची। विशेषकर, आईएसी ने आईबीसी संदर्भ हेतु 5,000 करोड़ से अधिक बकाया राशि वाले निधि और गैर-निधि आधारित सभी खातों की सिफारिश की है जिनमें 60 प्रतिशत या इससे अधिक खातों को 31 मार्च 2016 तक की स्थिति के अनुसार बैंकों द्वारा अनर्जक खातों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। आईएसी ने नोट किया कि संस्तुत मानदंडों के अंतर्गत बैंकिंग प्रणाली के वर्तमान सकल एनपीए के लगभग 25 प्रतिशत वाले 12 खाते आईबीसी के अंतर्गत तुरंत संदर्भ के पात्र होंगे।

4. उपर्युक्त मानदंडों के अंतर्गत पात्र नहीं होने वाले अन्य अनर्जक खातों के संबंध में, आईएसी ने सिफारिश की है कि बैंक छह महीनों के अंदर समाधान योजना को अंतिम रूप दें। जहां छह महीनों के अंदर व्यवहार्य समाधान योजना पर सहमति नहीं बनती हैं, वहां बैंकों से अपेक्षित होगा कि वे आईबीसी के अंतर्गत शोध-अक्षमता संबंधी कार्यवाहियों के लिए फाइल करें।

5. रिज़र्व बैंक आईएसी की सिफारिशों के आधार पर बैंकों को निदेश जारी करेगा कि वे चिह्नित खातों के संबंध में आईबीसी के अंतर्गत शोध-अक्षमता के लिए फाइल करें। ऐसे मामलों को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा वरीयता दी जाएगी।

6. अन्य अनर्जक खातों के संबंध में समाधान ढांचे के ब्यौरे आने वाले दिनों में जारी किए जाएंगे।

7. आईबीसी के अंतर्गत समाधान हेतु स्वीकृत मामलों के लिए संशोधित प्रावधानीकरण मानदंडों पर परिपत्र अलग से जारी किया जा रहा है।

जोस.जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/3363


2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष