4 जुलाई 2018
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जाली ईमेलों के बारे में सावधान किया
भारतीय रिजर्व बैंक आवधिक रूप से बेईमान लोगों की गतिविधियों के बारे में बार-बार कह रहा है जिसमें वे आरबीआई के नाम का उपयोग करके आम जनता के साथ धोखाधड़ी करते हैं। ये तत्व आरबीआई के नकली लेटर हेड का उपयोग करते हुए, आरबीआई के कर्मचारी होने के नाम पर ईमेल भेजते हैं और लोगों को विदेशों से जाली प्रस्तावों / लॉटरी जीतने / विदेशी मुद्रा में सस्ते धन के प्रेषण का प्रलोभन देते हैं। लक्षित जनता से मुद्रा प्रोसेसिंग शुल्क, विदेशी मुद्रा रूपांतरण शुल्क, पूर्व-भुगतान इत्यादि के रूप में धन की वसूली करते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक अपने 'जन जागरूकता अभियान' के भाग के रूप में जनता को एसएमएस भेजने, आउटडोर विज्ञापन और टेलीकास्टिंग जागरूकता फिल्मों जैसे विभिन्न तरीकों के माध्यम से फर्जी ई-मेलों पर जागरूकता फैला रहा है।
भारतीय रिज़र्व बैंक निम्नलिखित को दोहराता है:
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भारतीय रिज़र्व बैंक किसी भी व्यक्ति का खाता नहीं रखता है।
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भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारियों के नाम पर धोखेबाज़ों से सावधान रहें।
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भारतीय रिज़र्व बैंक का कोई भी व्यक्ति लॉटरी जीतने/विदेश से धन-राशि प्राप्त करने के बारे में कोई फोन नहीं करता है।
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भारतीय रिज़र्व बैंक लॉटरी फंड, इत्यादि जीतने के संबंध में कोई ई-मेल नहीं भेजता है।
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भारतीय रिज़र्व बैंक लॉटरी जीतने अथवा विदेश से निधि प्राप्त करने के जाली प्रस्तावों के लिए कोई एसएमएस अथवा पत्र अथवा इ-मेल नहीं भेजता है।
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भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक और असली वेबसाइट केवल (https://www.rbi.org.in/ or https://rbi.org.in/) है और जनता कृपया सावधान रहे और जाली लोगो सहित 'रिज़र्व बैंक', 'आरबीआई' आदि से शुरू होने वाले इसी प्रकार के पते वाली जाली वेबसाइटों से गुमराह न हों।
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ऐसी धोखाधड़ी के बारे में स्थानीय पुलिस अथवा साईबर क्राइम प्राधिकारी को अवश्य जानकारी दें।
जनता को सूचित किया जाता है कि वे ऐसे लोगों / संस्थाओं के पत्राचार का जवाब न दें और आरबीआई के नाम से प्राप्त धोखाधड़ीपूर्ण ईमेल का शिकार न बनें।
जोस.जे.कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/34
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