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प्रेस प्रकाशनी

रिज़र्व बैंक ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा निवेश के लिए स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग शुरू किया

1 मार्च 2019

रिज़र्व बैंक ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा निवेश
के लिए स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग शुरू किया

स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग

05 अक्टूबर 2018 के मौद्रिक नीति वक्तव्य में विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य, में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को भारतीय ऋण बाजारों में दीर्घकालिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (वीआरआर) नामक एक अलग योजना की घोषणा की गयी थी। इस योजना के तहत, एफपीआई को कुछ विनियामक आवश्यकताओं से छूट के अलावा लिखत विकल्पों के संबंध में अधिक परिचालनात्मक लचीलापन दिया गया है। वीआरआर योजना पर एक चर्चा पत्र सार्वजनिक परामर्श के लिए रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर रखा गया था। जनता से मिली प्रतिक्रिया और भारत सरकार से परामर्श के आधार पर, इस योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है और आज,1 मार्च 2019 को ए.पी.(डीआईआर श्रृंखला) परिपत्र संख्या 21 द्वारा इसे अधिसूचित किया गया है।

वीआरआर योजना के तहत निवेश आबंटन 11 मार्च 2019 से खुलेगा। इसके विवरण निम्नानुसार हैं:

  1. वीआरआर-सरकारी के लिए कुल निवेश सीमा 40,000 करोड़ और वीआरआर-कॉर्प के लिए 35,000 करोड़ होगी।

  2. न्यूनतम प्रतिधारण अवधि तीन वर्ष होगी। इस अवधि के दौरान, एफपीआई भारत में आबंटित राशि का न्यूनतम 75% बनाए रखेगा।

  3. निवेश सीमाएँ निवेश के लिए मांग के अनुसार उपलब्ध होंगी और भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआईएल) द्वारा ’पहले आओ पहले पाओ’ आधार पर आबंटन किया जाएगा ।

  4. मौजूदा किश्त के तहत निवेश की सीमाएं, सीमा समाप्त हो जाने या 30 अप्रैल 2019, जो भी पहले हो तक खुली रहेंगी ।

  5. निवेश के इच्छुक एफपीआई अपने संबंधित अभिरक्षकों के माध्यम से सीसीआईएल में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

  6. सीसीआईएल आवेदन और आबंटन के परिचालनात्‍मक विवरण अलग से सूचित करेगा।

जोस जे.कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2018-2019/2086


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