26 जून 2019 भारतीय रिजर्व बैंक ने आरबीआई अधिनियम,1934 की धारा 45 डब्ल्यू के तहत,
वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक (रिज़र्व बैंक) दिशानिर्देश, 2019 जारी किए
भारतीय रिजर्व बैंक ने आज वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक (रिजर्व बैंक) दिशानिर्देश, 2019 जारी किए ।
रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित वित्तीय साधनों के लिए बाजारों में 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' प्रशासित करने वाले वित्तीय बेंचमार्क प्रशासकों पर ये दिशानिर्देश लागू होंगे। 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' के रूप में एक बेंचमार्क की पहचान घरेलू वित्तीय बाजारों में बेंचमार्क के उपयोग, दक्षता और प्रासंगिकता पर आधारित होगी। महत्वपूर्ण बेंचमार्क प्रशासित करने वाले वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक इनका अनुपालन करें ताकि यह सुनिश्चित किया जाएं कि बेंचमार्क प्रशासन प्रक्रिया के संबंध में अभिशासन दिशानिर्देशों के स्वीकृत मानकों, मानकों की गुणवत्ता, कार्यप्रणाली की गुणवत्ता और जवाबदेही का विधिवत रूप से अनुपालन किया जा रहा है।
पृष्ठभूमि
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 05 अक्टूबर 2018 को विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर अपने वक्तव्य में घोषणा की थी कि रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित बाजारों में वित्तीय बेंचमार्क के लिए वह एक विनियामक ढांचा प्रस्तुत करेगा। वित्तीय साधनों के कुशल मूल्य निर्धारण और मूल्यांकन के लिए वित्तीय बेंचमार्क की मजबूती और विश्वसनीयता महत्वपूर्ण है। लंदन इंटर-बैंक रेट (एलआईबीओआर) विवाद और संबंधित घटनाओं ने वित्तीय बेंचमार्क के प्रशासन और अधिकार के लिए ढांचा स्थापित करने या सुधार करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। बेंचमार्क प्रशासकों के लिए मानक स्थापित करने की आवश्यकता अब दुनिया भर में कई क्षेत्रों में स्वीकार की गई है। आज जारी किए जा रहे दिशानिर्देशों का उद्देश्य बेंचमार्क प्रक्रियाओं के अधिकार में सुधार करना, बेंचमार्क प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और बेंचमार्क का दुरुपयोग रोकना है। दिशानिर्देश जुलाई 2013 की इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ सेक्युरिटीज कमीशन (आईओएसीओ) द्वारा वित्तीय बेंचमार्क के सिद्धांतों पर अपनी रिपोर्ट में अनुशंसित प्रथाओं, साथ ही 28 जून 2013 को रिज़र्व बैंक द्वारा गठित वित्तीय बेंचमार्क समिति की रिपोर्ट पर आधारित हैं।
योगेश दयाल
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/3053
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