08 नवंबर 2019
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के अपने विजन के अनुसरण में, रिज़र्व बैंक का प्रयास अत्याधुनिक भुगतान प्रणालियों की स्थापना करना है जो कुशल, सुविधाजनक, सुरक्षित और किफ़ायती भी हों। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप खुदरा डिजिटल भुगतान प्रणालियों में तेजी से वृद्धि हुई है:
2. अक्टूबर 2018 से सितंबर 2019 की अवधि के दौरान कुल गैर-नकद खुदरा भुगतानों में डिजिटल भुगतानों का हिस्सा 96% तक उच्चतम रहा। इसी अवधि के दौरान, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनईएफ़टी) और एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई) प्रणाली ने वर्ष दर वर्ष क्रमशः 20% और 263% की वृद्धि के साथ 252 करोड़ और 874 करोड़ के लेनदेन का कारोबार किया। भुगतान प्रणालियों में इस तीव्र वृद्धि को, अन्य बातों के साथ-साथ, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उठाए गए उपायों की एक श्रृंखला द्वारा सुविधा प्रदान की जाती रही है।
3. एक असाधारण (ई) भुगतान अनुभव के साथ प्रत्येक नागरिक को और सशक्त बनाने के लिए और विकल्पों की बहुलता तक उसे पहुंच प्रदान करने के लिए रिज़र्व बैंक निम्नलिखित कदम उठाने का प्रस्ताव करता है:
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बैंकों को यह आदेश दिया जाए कि जनवरी 2020 से बचत बैंक खाता ग्राहकों से एनईएफ़टी प्रणाली में ऑनलाइन लेन-देन के लिए शुल्क न लिया जाए।
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1 जनवरी 2020 से स्वीकृत बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए स्वीकृत विकास निधि को परिचालित किया जाए।
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प्रणालीगत और उपभोक्ता दोनों दृष्टिकोणों से क्यूआर कोड की बहुलता और उनके सह-अस्तित्व या सम्मिलन के गुणों की आवश्यकता का आकलन करने के लिए एक समिति का गठन किया जाए।
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सभी अधिकृत भुगतान प्रणालियों और लिखतों (गैर-बैंक पीपीआई, कार्ड और यूपीआई) को राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (एनईटीसी) फासटैग्स के साथ जोड़ने के लिए अनुमति दी जाए। आगे बढ़ते हुए, यह पार्किंग, ईंधन आदि अंतर परिचालित वातावरण में भुगतान के लिए फासटैग्स के उपयोग की सुविधा प्रदान करेगा।
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यूपीआई के माध्यम से लेनदेन के लिए ई-जनादेश का प्रसंस्करण सक्षम बना दिया जाए।
4. रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बेंचमार्किंग प्रयोग से भुगतान प्रणाली के विभिन्न मापदंडों में देश भर में प्रयोग की उच्च स्थिति का पता चलता है। रिजर्व बैंक ने भूटान में रुपे कार्डों की स्वीकृति की सुविधा प्रदान की है और सक्रिय रूप से अन्य अधिकार क्षेत्रों में भुगतान प्रणाली विनियामकों के साथ जुड़कर और सहयोग प्राप्त करने और आवक प्रेषण, विशेष रूप से प्रमुख विप्रेषण कॉरिडॉरों में प्रयोग की लागत और समय को कम करने के लिए अपने अनुभव को साझा किया जाएगा।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1142 |