05 दिसंबर 2019
रिज़र्व बैंक ने “निजी क्षेत्र में लघु वित्त बैंकों को ‘मांग पर’
लाइसेंस प्रदान करने के लिए दिशानिर्देश” जारी किए
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर “निजी क्षेत्र में लघु वित्त बैंकों को ‘मांग पर’ लाइसेंस प्रदान करने के लिए दिशानिर्देश” जारी किए।
लघु वित्त बैंकों को 27 नवंबर 2014 को जारी पूर्ववर्ती दिशानिर्देशों में प्रमुख परिवर्तन हैं : (i) लाइसेंस विंडो मांग पर खोली जाएगी (ii) न्यूनतम चुकता वोटिंग इक्विटी पूंजी / निवल मालियत आवश्यकता ₹ 200 करोड़ होगी; iii) प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी) जो लघु वित्त बैंक (एसएफबी) में स्वेच्छा से परिवर्तन के इच्छुक है, के लिए निवल मालियत की प्रारंभिक आवश्यकता ₹ 100 करोड़ होगी, जिसे व्यवसाय शुरू करने की तारीख से पांच वर्ष के भीतर बढ़ाकर ₹ 200 करोड़ करना होगा। संयोग से, परिचालन में वर्तमान के सभी एसएफ़बी की कुल संपत्ति ₹ 200 करोड़ से अधिक है; (iv) एसएफबी को परिचालन शुरू होने पर तुरंत अनुसूचित बैंक का दर्जा दिया जाएगा; (v) एसएफबी को परिचालन शुरू करने की तारीख से बैंकिंग आउटलेट खोलने की सामान्य अनुमति होगी; (vi) भुगतान बैंक परिचालन के पाँच वर्षों के बाद एसएफ़बी में रूपांतरण के लिए आवेदन कर सकते हैं, यदि वे इन दिशानिर्देशों के अनुसार अन्यथा पात्र हैं।
पृष्ठभूमि
यह विदित है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने पिछली बार 27 नवंबर 2014 को निजी क्षेत्र में लघु वित्त बैंकों को लाइसेंस प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। परिणामस्वरूप, रिज़र्व बैंक ने दस आवेदकों को सैद्धांतिक स्वीकृति जारी की और तब से उन्होंने बैंकों की स्थापना की। दिशानिर्देशों में यह उल्लिखित था कि इन बैंकों के साथ काम करने का अनुभव प्राप्त करने के बाद, रिज़र्व बैंक निरंतर आधार पर आवेदन प्राप्त करने पर विचार करेगा। तदनुसार दिनांक 06 जून 2019 को द्वितीय द्वि-मासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2019-20 में यह घोषणा की गई थी कि ऐसे बैंकों को ‘मांग पर’' लाइसेंस प्रदान करने के लिए मसौदा दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। तदनुसार, 13 सितंबर, 2019 को हितधारकों और जनता की टिप्पणियों को आमंत्रित करते हुए मसौदा दिशानिर्देश रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर प्रकाशित किए गए थे। प्राप्त प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए अब अंतिम दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1356 |