23 जनवरी 2020
विदेशी संविभाग निवेशकों (एफ़पीआई) द्वारा निवेश हेतु स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (वीआरआर) के अंतर्गत
संशोधित निवेश सीमा रिज़र्व बैंक द्वारा पुनराबंटित
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 01 मार्च 2019 को विदेशी संविभाग निवेशकों(एफ़पीआई) द्वारा निवेश हेतु स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (वीआरआर) की शुरुआत की। अब तक दो भागों में ₹ 75,000 करोड़ की राशि निवेश हेतु प्रस्तुत की गई है। इस योजना के अंतर्गत 31 दिसंबर 2019 की स्थिति के अनुसार लगभग ₹ 54,300 करोड़ की राशि का निवेश किया जा चुका है। प्राप्त फीडबैक तथा सरकार के साथ विचार-विमर्श के आधार पर बैंक ने अपने परिचालन संबंधी लचीलेपन को बढ़ाने के लिए योजना में कतिपय संशोधन किए हैं। उक्त संशोधन 23 जनवरी 2020 के ए.पी (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं.19 द्वारा आज अधिसूचित किए गए हैं।
निम्नलिखित विवरणों के अनुसार संशोधित वीआरआर योजना में 24 जनवरी 2020 से पुनराबंटन शुरू किया जाएगा:
क. वीआरआर के अंतर्गत निवेश सीमा ₹1,50,000 करोड़ तक बढ़ा दी गई है।
ख. तदनुसार नए आबंटन के लिए ₹ 90,630 करोड़ (वर्तमान निवल आबंटन और समायोजन) निवेश हेतु उपलब्ध होंगे और इसे वीआरआर- संयुक्त संवर्ग के अंतर्गत आबंटित किया जाएगा।
ग. न्यूनतम प्रतिधारण अवधि तीन वर्ष होगी।
घ. निवेश सीमा “मांग के अनुसार प्राप्य”(ऑन टैप) रहेगी तथा आबंटन “पहले आओ, पहले पाओ” आधार पर किया जाएगा।
च. निवेश सीमा पूर्णतः आबंटित हो जाने तक “टैप” खुला रहेगा।
छ. निवेश सीमा के लिए एफ़पीआई अपने संबंधित अभिरक्षकों के माध्यम से भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआईएल) को ऑन-लाइन आवेदन कर सकते हैं।
ज. सीसीआईएल द्वारा आवेदन प्रक्रिया और आबंटन संबंधी परिचालन विवरण अलग से अधिसूचित किए जाएंगे।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2019-2020/1778 |