08 जून 2020
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश कंपनियों के वित्त, 2018-19: डेटा का प्रकाशन
आज रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट (https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=statistics#!2_46) पर वर्ष 2018-19 के लिए भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश कंपनियों (एफडीआई) के वित्त के संबंध में डेटा का प्रकाशन किया। यह विश्लेषण चयनित 8,095 कंपनियों, जो एफडीआई कंपनियों की चुकता पूँजी का 47.5 प्रतिशत है और जिन्होंने 2018-19 के लिए भारतीय प्रत्यक्ष निवेश कंपनियों की विदेशी देयता और आस्ति की रिपोर्टिंग रिज़र्व बैंक के सेन्सस में किया है,के अंकेक्षित वार्षिक लेखा पर आधारित है। विवरणों से संबंधित व्याख्याएं अनुबंध में दी गई हैं।
विशेष
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चयनित एफडीआई कंपनियों की बिक्री में वृद्धि पिछले वर्ष के 11.2% से बढ़कर 2018-19 में 13.8% हो गई थी; बिक्री में वृद्धि व्यापक आधारित थी (विवरण 2 और विवरण 8)।
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बिक्री में भारी वृद्धि के बावजूद परिचालनात्मक लाभ में कमी आई जिसके लिए परिचालन और विनिर्माण व्ययों में वृद्धि जिम्मेदार थी (विवरण 2 और विवरण 8)।
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उत्पादन में वृद्धि, जिसकी पैमाइश सकल वर्धित मूल्य (जीवीए) पर की जाती है. 2018-19 में थोड़ी कम रही जो विनिर्माण क्षेत्र में न्यून जीवीए वृद्धि के कारण थी (विवरण 2 और विवरण 8)।
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पिछले वर्ष के 33.5 प्रतिशत की तुलना में 2018-19 में फण्ड का लगभग 40 प्रतिशत नियत निवेशों के लिए उपयोग में लाया गया (विवरण 6)।
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सभी क्षेत्रों में ईक्विटी में निवेश की दर एफडीआई की ऋण वृद्धि दर से काफी आगे थी जिसके कारण वर्ष के दौरान लीवरेज में कमी आई। (विवरण 3 और विवरण 11)।
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सकल स्तर पर और सभी क्षेत्रों में निर्यात तीव्रता (बिक्री में निर्यात का अनुपात के रूप में) निरंतर अधोगामी रही (विवरण 11)।
नोट: इन आंकड़ों का मुख्य स्रोत कारपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए), भारत सरकार है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2467
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