15 अप्रैल 2021
विनियमन समीक्षा प्राधिकारी 2.0 का गठन
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनता, बैंकों और वित्तीय संस्थानों से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर विनियमों, परिपत्रों, रिपोर्टिंग प्रणालियों की समीक्षा के लिए 1 अप्रैल 1999 से एक वर्ष की अवधि के लिए एक विनियमन समीक्षा प्राधिकारी (आरआरए) गठित की थी। आरआरए की सिफारिशों ने कई प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता बढ़ाने और कारगर करने, विनियामक निर्धारण को सरल बनाने, मास्टर परिपत्र जारी करने और विनियमित संस्थाओं पर रिपोर्टिंग बोझ को कम करने का मार्ग प्रशस्त किया।
2. पिछले दो दशकों में रिज़र्व बैंक के विनियामक कार्यों की गतिविधियों और विनियामक परिधि के क्रमबद्ध विकास को ध्यान में रखते हुए, रिज़र्व बैंक के विनियमों और अनुपालन प्रक्रियाओं की समान समीक्षा करने और उन्हें सुव्यवस्थित / तर्कसंगत बनाने और उन्हें अधिक प्रभावी बनाने की दृष्टि से ऐसी ही समीक्षा शुरू करने का प्रस्ताव है। तदनुसार, आंतरिक रूप से विनियामक निर्धारण की समीक्षा करने के लिए और साथ ही उनके सरलीकरण और कार्यान्वयन को आसान बनाने के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं और अन्य हितधारकों से सुझाव प्राप्त करने के लिए इसकी स्थापना की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए एक नया विनियमन समीक्षा प्राधिकारी (आरआरए 2.0) गठित करने का निर्णय लिया गया है।
3. आरआरए 2.0 विनियम निर्देशों को सुव्यवस्थित करने, प्रक्रियाओं को सरल कर विनियमित संस्थाओं के अनुपालन बोझ को कम करने पर ध्यान केंद्रित करेगा और जहां भी संभव हो, रिपोर्टिंग आवश्यकताओं को कम करेगा। आरआरए 2.0 की कार्य संरचना इस प्रकार होंगी:
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अतिरिक्तताओं और दोहराव, यदि कोई हो, को हटाकर विनियामक और पर्यवेक्षी निर्देशों को अधिक प्रभावी बनाना;
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रिपोर्टिंग तंत्र को सुव्यवस्थित करके विनियमित संस्थाओं पर अनुपालन बोझ को कम करना; यदि आवश्यक हो तो अप्रचलित निर्देशों को रद्द करना और जहां भी संभव हो कागज आधारित प्रस्तुति को कम करना;
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प्रक्रियाओं के सरलीकरण और अनुपालन में आसानी को बढ़ाने पर विनियमित संस्थाओं से प्रतिक्रिया प्राप्त करना;
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रिज़र्व बैंक परिपत्रों / निर्देशों के प्रसार की प्रक्रिया में आवश्यक परिवर्तनों की जांच करना और सुझाव देना (इससे परिपत्र जारी करने, उनका अद्यतन और वेबसाइट लिंकेज के क्षेत्रों पर सुझाव दे पाएंगे); तथा
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इस विषय के लिए किसी भी अन्य उचित मुद्दे की पहचान करना।
4. श्री एम. राजेश्वर राव, उप गवर्नर को विनियमन समीक्षा प्राधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। प्राधिकरण की स्थापना 01 मई 2021 से एक वर्ष की अवधि, या जब तक कि रिज़र्व बैंक द्वारा इसका कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाता के लिए की जाएगी ।
5. आरआरए सभी विनियमित संस्थाओं और अन्य हितधारकों के साथ आंतरिक रूप से और साथ ही बाह्य रूप से प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए जुड़ा रहेगा।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/56 |