14 जून 2021
रिज़र्व बैंक ने लघु वित्त के विनियमन पर परामर्शक दस्तावेज जारी किया
2020-21 के लिए पांचवें द्वि-मासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी 5 फरवरी 2021 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने घोषणा की थी कि लघु वित्त क्षेत्र में विभिन्न विनियमित ऋणदाताओं के लिए नियामक ढांचे के सामंजस्य हेतु एक परामर्शक दस्तावेज जारी किया जाएगा। तदनुसार, सभी हितधारकों से फीडबैक के लिए लघु वित्त के विनियमन पर परामर्शक दस्तावेज आज जारी किया गया है।
परामर्शक दस्तावेज में सुझाए गए ढांचे का उद्देश्य रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित सभी संस्थाओं द्वारा प्रदान किए गए लघु वित्त ऋणों पर लागू होना है और इसका उद्देश्य लघु वित्त उधारकर्ताओं को अति-ऋणग्रस्तता से बचाने के साथ-साथ सुविज्ञ निर्णय लेने के लिए उधारकर्ताओं को सशक्त बनाकर प्रतिस्पर्धी ताकतों को ब्याज दरों को कम करने में सक्षम बनाना है। परामर्शक दस्तावेज के प्रमुख प्रस्तावों की सूची नीचे दी गई है:
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सभी विनियमित संस्थाओं के लिए लघु वित्त ऋण की एक समान परिभाषा।
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परिवार के ऋण दायित्वों के चुकौती के कारण बहिर्वाह को परिवार आय के प्रतिशत तक सीमित करना।
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परिवार के आय के आकलन के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति।
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कोई पूर्व- भुगतान दंड नहीं; संपार्श्विक की कोई आवश्यकता नहीं; और सभी लघु वित्त ऋणों के लिए चुकौती आवृत्ति का अधिक लचीलापन।
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एनबीएफसी-एमएफआई के लिए मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों का एनबीएफसी के लिए दिशानिर्देशों के साथ संरेखण।
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बेहतर पारदर्शिता के लिए लघु वित्त ऋणों के मूल्य निर्धारण संबंधी एक मानक सरलीकृत तथ्य पत्रक की शुरूआत।
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विनियमित संस्थाओं की वेबसाइटों पर लघु वित्त ऋणों पर लगाए गए न्यूनतम, अधिकतम और औसत ब्याज दरों का प्रदर्शन।
परामर्शक दस्तावेज़ पर, विशेष रूप से उसमें उल्लिखित चर्चा बिंदुओं पर टिप्पणियां/विचार/सुझाव बैंकों, एनबीएफसी-एमएफआई सहित एनबीएफसी, उद्योग संघों और अन्य हितधारकों से 31 जुलाई 2021 तक आमंत्रित किए जाते हैं।
परामर्शक दस्तावेज पर फीडबैक 'लघु वित्त संबंधी परामर्शक दस्तावेज पर फीडबैक' विषय के साथ निम्नलिखित पते पर:
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
भारतीय रिज़र्व बैंक
विनियमन विभाग
दूसरी मंजिल, मुख्य कार्यालय भवन
शहीद भगत सिंह मार्ग
फोर्ट, मुंबई – 400001
या
अधिमानतः, ईमेल द्वारा भेजा जा सकता है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/360 |