8 अक्तूबर 2021
विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस): चौथे कोहार्ट के लिए विषय की घोषणा
और रूपरेखा को सक्षम करने की समीक्षा
रिजर्व बैंक ने सुरक्षित, त्वरित और किफायती डिजिटल भुगतान को सक्षम बनाने वाले पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देकर भुगतान प्रणाली पर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए विभिन्न पहल की हैं। इस संदर्भ में, चुनौतियों में से एक वित्तीय धोखाधड़ी की घटनाओं को कम करना है, जिससे न केवल नए उपयोगकर्ताओं में डिजिटल भुगतान को अपनाने की आशंका पैदा होती है, बल्कि ऐसे धोखाधड़ी का अनुभव करने वाले ग्राहकों को बनाए रखना बैंकों के लिए मुश्किल हो जाता है। धोखाधड़ी की घटना और पता लगाने के बीच भी एक अंतराल है।
2. फिनटेक में धोखाधड़ी अभिशासन को मजबूत करने, धोखाधड़ियों के लिए प्रतिक्रिया समय को कम करने और वित्तीय धोखाधड़ी की घटना और पता लगाने के बीच अंतराल को कम करने में मुख्य भूमिका निभाने की क्षमता है। इससे उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण और इस तरह की धोखाधड़ी से होने वाले नुकसान को कम करने की उम्मीद है। 8 अक्टूबर 2021 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों के वक्तव्य में घोषित किए अनुसार, विनियामक सैंडबॉक्स के तहत चौथे कोहार्ट के लिए विषय के रूप में 'वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम और शमन' का चयन करने का निर्णय किया गया है, जिसके लिए विंडो की घोषणा नियत समय में की जाएगी।
3. इसके अलावा, पहले और दूसरे कोहार्ट से प्राप्त अनुभव और हितधारकों से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर, बंद कोहार्ट के विषयों के लिए 'मांग पर' आवेदन सुविधा को शामिल करने के लिए 'विनियामक सैंडबॉक्स के लिए रूपरेखा को सक्षम करना' को अद्यतन किया गया। तदनुसार, विषय 'खुदरा भुगतान' अब आवेदन के लिए खुला है। इस 'मांग पर' सुविधा से नवोन्मेषकों के साथ निरंतर नवाचार और जुड़ाव सुनिश्चित करने की उम्मीद है ताकि तेजी से विकसित हो रहे फिनटेक परिदृश्य से सक्रिय प्रतिक्रिया मिल सके।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1006 |