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अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में जमाराशि - मार्च 2023

9 जून 2023

अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में जमाराशि1 - मार्च 2023

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में जमाराशि – मार्च 2023’ का वेब प्रकाशन अपने भारतीय अर्थव्यवस्था संबंधी डेटाबेस (डीबीआईई) नामक पोर्टल (वेब-लिंक https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=BsrPublications) पर जारी2 किया।

अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) द्वारा मूलभूत सांख्यिकी विवरणी (बीएसआर)-2 सर्वेक्षण के अंतर्गत जमा राशि के प्रकार (चालू, बचत और अवधि) संबंधी शाखा-वार आंकड़े और उसके संस्थागत क्षेत्र-वार स्वामित्व, मीयादी जमा राशि के परिपक्वता पैटर्न के साथ-साथ कर्मचारियों की संख्या की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं। ये डेटा अलग-अलग स्तर (जैसे, जमाराशि का प्रकार, जनसंख्या समूह, बैंक समूह, राज्य, जिला, केंद्र, ब्याज दर सीमा, आकार, मूल तथा अवशिष्ट परिपक्तवता) पर जारी किए जाते हैं। व्यक्तिगत जमाकर्ताओं के आयु वर्ग के अनुसार जमाराशियों का संकलन भी इस दौर से शामिल किया गया है।

मुख्य बातें:

  • 2022-23 के दौरान एससीबी के पास जमाराशियों में 10.2 प्रतिशत (2021-22 में 10.0 प्रतिशत) की वृद्धि हुई।

  • मार्च 2023 के अंत तक कुल जमा राशि के पाँच हिस्से में एक हिस्से का योगदान वरिष्ठ नागरिकों का रहा। कुल मियादी जमा और बचत जमा में उनकी हिस्सेदारी क्रमशः 22.2 प्रतिशत और 21.3 प्रतिशत रही।

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की कुल जमाराशियों में महिला वरिष्ठ नागरिकों की हिस्सेदारी 7.2 प्रतिशत रही। कुल जमाराशियों में महिला ग्राहकों का योगदान मार्च 2023 में बढ़कर 20.5 प्रतिशत हो गया, जबकि एक वर्ष पहले यह 19.8 प्रतिशत था।

  • 2022-23 के दौरान मौद्रिक सख्ती के कारण, मियादी जमा पर प्रतिफल में, बचत जमाराशि पर ब्याज दर की तुलना में काफी अंतर था और तदनुसार, 2021-22 में 44.4 प्रतिशत की तुलना में मियादी जमा (73.2 प्रतिशत) के अंतर्गत जमाराशि का बहुत अधिक हिस्सा जुटाया गया था। मार्च 2023 में कुल जमाराशि में मियादी जमाराशियों का हिस्सा बढ़कर 56.9 प्रतिशत हो गया, जोकि एक वर्ष पहले 55.2 प्रतिशत था।

  • '1 वर्ष से 3 वर्ष से कम' की मूल परिपक्वता अवधि वाली मियादी जमाराशियों का हिस्सा मार्च 2023 के अंत में बढ़कर 64.2 प्रतिशत हो गया, जबकि एक वर्ष पहले यह 50.4 प्रतिशत था।

  • 6 प्रतिशत से 8 प्रतिशत से कम की ब्याज दर वाली टोकरी के अंतर्गत कुल जमाराशियों में मियादी जमाराशियों की हिस्सेदारी में काफी वृद्धि दर्ज की गई और पिछले वर्ष के 12.6 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2023 के अंत में 57.6 प्रतिशत हो गई।

  • संस्थागत स्वामित्व में, कुल जमाराशियों में घरेलू क्षेत्र3 की हिस्सेदारी 61.9 प्रतिशत थी। घरेलू क्षेत्र के भीतर, कुल जमाराशियों में व्यक्तिगत जमाराशियों की हिस्सेदारी 52.8 प्रतिशत थी।

  • निजी क्षेत्र के बैंकों ने 2022-23 के दौरान 45.6 प्रतिशत वृद्धिशील जमाराशि और 53.7 प्रतिशत परिवारों की जमाराशि को आकर्षित किया। मार्च 2023 के अंत तक कुल जमाराशियों में उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 32.8 प्रतिशत हो गई, जो पिछले वर्ष 31.5 प्रतिशत थी।

  • 2022-23 के दौरान आधे से अधिक परिवारों की जमाराशि पांच राज्यों, अर्थात्, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से आई।

अजीत प्रसाद  
निदेशक (संचार)

प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/385


1 मार्च 2023 के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए रिटर्न (आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 42 (2) के अंतर्गत एकत्र) पर आधारित सकल डेटा का प्रकाशन हमारी वेबसाइट (होम> सांख्यिकी> जारी आंकड़े> पाक्षिक - भारत में अनुसूचित बैंक की स्थिति का विवरण) में पहले ही किया जा चुका है।

2 मार्च 2023 से बीएसआर-2 सर्वेक्षण की आवृत्ति वार्षिक से बदलकर त्रैमासिक कर दी गई है। आरआरबी से संबंधित जमाराशियों को वार्षिक (31 मार्च को) आधार पर शामिल किया जाएगा। तदनुसार, वार्षिक बीएसआर-2 मार्च 2023 के साथ मार्च 2023 के लिए त्रैमासिक प्रकाशन भी जारी (वेब-लिंक:- https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=BsrPublications) किया गया है।

3 घरेलू क्षेत्र में अन्य के साथ-साथ एकल व्यक्ति, मालिकाना प्रतिष्ठान, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) और साझेदारी फर्म, शामिल हैं।


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