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तिमाही बीएसआर-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण – जून 2024

30 अगस्त 2024

तिमाही बीएसआर-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण – जून 2024

आज, रिज़र्व बैंक ने अपने ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस’ पोर्टल (https://data.rbi.org.in होमपेज > प्रकाशन) पर ‘तिमाही आधारभूत सांख्यिकी विवरणियाँ (बीएसआर)-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी)1 का बकाया ऋण - जून 20242’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन जारी किया। यह खाता-स्तरीय रिपोर्टिंग3 के आधार पर बैंक ऋण की विभिन्न विशेषताओं जैसे कि उधारकर्ता का व्यवसाय/ गतिविधि और संगठनात्मक क्षेत्र, खाते का प्रकार और ब्याज दरों को दर्शाता है। एससीबी (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) द्वारा रिपोर्ट किए गए डेटा बैंक समूहों, जनसंख्या समूहों4 और राज्यों के लिए प्रस्तुत किए जाते हैं।

मुख्य बातें:

  • जून 2024 में बैंक ऋण संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) पिछले वर्ष के 15.6 प्रतिशत से थोड़ी धीमी होकर विलय के बाद 15.0 प्रतिशत हो गई।

  • कुल बैंक ऋण में निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़कर 26.4 प्रतिशत हो गई (एक वर्ष पूर्व 25.7 प्रतिशत) क्योंकि बाद की तिमाहियों में ऋण संवृद्धि में तेजी आई।

  • कुल प्रदत्त ऋण में घरेलू क्षेत्र के व्यक्तियों की हिस्सेदारी 46.5 प्रतिशत है; इसमें महिलाओं द्वारा लिए गए ऋण की हिस्सेदारी धीरे-धीरे बढ़ रही है और जून 2024 में कुल ऋणों में 10.9 प्रतिशत (एक वर्ष पहले 10.3 प्रतिशत) हो गई ।

  • सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा क्रमिक (तिमाही-दर-तिमाही) के साथ-साथ वार्षिक (वर्ष-दर-वर्ष) आधार पर बैंक उधार और कुल ऋण में उनकी हिस्सेदारी जून 2024 में घटकर 13.5 प्रतिशत (एक वर्ष पहले 16.4 प्रतिशत) हो गई।

  • उद्योग जगत को प्रदत्त बैंक ऋण में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी हो रही है, हालांकि विस्तार की गति हेडलाइन ऋण संवृद्धि से कम बनी हुई है।

  • बैंक ऋणों में महानगरीय शाखाओं की हिस्सेदारी अधिक है; तथापि, कुल ऋण में उनकी हिस्सेदारी जून 2024 में घटकर 60.6 प्रतिशत रह गई है, जो एक वर्ष पूर्व 62.0 प्रतिशत थी, क्योंकि शहरी और अर्ध-शहरी शाखाओं ने बैंक ऋणों में उच्च वृद्धि दर्ज की है।

  • कुल ऋण में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी में गिरावट जारी रही और जून 2024 में यह 53.1 प्रतिशत (एक वर्ष पूर्व 55.8 प्रतिशत) रह गई, जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई।

  • भारित औसत उधार दर (डब्ल्यूएएलआर) जून 2024 में मामूली रूप से बढ़कर 10.23 प्रतिशत हो गई, जोकि पिछली तिमाही में 10.18 प्रतिशत और एक वर्ष पहले 10.15 प्रतिशत थी।

अजीत प्रसाद    
उप महाप्रबंधक (संचार)

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1014


1 जून 2024 के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए विवरणी (भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42(2) के अंतर्गत संकलित) पर आधारित बैंकिंग समुच्चय हमारी वेबसाइट (होम>सांख्यिकी>जारी आंकड़े>पाक्षिक> भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण) पर पहले ही प्रकाशित किए गए थे और चुनिंदा प्रमुख बैंकों द्वारा रिपोर्ट किए गए जून 2024 के लिए बैंक ऋण के क्षेत्र-वार अभिनियोजन पर समग्र स्तर का मासिक डेटा भी वेबसाइट (होम>सांख्यिकी> जारी आंकड़े >मासिक> बैंक ऋण का क्षेत्र-वार अभिनियोजन) पर जारी किया गया।

2 बीएसआर-1 के लिए संदर्भ तिथि तिमाही का अंतिम दिन है। इन आंकड़ों में 1 जुलाई 2023 से किसी गैर-बैंक के बैंक में विलय का प्रभाव शामिल है।

3 इस शृंखला में जारी पिछला आंकड़ा, जो मार्च 2024 के अंत की स्थिति को शामिल किया गया है, 4 जून 2024 को भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया था।

4 बीएसआर के लिए उपयोग किया जाने वाला जनसंख्या समूह मानदंड वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार संबंधित राजस्व केंद्र की जनसंख्या के आकार पर आधारित है, जहां एससीबी की शाखाएं संचालित हो रही हैं और इन्हें ए) 'ग्रामीण' (10,000 से कम जनसंख्या), बी) 'अर्ध-शहरी' (10,000 से 1 लाख से कम की आबादी), सी) 'शहरी' (1 लाख से 10 लाख से कम की आबादी), डी) 'मेट्रोपॉलिटन' (10 लाख और उससे अधिक की आबादी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।


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