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भुगतान एग्रीगेटर्स का विनियमन – बिक्री का भौतिक बिंदु - मसौदा

टिप्पणियों के लिए मसौदा परिपत्र

सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस-***/02-14-008/2024-25

जारी करने की तिथि

सभी भुगतान प्रणाली प्रदाता और भुगतान प्रणाली प्रतिभागी

महोदया / प्रिय महोदय,

भुगतान एग्रीगेटर्स का विनियमन – बिक्री का भौतिक बिंदु - मसौदा

कृपया भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के “भुगतान एग्रीगेटर्स और भुगतान गेटवे के विनियमन पर दिशानिर्देश” पर दिनांक 17 मार्च, 2020 के डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.1810/02.14.008/2019-20 और दिनांक 31 मार्च, 2021 के सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस 33/02-14-008/2020-2021 परिपत्रों और “भुगतान एग्रीगेटर्स का विनियमन – प्राधिकरण के लिए आवेदन जमा करने की समयसीमा – समीक्षा” पर दिनांक 28 जुलाई, 2022 के परिपत्र सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस -761/02-14-008/2022-23 का संदर्भ लें। भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में भुगतान एग्रीगेटर्स (पीए) के महत्व को ध्यान में रखते हुए, इन परिपत्रों में, अन्य बातों के साथ-साथ, आरबीआई द्वारा ऑनलाइन/ई-कॉमर्स भुगतान लेनदेन की सुविधा प्रदान करने वाले पीए के प्रत्यक्ष विनियमन और प्राधिकरण का प्रावधान किया गया है।

2. भारत में भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में (i) ऑनलाइन पीए (जिसे आगे पीए - ऑनलाइन बिक्री केन्द्र (पीए - ओ) कहा जाएगा), और (ii) पीए जो आमने-सामने / निकटता भुगतान लेनदेन की सुविधा प्रदान करते हैं (जिसे आगे पीए - भौतिक बिक्री केन्द्र (पीए - पी) कहा जाएगा)। भुगतान विजन 2025 में पीए-पी के प्रत्यक्ष विनियमन की परिकल्पना की गई है और इस आशय की घोषणा 30 सितंबर, 2022 को "विकासात्मक और नियामक नीतियों पर वक्तव्य" में की गई थी।

3. तदनुसार, आमने-सामने/निकटवर्ती भुगतान लेनदेन (पीए-पी) में प्रवृत्त संस्थाओं के लिए दिशानिर्देश अनुबंध में दिए गए हैं।

4. 17 मार्च 2020 और 31 मार्च 2021 के आरबीआई परिपत्रों के सभी अन्य प्रावधान और उनमें कोई भी सुधार/ संशोधन, जो अनुबंध में प्रदान नहीं किये गये है, पीए-पी पर आवश्यक परिवर्तनों सहित लागू होंगे।

5. यह निदेश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 10 (2) के साथ पठित धारा 18 के तहत जारी किया गया है।

भवदीय,

प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

संलग्न: उपरोक्त


अनुबंध

(आरबीआई परिपत्र सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं. एस-*** / 02-14-008 / 2024-25 दिनांक ***** **, ****)

1. प्राधिकरण की आवश्यकता

1.1. बैंक अपने सामान्य बैंकिंग संबंधों के भाग के रूप में भौतिक पीए सेवाएं प्रदान करते हैं, और इसलिए, इस उद्देश्य के लिए आरबीआई से अलग से प्राधिकरण की आवश्यकता नहीं होती है। उन्हें इस परिपत्र के जारी होने की तारीख से तीन महीने के भीतर इन निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।

1.2. इस परिपत्र की तिथि तक पीए-पी सेवाएं प्रदान करने वाली गैर-बैंकिंग संस्थाएं, इस परिपत्र के जारी होने से 60 दिनों के भीतर आरबीआई को प्राधिकरण प्राप्त करने के अपने मंतव्य के बारे में सूचित करेंगी। उन्हें नीचे दिए गए विवरण के अनुसार 31 मई, 2025 तक आरबीआई को प्राधिकरण के लिए फॉर्म ए (जैसा कि 17 मार्च, 2020 के परिपत्र में प्रदान किया गया है) में आवेदन करना होगा; उन्हें तब तक अपना परिचालन जारी रखने की अनुमति दी जाएगी जब तक कि उन्हें अपने आवेदन के स्थिति के बारे में आरबीआई से कोई सूचना नहीं मिल जाती।

1.3. गैर-बैंक पीए-ओ - अधिकृत और साथ ही वे जिनके प्राधिकरण के लिए आवेदन आरबीआई के पास लंबित हैं - यदि वे अपनी मौजूदा पीए-पी गतिविधि को जारी रखना चाहते हैं, तो उन्हें इस परिपत्र की तारीख से 60 कैलेंडर दिनों के भीतर भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग (डीपीएसएस), आरबीआई, केंद्रीय कार्यालय (सीओ) से अनुमोदन प्राप्त करना होगा।

1.4. वर्तमान में इस गतिविधि को अंजाम देने वाली संस्थाओं को इस परिपत्र की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर अभिशासन, मर्चेंट ऑन-बोर्डिंग, ग्राहक शिकायत निवारण और विवाद प्रबंधन ढांचे, आधारभूत प्रौद्योगिकी अनुशंसाएँ, सुरक्षा, धोखाधड़ी की रोकथाम और जोखिम प्रबंधन ढांचे (17 मार्च, 2020 के परिपत्र में प्रदान किए गए) पर दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए। संस्था को इसके बाद निरंतर आधार पर इन दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। प्राधिकरण / अनुमोदन के लिए आवेदन संसाधित करते समय इन दिशानिर्देशों का निरंतर पालन करने पर विचार किया जाएगा।

1.5. भविष्य में, कोई प्राधिकृत गैर-बैंक पीए-ओ (या पीए-पी) जो भौतिक (या ऑनलाइन) पीए गतिविधि (जैसा भी मामला हो) शुरू करना चाहता है, उसे ऐसा व्यवसाय शुरू करने से पहले डीपीएसएस, आरबीआई, केन्द्रीय कार्यालय, से अनुमोदन लेना होगा।

2. निवल मूल्य मानदंड

2.1. इस परिपत्र की तिथि तक पीए-पी सेवाएं प्रदान करने वाले गैर-बैंकों के पास आरबीआई को प्राधिकरण के लिए आवेदन प्रस्तुत करते समय न्यूनतम निवल मूल्य 15 करोड़ और 31 मार्च 2028 तक न्यूनतम निवल मूल्य 25 करोड़ होनी चाहिए। उसके बाद हर समय 25 करोड़ का निवल मूल्य बनाए रखा जाएगा।

2.2. नए गैर-बैंक पीए-पी (ऐसी संस्थाएं जिन्होंने इस परिपत्र की तिथि से पहले परिचालन शुरू नहीं किया है) के पास आरबीआई को प्राधिकरण के लिए आवेदन जमा करने के समय न्यूनतम 15 करोड़ का निवल मूल्य होनी चाहिए और प्राधिकरण दिए जाने के तीसरे वित्तीय वर्ष के अंत तक न्यूनतम 25 करोड़ का निवल मूल्य प्राप्त करनी होगी। उसके बाद हर समय 25 करोड़ की निवल मूल्य बनाए रखी जाएगी। उदाहरण के लिए, यदि संस्था को 1 अक्टूबर, 2025 को प्राधिकरण प्रमाणपत्र दिया जाता है, तो उसे 31 मार्च, 2028 तक 25 करोड़ के निवल मूल्य की प्राप्त करनी होगी।

2.3. आवेदन के भाग के रूप में, गैर-बैंक पीए-पी (इस परिपत्र की तिथि पर विद्यमान) अपने साविधिक लेखा परीक्षक से एक प्रमाण पत्र (17 मार्च, 2020 के परिपत्र में निर्धारित प्रारूप) प्रस्तुत करेंगे, साथ ही वित्तीय खातों के नवीनतम लेखापरीक्षित विवरण भी प्रस्तुत करेंगे, ताकि लागू निवल मूल्य मानदंड के अनुपालन का प्रमाण दिया जा सके। नवगठित गैर-बैंक पीए-पी, जिनके पास वित्तीय खातों का लेखापरीक्षित विवरण नहीं हो सकता है, उन्हें अनंतिम बैलेंस शीट के साथ वर्तमान निवल मूल्य के बारे में अपने साविधिक लेखा परीक्षक से एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

2.4. सभी मौजूदा गैर-बैंक पीए-पी जो निवल मूल्य आवश्यकता का अनुपालन करने में सक्षम नहीं हैं या निर्धारित समय सीमा के भीतर प्राधिकरण के लिए आवेदन नहीं करते हैं, उन्हें 31 जुलाई 2025 तक पीए-पी गतिविधि को समाप्त करना होगा।

2.5. बैंक, गैर-बैंक पीए-पी (इस परिपत्र की तिथि तक विद्यमान) के खातों (पीए गतिविधि के लिए प्रयुक्त) को 31 अक्टूबर, 2025 तक बंद कर देंगे, जब तक कि ऐसे पीए आरबीआई को प्रस्तुत प्राधिकरण के लिए आवेदन के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करते।


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