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सरकार का बैंक और ऋण प्रबंधक

सरकार के बैंकिंग लेनदेनों का प्रबंध करना रिज़र्व बैंक की प्रमुख भूमिका है। सरकार को व्‍यक्ति, कारोबार और बैंकों की भांति अपने वित्‍तीय लेनदेनों, जिसके अंतर्गत जनता से संसाधनों का जुटाया जाना भी शामिल है, को दक्षतापूर्वक और प्रभावी तरीके से पूरा करने के लिए एक बैंकर की आवश्‍यकता पड़ती है।

अधिसूचनाएं


रिटेल डायरेक्ट योजना - मार्केट मेकिंग

आरबीआई/2021-22/147
आईडीएमडी.पीडीआरडी.सं. एस1617/03.64.023/2021-22

04 जनवरी 2022

सभी प्राथमिक डीलर्स

महोदय/महोदया

रिटेल डायरेक्ट योजना - मार्केट मेकिंग

आरबीआई रिटेल डायरेक्ट योजना को 12 नवंबर 2021 को जारी किया गया जो रिटेल निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की समग्र-सेवा पहुँच उपलब्ध कराता है। इस संबंध में, द्वितीयक बाज़ार में तरलता उपलब्ध कराने के लिए, जहां प्राथमिक डीलर्स एनडीएस-ओएम प्लेटफॉर्म (विषम मात्रा और उद्धरण खंड के लिए आवेदन) पर मार्केट के पूरे समय में उपस्थित होंगे और रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खाता धारकों (आरडीजीएएच) से खरीद/बिक्री आवेदनों को जवाब देंगे, जो अनुलग्नक के रूप में संलग्न है।

भवदीया

(लता विश्वनाथ)
महाप्रबंधक

संलग्न: यथोक्त


आरबीआई रिटेल डायरेक्ट योजना – मार्केट मेकिंग

सरकारी प्रतिभूति अधिनियम 2006 के खंड 29 (2) के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों के प्रयोग में, भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वारा निम्न मार्केट मेकिंग योजना को जारी करता है:

1. योजना का उद्देश्य

रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (आरडीजी) खाताधारकों को मूल्य/उद्धरण उपलब्ध करके सरकारी प्रतिभूतियों में रिटेल भागीदारी को बढ़ावा देना, जिससे वे भारतीय रिजर्व बैंक की रिटेल डायरेक्ट योजना के तहत प्रतिभूतियों को खरीदने/बेचने में सक्षम हो सकें।

2. परिभाषाएँ

इस योजना में, जब तक कि संदर्भ अन्यथा की आवश्यकता न हो:

क. इस योजना के उद्देश्य के लिए “सरकारी प्रतिभूतियों” का अर्थ सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 के खंड 3(iii) के अंतर्गत यथा परिभाषित आरबीआई के साथ रखे गए एसजीएल/सीएसजीएल खाते को क्रेडिट द्वारा स्टॉक के रूप में जारी प्रतिभूति से है;

ख. “तरल प्रतिभूति” का अर्थ लघु बिक्री लेन-देन हेतु ‘तरल प्रतिभूति’ के रूप में भारतीय नियत आय मुद्रा और व्युत्पन्नी संघ (एफ़आईएमएमडीए)/ वित्तीय बेंचमार्क इंडिया लिमिटेड (एफ़बीआईएल) द्वारा चिन्हित और प्रकाशित प्रतिभूति।

ग. “एनडीएस-ओएम” या तयशुदा लेन-देन प्रणाली- ऑर्डर मिलान का अर्थ द्वितीयक बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों में ट्रेडिंग के लिए आरबीआई की स्क्रीन आधारित, अनाम इलेक्ट्रॉनिक ऑर्डर मिलान प्रणाली;

घ. “विषम-लॉट खंड” एनडीएस-ओएम के विषम-लॉट खंड को संदर्भित करता है;

ङ. “प्राथमिक डीलर्स” का अर्थ सरकारी प्रतिभूतियों में प्राथमिक डीलरशिप गतिविधियों को करने के लिए आरबीआई द्वारा प्राधिकृत संस्थाएं;

च. “उद्धरण सेगमेंट हेतु आवेदन (आरएफ़क्यू)’ आरबीआई के एनडीएस-ओएम प्रणाली के ऑन-स्क्रीन निगोशिएशन प्रणाली को संदर्भित;

छ. “रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (आरडीजी) खाता” का अर्थ रिटेल डायरेक्ट योजना के अंतर्गत आरबीआई के बही में रखे गए गिल्ट खाते;

ज. “रिटेल डायरेक्ट योजना” व्यैकतिक निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूति में निवेश की सुविधा के लिए तैयार की गई आरबीआई रिटेल डायरेक्ट योजना।

3. लागू संस्थाएं

सभी प्राथमिक डीलर्स।

4. प्राथमिक डीलरों की बाध्यताएँ:

क. विषम लॉट खंड में :

प्राथमिक डीलर (पीडी) नीचे के रूप में एनडीएस-ओएम विषम लॉट सेगमेंट पर खरीदने और बेचने के उद्धरण प्रदान कर सकते हैं:

  1. सभी पीडी बाजार के पूरे समय में तरल प्रतिभूतियों के खरीद/बिक्री उद्धरण को उपलब्ध कराता है। वैकल्पिक रूप से, द्वितीयक बाजार ट्रेडिंग समय को अलग-अलग समय में विभाजित किया जा सकता है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पीडी तरल प्रतिभूतियों के लिए इन समय स्लॉट के दौरान खरीद / बिक्री उद्धरण प्रदान करते हैं जो उनके पास है। भारतीय प्राथमिक व्यापारी संघ पीडी के बीच में समय के विभाजन को आवंटित करता है और उक्त को आईडीएमडी,आरबीआई को सूचित करता है।

  2. पीडी पूरे प्रयास के आधार पर विषम-लॉट सेगमेंट पर टर्नओवर प्राप्त करने का पर्यटन करते हैं।

ख. कोट सेगेमेंट हेतु (आरएफ़क्यू) आवेदन:

  1. पीडी बाजार के समय में आरएफ़क्यू प्लेटफॉर्म पर प्रस्तुत करते हैं।

  2. रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खाता से खरीद/बिक्री हेतु आवेदन बाज़ार संबंधी उद्धरण के साथ पीडी द्वारा जवाब दिया जाए।

5. आरएफ़क्यू सेगमेंट में आरडीजी खाताधारकों के साथ लेन-देन के लिए सरलीकृत केवाईसी

धन-शोधन निवारण (अभिलेखों का रख-रखाव) नियम, 2005 के नियम (9) उप-नियम 14 खंड (i) ग्राहकों की पहचान के सत्यापन हेतु सरलीकृत उपाय उपलब्ध कराता है। अतः, इसके द्वारा यह निर्धारित किया जाता है कि पीडी रिटेल डायरेक्ट योजना के अंतर्गत किए गए आरजीडी खाता धारकों के अपने ग्राहक को जाने (केवाईसी) सत्यापन पर निर्भर होंगे। एनडीएस-ओम के आरएफक्यू खंड पर आरडीजी खाताधारकों के साथ लेन-देन के लिए आगे कोई केवाईसी सत्यापन की आवश्यकता नहीं है।

6. बाध्यताओं को पूरा करने के लिए सुविधाएं/प्रोत्साहन:

क. आरबीआई के साथ प्रतिभूतियों को स्विच करना – विशेष स्विच विंडों पीडी के लिए प्रत्येक माह खोली जाएगी, जिसमें पीडी आरएफक्यू सेगमेंट के माध्यम से प्राप्त की गई तरल / अर्ध-तरल प्रतिभूतियों को आरबीआई से तरल प्रतिभूतियों के साथ आरडीजी खाताधारकों से एफबीआईएल / बाजार मूल्यों पर तरल प्रतिभूतियों के साथ स्विच कर सकते हैं।

ख. मध्य खंड और रिटेल निवेशकों के साथ टर्नओवर प्राप्त करने के लिए पीडी हेतु वार्षिक लक्ष्य में सफल ट्रेडों को शामिल करना – खुदरा प्रत्यक्ष योजना के तहत सभी सफल ट्रेडों को क्रमशः प्रत्येक पीडी के लिए निर्धारित मध्य-खंड और खुदरा निवेशकों के साथ कारोबार के लिए वार्षिक लक्ष्य को पूरा करने के लिए गिना जाएगा।

7. कार्य निष्पादन निगरानी:

  1. प्राथमिक डीलर्स आरएफ़क्यू खंड में सफल ट्रेड के क्रियान्वित होने पर अनुलग्नक - I में दिये गए प्रारूप के अनुसार मासिक या निम्न माह के 10 तारीख से पहले आईडीएमडी,आरबीआई को रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।

  2. प्राथमिक डीलर्स अनुलग्नक – II में दिये गए प्रारूप के अनुसार वित्तीय वर्ष की समाप्ति से 15 दिवस में ही वार्षिक आधार पर द्वितीयक बाज़ार पर प्राप्त कुल टर्नओवर और विषम लॉट सेगमेंट के माध्यम से प्राप्त टर्नओवर पर रिपोर्ट आईडीएमडी,आरबीआई को प्रस्तुत करेगा।

  3. रिपोर्ट को ई-मेल के माध्यम से आईडीएमडी, आरबीआई को भेजा जाएगा।

  4. आरडीजी खाताधारकों के साथ पीडी द्वारा क्रियान्वित ट्रेडों के ऑडिट लॉग को सत्यापन के लिए, यदि आवश्यक है तो अनुरक्षित रखा जाएगा।

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