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वित्तीय समावेशन और विकास

यह कार्य वित्तीय समावेशन, वित्तीय शिक्षण को बढ़ावा देने और ग्रामीण तथा एमएसएमई क्षेत्र सहित अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्ध कराने पर नवीकृत राष्ट्रीय ध्यानकेंद्रण का सार संक्षेप में प्रस्तुत करता है।

अधिसूचनाएं


उद्यम सहायता मंच पर अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों का औपचारिकीकरण

भा.रि.बैंक/2023-24/27
विसविवि.एमएसएमई और एनएफएस.बीसी.सं.09/06.02.31/2023-24

09 मई 2023

अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी वाणिज्यिक बैंक
(लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित)
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक
/ जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं
सभी गैर-बैंकिंग वि‍त्तीय कंपनियां

महोदया/ महोदय,

उद्यम सहायता मंच पर अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों का औपचारिकीकरण

कृपया 'सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की नई परिभाषा – स्पष्टीकरण’ पर दिनांक 21 अगस्त 2020 के परिपत्र विसविवि.एमएसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं.4/06.02.31/2020-21 का संदर्भ ग्रहण करें, जिसमें सभी ऋणदाताओं को एमएसएमई के रूप में संस्थाओं के वर्गीकरण के लिए 'उद्यम रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र’ प्राप्त करने हेतु सूचित किया गया था।

2. उद्यम सहायता प्रमाणपत्र को ऑनलाइन जारी करने के माध्यम से अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) के औपचारिकीकरण को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ('एमएसएमई') ने उद्यम सहायता मंच (यूएपी) को आरम्भ किया है। मंच (प्लेटफॉर्म) पर पंजीकरण नामित एजेंसियों की सहायता से किया जाता है जो आरबीआई द्वारा विनियमित संस्थाएं हैं (अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों आदि सहित)।

3. भारत सरकार ने दिनांक 20 मार्च 2023 की राजपत्र अधिसूचना एस.ओ. 1296(ई), द्वारा निर्दिष्ट किया है कि यूएपी पर आईएमई को जारी किए गए प्रमाण पत्र को प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को ऋण (पीएसएल) के लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से उद्यम रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र के बराबर माना जाएगा।

4. भारत सरकार ने आरबीआई को स्पष्ट किया है कि आईएमई वे उद्यम हैं जो स्थायी खाता संख्या (पैन) या माल और सेवा कर पहचान संख्या (जीएसटीआईएन) जैसे अनिवार्य रूप से आवश्यक दस्तावेजों की कमी के कारण उद्यम रजिस्ट्रीकरण पोर्टल (यूआरपी) पर पंजीकृत होने में असमर्थ हैं। इसलिए ऐसे उद्यम सरकारी योजनाओं या कार्यक्रमों का लाभ उठाने में असमर्थ हैं। इसके अतिरिक्त, यह स्पष्ट किया गया है कि केंद्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के तहत रिटर्न फाइल करने से छूट प्राप्त उद्यमों का आवर्तन (टर्नोवर) यूएपी के प्रयोजन हेतु आईएमई के रूप में परिभाषित किए जाने के लिए एकमात्र मानदंड होगा। तदनुसार, आईएमई वे उद्यम हैं जो माल और सेवा कर व्यवस्था में शामिल नहीं हैं।

5. एक बार आईएमई के अनिवार्य रूप से आवश्यक दस्तावेज प्राप्त कर लेने के पश्चात, यूएपी से यूआरपी में आईएमई के परिवर्तन (ट्रांजिशन) और माइग्रेशन को सक्षम करने के लिए यूएपी और उद्यम रजिस्ट्रीकरण पोर्टल (यूआरपी) के बीच एक इंटरफेस बनाया गया है।

6. उपर्युक्त अधिसूचना और स्पष्टीकरण को ध्यान में रखते हुए, उद्यम सहायता प्रमाणपत्र प्राप्त आईएमई को पीएसएल वर्गीकरण के प्रयोजनों के लिए एमएसएमई के तहत सूक्ष्म उद्यम के रूप में माना जाएगा।

भवदीया

(निशा नम्बियार)
मुख्य महाप्रबंधक

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