आरबीआई/2023-24/30
केंका.विबाविवि.डीआईआरडी.01/14.02.001/2023-24
12 मई, 2023
सेवा में,
मुख्य कार्यपालक अधिकारी/ अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक,
सभी वाणिज्यिक व सहकारी बैंक / अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान l/ आवास वित्त कंपनियां और स्टैंडअलोन
प्राइमरी डीलर सहित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां
महोदया/प्रिय महोदय,
लाइबोर संक्रमण
दिनांक 08 जुलाई, 2021 के रिज़र्व बैंक की परामर्शिका "लाइबोर संक्रमण के लिए दिशाचित्र" पर बैंकों/वित्तीय संस्थानों (एफआई) का ध्यान अपेक्षित है, जिसमें बैंक/वित्तीय संस्थानों को अन्य बातों के साथ-साथ (i) उनको और उनके ग्राहकों को एसे नए वित्तीय अनुबंधों जो लंदन अंतरबैंक प्रस्तावित दर (लाइबोर) को बेंचमार्क के रूप में संदर्भित करते हैं, में प्रवेश न करने और इसके बजाय यथाशीघ्र संभव हो और किसी भी मामले में 31 दिसंबर, 2021 तक किसी भी व्यापक रूप से स्वीकृत वैकल्पिक संदर्भ दर (एआईआई) का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया (ii) सभी वित्तीय अनुबंधों में सुदृढ़ फॉलबैक खंड को शामिल करने का आग्रह किया गया है जो लाइबोर को संदर्भित करते हैं और जिनकी परिपक्वता लाइबोर सेटिंग्स की घोषित समाप्ति तिथि के पश्चात थी।
2. बैंकों/वित्तीय संस्थानों के साथ-साथ भारतीय बैंक संघ जैसे उद्योग संघों के ठोस प्रयासों से, 31 दिसंबर, 2021 के बाद प्रकाशित/गैर-प्रतिनिधि बनने वाली लाइबोर सेटिंग्स के संबंध में एक सहज संक्रमण हासिल किया गया है। पांच परिपक्वता कालों में यूएस $ लाइबोर सेटिंग्स के निरंतर प्रकाशन द्वारा भी लाइबोर से भिन्न संक्रमण को सहायता मिली, जिसने विशेष रूप से पारंपिरिक वित्तीय अनुबंधों में फॉलबैक खंड के सम्मिलन के लिए एक लंबी संक्रमण अवधि प्रदान की थी जो लाइबोर को संदर्भित करते हैं। नए लेनदेन अब मुख्य रूप से एआरआर जैसे सुरक्षित एकदिवसीय वित्तीयन दर (एसओएफआर) और आशोधित मुंबई अंतरबैंक वायदा एकमुश्त दर (एमएमआईएफओआर) का उपयोग करके किए जाते हैं। साथ ही, 1 जनवरी, 2022 के बाद बैंकों/वित्तीय संस्थानों द्वारा किए गए कुछ यूएस डॉलर लाइबोर से जुड़े वित्तीय अनुबंधों के उदाहरण सामने आए हैं। इसके अलावा, जबकि बैंकों ने सूचित किया है कि फॉलबैक खंड शामिल करने की दिशा में पर्याप्त प्रगति हुई है, उन सभी अनुबंधों के लिए जिनमें जहां ऐसे फॉलबैक को शामिल करने की आवश्यकता है, प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है।
3. 30 जून, 2023 के बाद, शेष पांच यूएस $ लिबोर सेटिंग्स का प्रकाशन स्थायी रूप से बंद हो जाएगा। हालांकि कुछ संश्लिष्ट लाइबोर सेटिंग्स 30 जून, 2023 के बाद प्रकाशित होती रहेंगी, वित्तीय आचरण प्राधिकरण (एफसीए), यूके, जो लाइबोर को नियंत्रित करते है, ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इन सेटिंग्स का उपयोग नए वित्तीय अनुबंधों में नहीं किया जाना है। यूएस $ के लिबोर पर निर्भर घरेलू ब्याज दर बेंचमार्क एमआईएफओआर का प्रकाशन भी 30 जून, 2023 के बाद फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एफबीआईएल) द्वारा नहीं किया जाएगा।
4. बैंकों/वित्तीय संस्थानों से यह अपेक्षित है कि वह सुनिश्चित करें कि उनके या उनके ग्राहकों द्वारा यूएस $ लिबोर या एमआईएफओआर का उपयोग करके कोई भी नया लेनदेन न किए जाएं। बैंकों/वित्तीय संस्थानों को यह भी सूचित किया जाता है कि वे उन सभी शेष पारंपरिक वित्तीय संविदाओं में फॉलबैक शामिल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं जो यूएस डॉलर लाइबोर (एमआईएफओआर को संदर्भित करने वाले लेन-देन सहित) को संदर्भित करते हैं। ऐसे संविदओं में फॉलबैक को जल्द से जल्द शामिल किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी शेष यूएस $ लाइबोर से जुड़े संविदाओं संक्रमण जून 2023 समाप्ति की समय सीमा से पहले पूरा हो जाए और फॉलबैक डालने के लिए अंतिम समय की भीड़ के कारण किसी भी व्यवधान से बचा जा सके। बैंकों/वित्तीय संस्थानों को यह परामर्श दिया जाता है कि वे पारंपरिक संविदाओं में फॉलबैक के विकल्प के रूप में संश्लिष्ट लाइबोर दरों की उपलब्धता पर निर्भर न रहें।
5. बैंकों/वित्तीय संस्थानों से यह अपेक्षित है कि उन्होने 1 जुलाई, 2023 से लाइबोर से भिन्न पूर्ण संक्रमण का प्रबंधन करने के लिए प्रणालियों और प्रक्रियाओं को विकसित किया है। संबंधित जोखिमों के प्रबंधन के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में ग्राहकों को संवेदनशील बनाने में निरंतर प्रयास संक्रमण के अंतिम चरण को सुचारू रूप से पूरा करने में सहायक होंगे।
6. रिज़र्व बैंक लाइबोर से सुचारू संक्रमण सुनिश्चित करने के लिए बैंकों / वित्तीय संस्थानों के प्रयासों की निगरानी करना जारी रखेगा।
भवदीया,
(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबंधक |