यद्यपि यह भूमिका हमारी गतिविधियों का एक ऐसा पहलू है, जिसके संबंध में स्पष्ट रूप से कहीं उल्लेख तो नहीं है, किंतु अति महत्वपूर्ण गतिविधियों की श्रेणी में इसकी गिनती की जाती है। इसके अंतर्गत अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत संरचना के निर्माण हेतु संस्थाओं की स्थापना करना, किफायती वित्तीय सेवाओं की सुलभता बढ़ाना तथा वित्तीय शिक्षण एवं साक्षरता को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।
भारिबै/2023-24/125 विवि.एफ़आईएन.आरईसी.77/03.10.123/2023-24
22 फरवरी 2024
बैंक की सभी विनियमित संस्थाएँ
महोदया/महोदय,
एकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क के तहत वित्तीय सूचना प्रदाता के रूप में भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड को शामिल करना
कृपया मास्टर निर्देश - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी - एकाउंट एग्रीगेटर (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2016 का संदर्भ लें।
2. आरबीआई रिटेल डायरेक्ट योजना (‘योजना’) को 12 नवंबर 2021 को आरंभ किया था ताकि खुदरा निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की सुविधा प्रदान की जा सकें। यह योजना व्यक्तियों को रिजर्व बैंक के साथ रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खाते खोलने और सरकारी प्रतिभूति बाजार - प्राथमिक और द्वितीयक दोनों का एक्सेस प्रदान करती है। योजना के तहत खुदरा निवेशकों द्वारा अपने रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खातों में रखी गई सरकारी प्रतिभूतियों की वित्तीय जानकारी के एकत्रीकरण के लिए, भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआईएल) को वित्तीय सूचना प्रदाता के रूप में शामिल किया गया है।
3. तदनुसार मास्टर निर्देश - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी - एकाउंट एग्रीगेटर (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2016 को संशोधित किया जा रहा है।
भवदीय,
(जे.पी. शर्मा) मुख्य महाप्रबंधक