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सरकार का बैंक और ऋण प्रबंधक

सरकार के बैंकिंग लेनदेनों का प्रबंध करना रिज़र्व बैंक की प्रमुख भूमिका है। सरकार को व्‍यक्ति, कारोबार और बैंकों की भांति अपने वित्‍तीय लेनदेनों, जिसके अंतर्गत जनता से संसाधनों का जुटाया जाना भी शामिल है, को दक्षतापूर्वक और प्रभावी तरीके से पूरा करने के लिए एक बैंकर की आवश्‍यकता पड़ती है।

अधिसूचनाएं


राज्य सरकार प्रतिभूतियों में स्ट्रिपिंग/पुनर्गठन

आरबीआई/2025-26/54
आईडीएमडी.आरडी.S390/10.18.060/2025-26

जून 12, 2025

सभी बाज़ार प्रतिभागी

महोदया/ महोदय,

राज्य सरकार प्रतिभूतियों में स्ट्रिपिंग/पुनर्गठन

कृपया 07 अगस्त 2019 को घोषित विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के पैरा संख्या 1, जो संबंधित राज्य सरकारों के परामर्श से राज्य विकास ऋण1 (एसडीएल) के लिए स्ट्रिपिंग/पुनर्गठन सुविधा आरंभ करने के प्रस्ताव से संबंधित है, का संदर्भ ग्रहण करें।

2. विभिन्न राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों के साथ परामर्श और बाजार प्रतिभागियों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर, राज्य सरकार प्रतिभूतियों (एसजीएस) में प्रतिभूतियों के पंजीकृत ब्याज और मूलधन की अलग-अलग ट्रेडिंग (स्ट्रिप्स) शुरू करने का निर्णय लिया गया है। यह केंद्र सरकार की पात्र दिनांकित प्रतिभूतियों में 1 अप्रैल, 2010 से  अनुमति प्राप्त स्ट्रिपिंग/पुनर्गठन के अतिरिक्त होगा। आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित दिनांक 29 मई, 2025 की संबंधित अधिसूचना संलग्न है।

3. पात्र प्रतिभूतियाँ

राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा जारी सभी नियत कूपन प्रतिभूतियां जिनकी अवशिष्ट परिपक्वता 14 वर्ष तक है तथा स्ट्रिपिंग के दिन न्यूनतम बकाया 1,000 करोड़ है, बशर्ते कि ऐसी प्रतिभूतियों को सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) अपेक्षाओं की पूर्ति के उद्देश्य से पात्र निवेश के रूप में माना जाता है तथा वे हस्तांतरणीय हैं।

4. अनुरोध प्रस्तुत करना

(क) भारतीय रिज़र्व बैंक के पास एसजीएल खाता रखने वाले बाजार प्रतिभागी स्ट्रिपिंग/पुनर्गठन के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक कोर बैंकिंग समाधान (ई-कुबेर प्रणाली) में सीधे अनुरोध कर सकते हैं।

(ख) गिल्ट खाताधारकों द्वारा स्ट्रिपिंग/पुनर्गठन के लिए अनुरोध भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ सीएसजीएल खाता रखने वाले अपने संबंधित अभिरक्षकों के पास किया जाएगा और इसके उपरांत, अभिरक्षक, अपने घटकों की ओर से ई-कुबेर में अनुरोध करेंगे।

5. नामकरण

एसजीएस में स्ट्रिप्स के लिए आईएसआईएन और नामकरण, केंद्र सरकार की दिनांकित प्रतिभूतियों में स्ट्रिप्स के समान होगा। इस संबंध में एक उदाहरण अनुबंध में दिया गया है।

6. आरबीआई की 16 अक्टूबर, 2009 और 10 अप्रैल, 2018 की अधिसूचनाओं में निर्धारित सभी अन्य नियम और शर्तें, यथोचित परिवर्तन सहित, एसजीएस में स्ट्रिपिंग/पुनर्गठन पर लागू होंगी। साथ ही, हमारे 25 मार्च, 2010 के परिपत्र और उसमें संदर्भित किसी अन्य परिपत्र में निहित सरकारी प्रतिभूतियों की स्ट्रिपिंग/पुनर्गठन पर दिशानिर्देश, समय-समय पर यथासंशोधित, एसजीएस में स्ट्रिपिंग/पुनर्गठन पर भी लागू होंगे।

7. एसजीएस में स्ट्रिपिंग/पुनर्गठन इस परिपत्र की तिथि से प्रभावी होगा।

भवदीय,

(राकेश त्रिपाठी)
मुख्य महाप्रबंधक

संलग्नक: यथोक्त


1 राज्य विकास ऋण अब राज्य सरकार प्रतिभूति के रूप में जाने जाते हैं।

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