19 जून 2025
आरबीआई ने भारतीय रिज़र्व बैंक (परियोजना वित्त) निदेश, 2025 जारी किया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 मई 2024 को हितधारकों की टिप्पणियों के लिए 'अग्रिमों से संबंधित आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण के लिए विवेकपूर्ण ढांचा - कार्यान्वयन के अधीन परियोजनाएं' संबंधी दिशानिर्देश का मसौदा जारी किया था। दिशानिर्देशों के मसौदे में अंतर्निहित जोखिमों पर ध्यान देते हुए विनियमित संस्थाओं (आरई) द्वारा परियोजना ऋणों के वित्तपोषण के लिए एक सक्षम ढांचे का प्रस्ताव दिया गया था।
2. हितधारक से परामर्श संबंधी प्रक्रिया के भाग के रूप में, बैंकों, एनबीएफसी, उद्योग संघों, शिक्षाविदों, कानूनी फर्मों, व्यक्तियों और केंद्र सरकार सहित लगभग 70 संस्थाओं से इनपुट/ फीडबैक प्राप्त हुए। प्राप्त इनपुट/ फीडबैक की जांच की गई है और अंतिम निदेशों को औपचारिक रूप देते समय उन्हें उचित रूप से शामिल किया गया है, जिन्हें आज रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किया गया है। निदेशों में, अन्य बातों के साथ-साथ, निम्नलिखित बातें शामिल हैं:
-
निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए मानक आस्ति प्रावधानीकरण आवश्यकता को 1% तक युक्तिसंगत बनाया गया है, जो डीसीसीओ स्थगन की प्रत्येक तिमाही के लिए क्रमिक रूप से बढ़ेगा। तथापि, निर्माणाधीन सीआरई एक्सपोजर के लिए आवश्यकताएं थोड़ी अधिक अर्थात 1.25% होंगी।
भारतीय रिज़र्व बैंक (परियोजना वित्त) निदेश, 2025, दिनांक 1 अक्तूबर 2025 से लागू होंगे।
(पुनीत पंचोली)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/563
|