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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


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18 नवंबर 2024 को मुंबई में आयोजित निजी क्षेत्र के बैंकों के निदेशक मंडल का सम्मेलन

18 नवंबर 2024

18 नवंबर 2024 को मुंबई में आयोजित निजी क्षेत्र के बैंकों के निदेशक मंडल का सम्मेलन

रिज़र्व बैंक ने आज मुंबई में निजी क्षेत्र के बैंकों के निदेशक मंडल का एक सम्मेलन आयोजित किया, जिसका विषय था ‘सुदृढ़ बोर्ड के माध्यम से परिवर्तनकारी अभिशासन’। यह रिज़र्व बैंक द्वारा निजी क्षेत्र के बैंकों के बोर्ड के साथ आयोजित दूसरा वार्षिक सम्मेलन है, जो भारतीय रिज़र्व बैंक की पर्यवेक्षित संस्थाओं के बोर्ड के साथ बैठकों की शृंखला का हिस्सा है। सम्मेलन में निजी क्षेत्र के बैंकों के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारियों सहित 200 से अधिक निदेशकों ने भाग लिया।

सम्मेलन में उप गवर्नर श्री एम. राजेश्वर राव और श्री स्वामीनाथन जे. के साथ-साथ भारतीय रिज़र्व बैंक के पर्यवेक्षण, विनियमन और प्रवर्तन विभाग के कार्यपालक निदेशकों और रिज़र्व बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

गवर्नर श्री शक्तिकान्त दास ने अपने मुख्य भाषण में दस सूत्री चार्टर पर विस्तार से चर्चा की, जिसे उन्होंने मई 2023 में आयोजित बैंकों के मंडल के पिछले सम्मेलन में रेखांकित किया था। बैंकों को उनके मजबूत वित्तीय निष्पादन के लिए बधाई देते हुए, गवर्नर ने वर्तमान भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं, जिसका वित्तीय क्षेत्र पर प्रभाव पड़ सकता है, के कारण हमेशा सतर्क रहने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सुदृढ़ बोर्ड को एक ऐसा अभिशासन ढांचा तैयार करना चाहिए जो न केवल मौजूदा विनियामक मानकों को पूरा करे, बल्कि वित्तीय परिदृश्य में उभरते जोखिमों, अवसरों और बदलावों को भी सक्रिय रूप से संबोधित करे। गवर्नर ने सुदृढ़ अभिशासन, आंतरिक अभिशासन ढांचे को मजबूत करने और निरंतर विकसित हो रहे वित्तीय क्षेत्र में ग्राहक केंद्रीयता के लिए परिस्थितिजन्य जागरूकता के महत्व पर जोर दिया।

सम्मेलन में उप गवर्नरों द्वारा विशेष संबोधन तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ‘अभिशासन और आश्वासन कार्य’, ‘साइबर सुरक्षा और आईटी जोखिम’ तथा ‘कारोबारी जोखिम’ के क्षेत्रों से संबंधित तकनीकी सत्र शामिल थे। तकनीकी सत्रों के बाद चुनिंदा निजी क्षेत्र के बैंकों के स्वतंत्र निदेशकों द्वारा ‘स्वतंत्र निदेशकों की दृष्टि से अभिशासन’ विषय पर पैनल चर्चा की गई।

रिज़र्व बैंक के कार्यपालक निदेशकों के साथ प्रतिभागियों की खुली बातचीत के साथ सम्मेलन का समापन हुआ।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

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