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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – शिमशा सहकारा बैंक नियमिता, मद्दूर, मांड्या जिला - अवधि बढ़ाना

22 नवंबर 2024

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश –
शिमशा सहकारा बैंक नियमिता, मद्दूर, मांड्या जिला - अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने शिमशा सहकारा बैंक नियमिता, मद्दूर, मांड्या जिला को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश BLR.DOS.SSMS.No.S2174/12-08-295/2022-23 के माध्यम से 24 अगस्त 2023 तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर संशोधित किया गया तथा इसे पिछली बार दिनांक 7 अगस्त 2024 के निदेश DOR.MON/D-40/12.23.292/2024-25 के माध्यम से 24 नवंबर 2024 को कारोबार समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 24 नवंबर 2024 से आगे बढ़ाना आवश्यक है।

2. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, उक्त निदेश को 24 नवंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति से 24 मई 2025 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अतिरिक्त अवधि के लिए बढ़ाता है, जो कि समीक्षाधीन होगा।

3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य सभी नियम एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1561

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