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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – दि यशवंत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, फलटण, जिला सातारा – अवधि बढ़ाना

26 नवंबर 2025

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश –
दि यशवंत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, फलटण, जिला सातारा – अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि यशवंत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, फलटण को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 28 मई 2025 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S1580/12-22-321/2025-26 के माध्यम से 29 नवंबर 2025 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 29 नवंबर 2025 को कारोबार समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।

2. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, उक्त निदेश को 29 नवंबर 2025 को कारोबार की समाप्ति से 28 फरवरी 2026 को कारोबार की समाप्ति तक अगले तीन माह की अवधि के लिए बढ़ाता है, जो कि समीक्षाधीन होगा।

3. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त अवधि बढ़ाने और/ या संशोधन का यह अर्थ नहीं लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति से संतुष्ट है।

4. संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम और शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी।

(ब्रिज राज)   
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/1568

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