28 जून 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने 18वें सांख्यिकी दिवस सम्मेलन में केंद्रीय बैंक सांख्यिकी के विकास और
आगे की राह पर चर्चा की
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत में आधुनिक आधिकारिक सांख्यिकी की नींव रखने में अग्रणी योगदान देने वाले स्वर्गीय प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस की स्मृति में ‘राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस’ समारोह के एक भाग के रूप में ‘आरबीआई सांख्यिकी@90’ विषय पर अपना 18वां वार्षिक सांख्यिकी दिवस सम्मेलन आयोजित किया।
अपने उद्घाटन भाषण में, श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर ने सांख्यिकी, अनुसंधान और नीति निर्माण की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी और सूचना प्रबंधन में प्रगति का लाभ उठाने में रिज़र्व बैंक के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आरबीआई@100 की ओर यात्रा में रिज़र्व बैंक द्वारा अत्याधुनिक अनुसंधान, विश्लेषण और सूचना प्रबंधन में नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (एआई और एमएल) सहित विभिन्न उपकरणों और तकनीकों को निरंतर संवर्धित और परिष्कृत करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
प्रोफेसर नीलांजन चटर्जी, ब्लूमबर्ग प्रतिष्ठित प्रोफेसर, जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय ने ‘बियॉन्ड द सम: पर्सनलाइस्ड हेल्थ विद डेटा इंटीग्रेशन’ शीर्षक से पी. सी. महालनोबिस मेमोरियल व्याख्यान दिया।
प्रोफेसर सोनाल्डे देसाई, प्रतिष्ठित प्रोफेसर, मैरीलैंड विश्वविद्यालय एवं केंद्र निदेशक, एनसीएईआर नेशनल डेटा इनोवेशन सेंटर ने ‘मेकिंग वुमन काउंट: बिल्डिंग जेंडर इंक्लूसिव डेटा सिस्टम्स’ विषय पर मुख्य भाषण दिया।
आंतरिक शोधकर्ताओं ने सैद्धांतिक और अनुप्रयुक्त सांख्यिकी पर तीन शोध अध्ययनों के निष्कर्ष प्रस्तुत किए। समापन सत्र में डॉ. ओ. पी. मल्ल, कार्यपालक निदेशक ने रिज़र्व बैंक में सांख्यिकी संबंधी गतिविधियों के लिए आगे की राह पर चर्चा की।
(पुनीत पंचोली)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/582 |