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अनुसंधान और आंकड़े

रिज़र्व बैंक में बेहतर, नीति उन्मुखी आर्थिक शोध करने, आंकड़ों का संकलन करने और ज्ञान साझा करने की समृद्ध परंपरा है।

प्रेस प्रकाशनी


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तिमाही बीएसआर-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण – सितंबर 2024

26 नवंबर 2024

तिमाही बीएसआर-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण – सितंबर 2024

आज, रिज़र्व बैंक ने अपने ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस’ पोर्टल (https://data.rbi.org.in होमपेज > प्रकाशन) पर ‘तिमाही आधारभूत सांख्यिकी विवरणियाँ (बीएसआर)-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी)1 का बकाया ऋण - सितंबर 20242’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन जारी किया। यह खाता-स्तरीय रिपोर्टिंग3 के आधार पर बैंक ऋण की विभिन्न विशेषताओं जैसे कि उधारकर्ता का व्यवसाय/ गतिविधि और संगठनात्मक क्षेत्र, खाते का प्रकार और ब्याज दरों को दर्शाता है। एससीबी {क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को छोड़कर} द्वारा रिपोर्ट किए गए डेटा बैंक समूहों, जनसंख्या समूहों4 और राज्यों के लिए प्रस्तुत किए जाते हैं।

मुख्य बातें:

  • बैंक ऋण संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) मार्च 2024 में विलय से निवल 15.3 प्रतिशत से घटकर सितंबर 2024 में 12.6 प्रतिशत हो गई; बैंकों की महानगरीय शाखाओं, जो ऋणों में 60.6 प्रतिशत का योगदान देती हैं, में 11.6 प्रतिशत की न्यूनतर संवृद्धि दर्ज की गई।

  • गैर-आरआरबी एससीबी द्वारा दिए गए ऋण में कृषि, उद्योग, आवास और व्यक्तिगत (गैर-आवास) ऋणों की हिस्सेदारी क्रमशः 11.5 प्रतिशत, 23.7 प्रतिशत, 16.5 प्रतिशत और 14.9 प्रतिशत थी; इनमें क्रमशः 13.2 प्रतिशत, 10.4 प्रतिशत, 13.2 प्रतिशत और 17.5 प्रतिशत की संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) दर्ज की गई।

  • निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र को दिया गया ऋण, हेडलाइन ऋण संवृद्धि से अधिक हो गया और सितंबर 2024 में 16.5 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) पर पहुंच गया; कार्यशील पूंजी ऋण एक वर्ष पहले के 14.1 प्रतिशत से बढ़कर 15.3 प्रतिशत हो गया।

  • व्यक्तियगत ऋण में महिला उधारकर्ताओं का हिस्सा उत्तरोत्तर बढ़ रहा है और सितंबर 2024 में यह 23.6 प्रतिशत हो गया।

  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) और निजी क्षेत्र के बैंक (पीवीबी), जिनकी गैर-आरआरबी एससीबी द्वारा दिये ऋण में क्रमशः 53.2 प्रतिशत और 41.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है, ने सितंबर 2024 में क्रमशः 13.0 प्रतिशत और 11.9 प्रतिशत की संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) दर्ज की।

अजीत प्रसाद    
उप महाप्रबंधक (संचार)

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1588


1 सितंबर 2024 के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए विवरणी (भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42(2) के अंतर्गत संकलित) पर आधारित बैंकिंग समुच्चय हमारी वेबसाइट (होम>सांख्यिकी>जारी आंकड़े>पाक्षिक> भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण) पर पहले ही प्रकाशित किए गए थे और चुनिंदा प्रमुख बैंकों द्वारा रिपोर्ट किए गए सितंबर 2024 के लिए बैंक ऋण के क्षेत्र-वार अभिनियोजन पर समग्र स्तर का मासिक डेटा भी वेबसाइट (होम>सांख्यिकी> जारी आंकड़े >मासिक> बैंक ऋण का क्षेत्र-वार अभिनियोजन) पर जारी किया गया।

2 बीएसआर-1 के लिए संदर्भ तिथि तिमाही का अंतिम दिन है। पिछले दौर से संबंधित तुलना के लिए उपयोग किए गए आंकड़ों में 1 जुलाई 2023 से एक गैर-बैंक के एक बैंक में विलय का प्रभाव शामिल है।

3 इस शृंखला में जारी पिछले आंकड़े, जिसमें जून 2024 के अंत की स्थिति को शामिल किया गया थे, 30 अगस्त 2024 को भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया था।

4 बीएसआर के लिए उपयोग किया जाने वाला जनसंख्या समूह मानदंड वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार संबंधित राजस्व केंद्र की जनसंख्या के आकार पर आधारित है, जहां एससीबी की शाखाएं संचालित हो रही हैं और इन्हें ए) 'ग्रामीण' (10,000 से कम जनसंख्या), बी) 'अर्ध-शहरी' (10,000 से 1 लाख से कम की आबादी), सी) 'शहरी' (1 लाख से 10 लाख से कम की आबादी), डी) 'मेट्रोपॉलिटन' (10 लाख और उससे अधिक की आबादी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

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