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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि लुनावाड़ा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, लुनावाड़ा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया

25 नवंबर 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि लुनावाड़ा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, लुनावाड़ा, गुजरात
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 20 नवंबर 2024 के आदेश द्वारा दि लुनावाड़ा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, लुनावाड़ा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’; ‘परिचालन का क्षेत्र, शाखा प्राधिकरण नीति, विस्तार काउंटर, एटीएम खोलना/उन्नयन करना और कार्यालयों का स्थानांतरण/विभाजन/बंद करना’ तथा ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 2.10 लाख (दो लाख दस हज़ार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) तथा प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 25 के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

बैंक:

  1. अपने उधारकर्ताओं की ऋण संबंधी जानकारी तीन सीआईसी को प्रस्तुत करने में विफल रहा;

  2. रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमोदन के बिना एक ऑन-साइट स्वचालित टेलर मशीन (एटीएम) खोला; और

  3. अपने ग्राहकों के केवाईसी के जोखिम-आधारित अद्यतन और निर्धारित आवधिकता के अनुसार खातों के जोखिम वर्गीकरण की समीक्षा करने में विफल रहा।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर कोई प्रभाव डालना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड का लगाया जाना आरबीआई द्वारा बैंक के खिलाफ शुरू की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना है।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

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