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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सोनीपत सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हरियाणा पर मौद्रिक दंड लगाया

4 अगस्त 2025

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सोनीपत सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हरियाणा पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 जुलाई 2025 के आदेश द्वारा दि सोनीपत सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हरियाणा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 25,000 (पच्चीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 23 के साथ पठित धारा 25 के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में नाबार्ड द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक अपने उधारकर्ताओं की ऋण संबंधी जानकारी सभी चार सीआईसी को प्रस्तुत करने में विफल रहा।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

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