27 जून 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट, जून 2024 जारी की
आज, रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) का 29वां अंक जारी किया, जो वित्तीय प्रणाली की आघात सहनीयता और वित्तीय स्थिरता के जोखिमों पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाता है।
मुख्य बातें:
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वैश्विक अर्थव्यवस्था को लंबे समय से चले आ रहे भू-राजनीतिक तनाव, बढ़े हुए सार्वजनिक ऋण और अवस्फीति के अंतिम पड़ाव में धीमी प्रगति से बढ़ते जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है। इन चुनौतियों के बावजूद, वैश्विक वित्तीय प्रणाली आघात-सह बनी हुई है और वित्तीय स्थितियाँ स्थिर हैं।
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भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली मजबूत और आघात-सह बनी हुई है, जो समष्टि-आर्थिक और वित्तीय स्थिरता द्वारा नियंत्रित है। बेहतर तुलन- पत्र के साथ, बैंक और वित्तीय संस्थान सतत ऋण विस्तार के माध्यम से आर्थिक गतिविधि का समर्थन कर रहे हैं।
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मार्च 2024 के अंत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का जोखिम भारित आस्तियों की तुलना में पूंजी अनुपात (सीआरएआर) और सामान्य इक्विटी टियर 1 (सीईटी 1) अनुपात क्रमशः 16.8 प्रतिशत और 13.9 प्रतिशत रहा।
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मार्च 2024 के अंत में एससीबी की सकल अनर्जक आस्ति (जीएनपीए) अनुपात कई वर्षों के निचले स्तर 2.8 प्रतिशत पर तथा निवल अनर्जक आस्ति (एनएनपीए) अनुपात 0.6 प्रतिशत पर आ गया।
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ऋण जोखिम के लिए मैक्रो तनाव परीक्षणों से पता चलता है कि एससीबी मार्च 2025 में सिस्टम-स्तरीय सीआरएआर के साथ न्यूनतम पूंजी आवश्यकताओं का अनुपालन करने में सक्षम होंगे, जोकि बेसलाइन, मध्यम और गंभीर तनाव परिदृश्यों के अंतर्गत क्रमशः 16.1 प्रतिशत, 14.4 प्रतिशत और 13.0 प्रतिशत अनुमानित है। ये परिदृश्य काल्पनिक आघातों के अंतर्गत कठोर रूढ़िवादी आकलन हैं और इनके परिणामों की व्याख्या पूर्वानुमान के रूप में नहीं की जानी चाहिए।
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मार्च 2024 के अंत तक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) स्वस्थ बनी हुई हैं, जिनका सीआरएआर 26.6 प्रतिशत, जीएनपीए अनुपात 4.0 प्रतिशत और आस्तियों पर प्रतिलाभ (आरओए) 3.3 प्रतिशत रहा।
(पुनीत पंचोली)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/572 |