Click here to Visit the RBI’s new website

BBBPLogo

विदेशी मुद्रा प्रबंधक

भारतीय रुपए के बाहरी मूल्‍य के निर्धारण के लिए बाज़ार-आधारित प्रणाली में परिवर्तन के साथ विदेशी मुद्रा बाज़ार ने सुधार अवधि की शुरुआत से ही भारत में ज़ोर पकड़ा है।

प्रेस प्रकाशनी


(320 kb )
अप्रैल-मार्च 2024-25 के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन के स्रोत

27 जून 2025

अप्रैल-मार्च 2024-25 के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन के स्रोत

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर चौथी तिमाही, अर्थात 2024-25 के जनवरी-मार्च के लिए भुगतान संतुलन (बीओपी) संबंधी आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के आधार पर, अप्रैल-मार्च 2024-25 के दौरान विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन के स्रोत तालिका 1 में दिए गए हैं:

तालिका 1: विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन के स्रोत*
(बिलियन अमेरिकी डॉलर)
मदें 2023-24 2024-25
I.   चालू खाता शेष -26.1 -23.4
II.   पूंजी लेखा (निवल राशि) (ए से एफ़ तक) 89.8 18.3
  ए. विदेशी निवेश (i+ii) 54.2 4.5
    (i) प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 10.2 1.0
    (ii) पोर्टफोलियो निवेश 44.1 3.6
      जिसमें से:    
        विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) 44.6 3.3
        एडीआर/जीडीआर 0.0 0.0
  बी. बैंकिंग पूंजी 40.5 -9.8
      जिसमें से: एनआरआई जमाराशियां 14.7 16.2
  सी. अल्‍पावधिक ऋण -0.8 7.2
  डी. बाह्य सहायता 7.5 6.3
  ई. बाह्य वाणिज्यिक उधार -0.1 15.8
  एफ़. पूंजी लेखा में शामिल अन्‍य मदें -11.5 -5.6
III.   मूल्यन परिवर्तन 4.3 26.9
IV.   कुल (I+II+III) @
आरक्षित निधि में वृद्धि (+) / आरक्षित निधि में कमी (-)
68.0 21.9
*: बीओपी के पुराने फार्मेट पर आधारित हैं जो चालू खाते और पोर्टफोलियो निवेश के अंतर्गत एडीआर/जीडीआर के अंतरणों के संव्यवहार में नए फार्मेट (बीपीएम6) से भिन्न हो सकते हैं।
@: अंतर, यदि कोई हो, तो पूर्णांकन के कारण है।
नोट: ‘पूंजी लेखा में अन्‍य मदें’ के अंतर्गत ‘भूल और चूक’ के अलावा एसडीआर आबंटन, निर्यात में घट-बढ़, विदेशों में रखी निधियां, एफडीआई के अंतर्गत प्राप्‍त ऐसे अग्रिम, जिसमें शेयर का निर्गम नहीं किया गया है तथा पूंजीगत प्राप्तियां, जिन्‍हें और कहीं शामिल नहीं किया गया है और रुपया मूल्‍यवर्गित ऋण शामिल हैं।

भुगतान संतुलन के आधार पर (अर्थात, मूल्यन प्रभावों को छोड़कर), 2024-25 के दौरान विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में 5.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी आई, जबकि 2023-24 के दौरान इसमें 63.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई थी। 2024-25 के दौरान में विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में सांकेतिक अर्थ में (अर्थात, मूल्यन प्रभावों सहित) 21.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर वृद्धि हुई, जबकि 2023-24 में इसमें 68.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई थी (तालिका 2)।

तालिका 2: आरक्षित निधियों में परिवर्तन की तुलनात्‍मक स्थिति
(बिलियन अमेरिकी डॉलर)
मदें 2023-24 2024-25
1. विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में घट-बढ़
(मूल्यन प्रभावों सहित)
68.0 21.9
2. मूल्यन प्रभाव
[अभिलाभ (+)/हानि (-)]
4.3 26.9
3. बीओपी के आधार पर विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन (अर्थात् मूल्यन प्रभावों को छोड़कर) 63.7 -5.0
नोट : आरक्षित निधियों में बढ़ोतरी (+)/आरक्षित निधियों में कमी (-)
अंतर, यदि कोई हो, तो पूर्णांकन के कारण है।

मूल्यन अभिलाभ, जो मुख्य रूप से स्वर्ण की उच्च कीमतों और कम बॉण्ड प्रतिफल को दर्शाता है, 2024-25 के दौरान 26.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि 2023-24 के दौरान 4.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का मूल्यन अभिलाभ था।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/612

2025
2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष