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भुगतान और निपटान प्रणाली

अर्थव्‍यवस्‍था की समग्र दक्षता में सुधार करने में भुगतान और निपटान प्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अंतर्गत राशि-मुद्रा, चेकों जैसी कागज़ी लिखतों के सुव्‍यवस्थित अंतरण और विभिन्‍न इलेक्‍ट्रॉनिक माध्‍यमों के लिए विभिन्‍न प्रकार की व्‍यवस्‍थाएं हैं।

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यूपीआई पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख हितधारकों के साथ बैठक

8 मई 2024

यूपीआई पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख हितधारकों के साथ बैठक

गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने यूपीआई की पहुंच को और बढ़ाने के लिए संभावित कार्यनीतियों पर चर्चा करने हेतु 8 मई 2024 को यूपीआई पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख हितधारकों, यथा, बैंक, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई), तृतीय पक्ष एप्लिकेशन प्रदाता और प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता के साथ एक बैठक की। बैठक में उप गवर्नर, श्री टी. रबी शंकर के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे।

यूपीआई को अपनाने और उपयोग को व्यापक एवं गहन बनाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। हितधारकों ने अपने बहुमूल्य इनपुट और सुझाव साझा किए, जिनमें मोटे तौर पर निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. यूपीआई अवसंरचना को सुदृढ़ करने और उत्पाद पोर्टफोलियो को बढ़ाने संबंधी कार्यनीतियाँ।

  2. पारिस्थितिकी तंत्र के सामने आने वाली चुनौतियाँ और उन्हें दूर करने के लिए नवीन समाधान; तथा

  3. संभावित उपयोगकर्ताओं को डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में एकीकृत करने के लिए नवोन्मेषी विचार।

प्राप्त विभिन्न सुझावों की जांच की जाएगी और रिज़र्व बैंक द्वारा यथासमय उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/268

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