1 जुलाई 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक और एसियान देश तत्काल सीमापारीय खुदरा भुगतान की सुगमता के लिए एक प्लेटफॉर्म बनाएंगे
भारतीय रिज़र्व बैंक, भारत की तेज़ भुगतान प्रणाली (एफपीएस) - एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई) को सीमापारीय व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) और व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) भुगतान के लिए विभिन्न देशों के साथ उनके संबंधित एफपीएस से संबद्धता के लिए द्विपक्षीय सहयोग कर रहा है। जबकि भारत और उसके सहभागी देश, तेज़ भुगतान प्रणालियों की ऐसी द्विपक्षीय संबद्धता के माध्यम से लाभ लेना जारी रख सकते हैं, एक बहुपक्षीय दृष्टिकोण, भारतीय भुगतान प्रणालियों की अंतर्राष्ट्रीय पहुँच का विस्तार करने के हमारे प्रयासों को और गति प्रदान करेगा।
2. भारतीय रिज़र्व बैंक अब प्रोजेक्ट नेक्सस में शामिल हो गया है, जो घरेलू एफपीएस की अंतर-संबद्धता द्वारा तत्काल सीमापारीय खुदरा भुगतान को सक्षम करने के लिए एक बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय पहल है। अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक (बीआईएस) के इनोवेशन हब द्वारा परिकल्पित नेक्सस का उद्देश्य, चार एसियान देशों (मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड); और भारत, जो इस प्लेटफॉर्म के संस्थापक सदस्य और पहले प्रस्तावक देश होंगे, के एफपीएस को संबद्ध करना है।
3. इस आशय के एक करार पर बीआईएस और संस्थापक देशों के केंद्रीय बैंकों अर्थात बैंक नेगरा मलेशिया (बीएनएम), बैंक ऑफ थाईलैंड (बीओटी), बैंगको सेंट्रल एनजी फिलीपींस (बीएसपी), मॉनेटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर (एमएएस) और भारतीय रिज़र्व बैंक ने 30 जून 2024 को बेसल, स्विट्जरलैंड में हस्ताक्षर किए। इंडोनेशिया, जो शुरुआती चरणों से इसमें शामिल रहा है, एक विशेष पर्यवेक्षक के रूप में शामिल है। अधिक जानकारी वीडियो और बीआईएस की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
4. भविष्य में इस प्लेटफॉर्म को और अधिक देशों में विस्तारित किया जा सकता है। इस प्लेटफॉर्म के 2026 तक लाइव होने की आशा है। एक बार कार्यात्मक होने के बाद, नेक्सस खुदरा सीमापारीय भुगतान को कुशल, तेज़ और अधिक लागत प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
(पुनीत पंचोली)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/600 |