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भारतीय रिज़र्व बैंक ने ओला फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

12 जुलाई 2022

भारतीय रिज़र्व बैंक ने ओला फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने ओला फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (संस्था) पर, दिनांक 27 अगस्त 2021 के पीपीआई पर मास्टर निदेश (समय-समय पर यथा अद्यतित) और दिनांक 25 फरवरी 2016 के मास्टर निदेश - अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 (समय-समय पर यथा अद्यतित) के कतिपय प्रावधानों का अननुपालन करने के लिए 1,67,80,000/- (एक करोड़ सड़सठ लाख अस्सी हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।

यह दंड, भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 30 के अंतर्गत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

यह पाया गया कि संस्था केवाईसी अपेक्षाओं पर आरबीआई द्वारा जारी निदेशों का अननुपालन कर रही थी। तदनुसार, संस्था को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

संस्था के उत्तर पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

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