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भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडियन बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया

5 अगस्त 2022

भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडियन बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 3 अगस्त 2022 के आदेश द्वारा इंडियन बैंक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थाओं द्वारा धोखाधड़ी वर्गीकरण और रिपोर्टिंग) निदेश 2016 के कतिपय प्रावधानों का अननुपालन करने के लिए 32 लाख (बत्तीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में आरबीआई द्वारा बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए बैंक का सांविधिक निरीक्षण (आईएसई) किया गया और जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट, निरीक्षण रिपोर्ट, और उससे संबंधित सभी पत्राचारों की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, बैंक द्वारा आरबीआई को कतिपय मामलों में देरी से फ्लैश रिपोर्ट प्रस्तुत करने की सीमा तक उपर्युक्त निदेशों के अनुपालन में विफल रहने का पता चला। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई निदेशों, जैसा कि उसमें कहा गया है, के अननुपालन के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई में की गई मौखिक प्रस्तुतियों और बैंक के द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उपर्युक्त आरबीआई निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

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