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भारतीय रिज़र्व बैंक ने बहादुर चंद इंवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली पर मौद्रिक दंड लगाया

13 जनवरी 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बहादुर चंद इंवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 जनवरी 2023 के आदेश द्वारा, बहादुर चंद इंवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली (कंपनी) पर "मूल निवेश कंपनियां (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016" के कतिपय प्रावधानों और "एनबीएफसी क्षेत्र के लिए सूचना प्रौद्योगिकी ढांचे" संबंधी निदेशों का अननुपालन करने के लिए 30.00 लाख (तीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2021 को कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में कंपनी का सांविधिक निरीक्षण भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किया गया और जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट, निरीक्षण रिपोर्ट, पर्यवेक्षी पत्र और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, (i) आउटसोर्सिंग पर भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों का अनुपालन करने, (ii) आईटी कार्यनीति समिति पर एक स्वतंत्र निदेशक/मुख्य सूचना अधिकारी (सीआईओ)/मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) को नियुक्त करने और (iii) 31 मार्च 2021 तक की स्थिति के संदर्भ में अपने वार्षिक वित्तीय विवरणों में समायोजित निवल मालियत (एएनडब्ल्यू) के घटकों और अन्य संबंधित जानकारी प्रकट करने में कंपनी की विफलता का पता चला। उक्त के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों, जैसा कि उसमें कहा गया है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर कंपनी के उत्तर पर विचार करने, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों की जांच के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1549

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