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भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा घर्षण रहित ऋण के लिए सार्वजनिक तकनीकी मंच हेतु प्रायोगिक परियोजना की शुरुआत

14 अगस्त 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा घर्षण रहित ऋण के लिए सार्वजनिक तकनीकी मंच हेतु प्रायोगिक परियोजना की शुरुआत

दिनांक 10 अगस्त 2023 को जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने घर्षण रहित ऋण के लिए एक सार्वजनिक तकनीकी मंच के विकास की घोषणा की है। इस मंच को रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच), भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, द्वारा विकसित किया जा रहा है।

2. डिजिटलीकरण में तेजी से प्रगति के साथ, भारत ने डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना की अवधारणा को अपनाया है जो बैंकों, एनबीएफसी, फिनटेक कंपनियों और स्टार्ट-अप को भुगतान, ऋण और अन्य वित्तीय गतिविधियों के लिए नवोन्मेषी समाधान बनाने और प्रदान करने हेतु प्रोत्साहित करता है। डिजिटल ऋण संवितरण के लिए, साख मूल्यांकन हेतु आवश्यक डेटा केंद्र और राज्य सरकारों, अकाउंट एग्रीगेटरों, बैंकों, साख सूचना कंपनियों, डिजिटल पहचान प्राधिकरणों आदि जैसी विभिन्न संस्थाओं के पास उपलब्ध है। तथापि, ये अलग-अलग प्रणालियों में हैं, जिससे समय पर और घर्षण रहित नियम-आधारित ऋण संवितरण में बाधा उत्पन्न होती है।

3. सार्वजनिक तकनीकी मंच, ऋणदाताओं को आवश्यक डिजिटल जानकारी के निर्बाध प्रवाह की सुविधा प्रदान करके घर्षण रहित ऋण संवितरण में सक्षम बनाएगा। एंड-टू-एंड डिजिटल मंच में एक ओपन आर्किटेक्चर, ओपन एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) और मानक होंगे, जिससे सभी वित्तीय क्षेत्र के सहभागी 'प्लग एंड प्ले' मॉडल में निर्बाध रूप से जुड़ सकते हैं।

4. इस मंच को सूचना प्रदाताओं तक पहुंच और उपयोग के मामलों दोनों के संदर्भ में सुविचारित रूप में एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुरू करने का प्रस्ताव है। यह लागत में कमी, त्वरित संवितरण और मापनीयता के मामले में ऋण देने की प्रक्रिया में दक्षता लाएगा।

5. प्रायोगिक परियोजना के दौरान, यह मंच, प्रति उधारकर्ता 1.6 लाख रुपये तक की किसान क्रेडिट कार्ड ऋण, डेयरी ऋण, एमएसएमई ऋण (संपार्श्विक के बिना), व्यक्तिगत ऋण और सहभागी बैंकों के माध्यम से गृह ऋण जैसे उत्पादों पर केंद्रित रहेगा। यह मंच, आधार ई-केवाईसी, शामिल राज्य सरकारों (मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र) के भूमि रिकॉर्ड, सैटेलाइट डेटा, पैन सत्यापन, लिप्यंतरण, आधार ई-हस्ताक्षर, अकाउंट एग्रीगेटरों (एए) द्वारा खाता एकत्रीकरण, चुनिंदा डेयरी सहकारी समितियों से दूध विक्रय संबंधी डेटा, घर/संपत्ति खोज डेटा आदि जैसी सेवाओं के साथ संबद्धता को सक्षम करेगा। सीख के आधार पर, प्रायोगिक परियोजना के दौरान अधिक उत्पादों, सूचना प्रदाताओं और ऋणदाताओं को शामिल करने के लिए दायरे और क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा।

6. मंच के प्रायोगिक परियोजना की शुरुआत 17 अगस्त 2023 को होगी।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

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