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भारतीय रिज़र्व बैंक ने चिकमगलुरु डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, चिकमगलुरु, कर्नाटक पर मौद्रिक दंड लगाया

26 मार्च 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक ने चिकमगलुरु डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, चिकमगलुरु, कर्नाटक
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा चिकमगलुरु डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, चिकमगलुरु, कर्नाटक (बैंक) पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जारी 'धोखाधड़ी - वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और निगरानी संबंधी दिशानिर्देश' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में नाबार्ड द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। नाबार्ड के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अन्य बातों के साथ-साथ यह पाया कि नाबार्ड को धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने में देरी का आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाना आवश्यक है।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

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