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भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागपुर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, नागपुर पर मौद्रिक दंड लगाया

04 अप्रैल 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागपुर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, नागपुर पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा नागपुर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, नागपुर (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के ‘जमाराशियों पर ब्याज दर' और 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 28.30 लाख (अठ्ठाईस लाख तीस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2021 और 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

(i) बैंक ने (क) रविवार/ छुट्टियों/ गैर-कामकाजी कार्य दिवसों पर परिपक्व होने वाली कतिपय मियादी जमाराशियों के मूल मूलधन जमाराशि पर उक्त दिवसों के लिए ब्याज का भुगतान नहीं किया, जब उन जमाराशियों की आय का अगले कार्य दिवस पर भुगतान किया गया। (ख) मृत व्यक्तिगत जमाकर्ताओं/ एकल स्वामित्व वाली कंपनियों के कतिपय चालू खातों में, उनकी मृत्यु की तारीख से लेकर उनके दावेदारों को ऐसी शेष राशि की चुकौती की तारीख तक, पड़ी शेष राशि पर ब्याज का भुगतान नहीं किया (ग) कतिपय परिपक्व जमाराशियों की चुकौती करते समय, परिपक्वता के बाद दावा न की गई अवधि के लिए, बचत जमाओं पर लागू दर से ब्याज का भुगतान नहीं किया (ii) बैंक ने अपने ग्राहकों के खातों के जोखिम वर्गीकरण की कम से कम छह महीने में एक बार आवधिक समीक्षा नहीं की।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/35

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