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उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण

हमारी ग्राहक पहुंच नीति का लक्ष्य आमजनता को सूचना प्रदान करना है जिससे कि वे बैंकिंग सेवाओं के संबंध में अपनी अपेक्षाओं, विकल्पों और अधिकारों तथा बाध्यताओं के बारे में जान सकें। हमारे ग्राहक सेवा प्रयासों को ग्राहक के अधिकारों की रक्षा करने, ग्राहक सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने और संपूर्ण बैंकिंग क्षेत्र और रिज़र्व बैंक में शिकायत निवारण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए डिजाइन किया गया है।

भाषण


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ग्राहक केंद्रित वित्तीय उत्कृष्टता सुनिश्चित करने में आंतरिक लोकपाल की महत्वपूर्ण भूमिका - 16 जनवरी 2024 को मुंबई में आयोजित आंतरिक लोकपाल सम्मेलन में श्री स्वामीनाथन जे, उप गवर्नर महोदय का उद्बोधन

विनियमित संस्थाओं के एमडी और सीईओ, ग्राहक सेवा प्रमुख, प्रधान नोडल अधिकारी, कार्यपालक निदेशक, श्री नीरज निगम, रिज़र्व बैंक लोकपाल, रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ साथियों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से आज के हमारे इस सम्मेलन के प्रमुख श्रोता, विनियमित संस्थाओं के आंतरिक लोकपाल।आप सभी को मेरा नमस्कार ।

1. आंतरिक लोकपाल के द्वितीय सम्मेलन में आप सभी के बीच उपस्थित होना वास्तव में मेरे लिए अत्यंत प्रसन्नता की बात है। यह मंच सुझावों और विचारों के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करता है तथा विनियमित संस्थाओं के बीच आंतरिक लोकपाल तंत्र की प्रभावकारिता को बढ़ाने के लिए चर्चा को प्रोत्साहित करता है।

2. ग्राहक सेवा समितियों के अध्यक्षों, ग्राहक सेवा कार्यक्षेत्रों के प्रभारी पूर्णकालिक निदेशकों और प्रधान नोडल अधिकारियों के साथ अपनी हाल की बातचीत में, मैंने पारदर्शी और निष्पक्ष शिकायत निवारण के लिए आंतरिक लोकपाल की क्षमताओं में निवेश के महत्व को उजागर किया था क्योंकि यह बैंकिंग प्रणाली में ग्राहकों के विश्वास को सुदृढ़ बनाता है।

3. आज, मैं चर्चा को आगे बढ़ाते हुऐ, विनियमित संस्थाओं के ग्राहकों की शिकायतों के प्रभावी और निष्पक्ष समाधान को सुनिश्चित करने के साथ ही परिवर्तन के लिए एक एजेंट के रूप में, आंतरिक लोकपाल की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे बातचीत करना चाहूंगा।

आंतरिक लोकपाल की भूमिका

4. लगभग नौ साल1 पहले ग्राहकों के लिए विनियमित संस्था के भीतर शिकायत निवारण हेतु एक मंच के रूप में आंतरिक लोकपाल की अवधारणा की शुरुआत की गई थी, ताकि आरबीआई लोकपाल से संपर्क करने की आवश्यकता न हो ।

5. बैंकों के लिए आंतरिक लोकपाल योजना 2018 के साथ-साथ अन्य विनियमित संस्थाओं के लिए बाद में आयी योजनाओं ने ग्राहक शिकायत को अस्वीकार करने से पूर्व आंतरिक लोकपाल (आईओ) को भेजा जाना अनिवार्य कर दिया था। इसके अतिरिक्त, आंतरिक लोकपाल की स्वतंत्र कार्यप्रणाली को मजबूत करने के लिए, इन विनियमों में आईओ के कार्यकाल और मानदेय को संरक्षण भी प्रदान किया गया, जबकि विनियमित संस्थाओं को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई कि आंतरिक लोकपाल को पर्याप्त स्टाफ और बुनियादी सुविधाएँ प्रदान की जाएं। वर्तमान फ्रेमवर्क बोर्ड को कार्यात्मक रिपोर्टिंग प्रदान करता है जिसने आंतरिक लोकपाल के कद में और बढ़ोतरी की है।

6. संक्षेप में, आईओ विनियम विनियमित संस्था के आंतरिक शिकायत निवारण तंत्र के भीतर एक स्वतंत्र शीर्ष स्तर के पदाधिकारी को बनाने का प्रयास करते हैं, जो निष्पक्षता के संरक्षक के रूप में कार्य करे, शिकायत निवारण प्रक्रिया की देखरेख करे और सभी हितधारकों के लिए निष्पक्ष परिणाम बनाए रखे ।

7. वास्तव में , विनियमित संस्थाओं में स्थित आंतरिक लोकपाल कार्यालय विनियमित संस्थाओं द्वारा किए गए ग्राहक शिकायत संबंधी निर्णयों के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष परिप्रेक्ष्य प्रदान करने के लिए केंद्र बिंदु के रूप में काम कर सकता है। आंतरिक लोकपाल से अपेक्षा की जाती है कि वह शिकायतों के पैटर्न का विश्लेषण करें एवं उनके मूल कारणों की पहचान करके विनियमित संस्थाओं को सुधारात्मक प्रतिक्रिया प्रदान करें तथा विनियमित संस्थाओं के स्तर पर आवश्यक नीतिगत बदलावों के लिए सुझाव दें ।

8. हालांकि, कई मौकों पर आंतरिक लोकपाल तंत्र की प्रभावकारिता पर सवाल उठाया गया है, खासकर जब विनियमित संस्थाओं द्वारा लिए गए निर्णयों को आरबीआई लोकपाल या अपीलीय प्राधिकरण द्वारा पलट दिया जाता है। इस तरह के उदाहरण आंतरिक लोकपाल तंत्र की प्रभावकारिता, विशेष रूप से आंतरिक लोकपाल की स्वतंत्रता के बारे में चिंता ज़ाहिर करते हैं।

9. तदनुसार, मैं आंतरिक लोकपाल के लिए एक निष्पक्ष और न्यायपूर्ण शिकायत निवारण प्रक्रिया स्थापित करने के लिए चार प्रमुख क्षेत्रों पर प्रकाश डालना और विस्तार से बात करना चाहूँगा । उसके बाद आंतरिक लोकपाल के लिए हमारे हाल ही में संशोधित फ्रेमवर्क के बारे में एक संक्षिप्त अंतर्दृष्टि के साथ समापन करने से पूर्व मैं विनियमित संस्थाओं द्वारा अपने लोकपाल का समर्थन करने की भूमिका पर भी चर्चा करूंगा।

स्वतंत्र निष्पक्ष मानसिकता

10. सर्वप्रथम, मैं आंतरिक लोकपाल से आग्रह करूंगा कि शिकायतों के संबंध में निर्णय पारित करते समय एक स्वतंत्र निष्पक्ष पर्यवेक्षक और निर्णयकर्ता की मानसिकता को अपनाएं। यह एक ऐसी संस्कृति विकसित करने पर जोर देता है जो प्रत्येक शिकायत के गुणों का मूल्यांकन करने में निष्पक्षता और वस्तुनिष्ठता को प्राथमिकता देता है। इसके अलावा, समाधान के पीछे के तर्क को स्पष्ट और पारदर्शी रूप से स्पष्ट करके 'तर्कसंगत निर्णय' रिकार्ड करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ग्राहक में विश्वास पैदा करता है।

निष्पक्ष सुधारात्मक फीडबैक

11. दूसरा, निरंतर सुधार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विनियमित संस्थाओं को नीतिगत गलत व्याख्याओं पर निष्पक्ष और सुधारात्मक क फीडबैक प्रदान करना आवश्यक है। आंतरिक लोकपाल को निष्पक्ष रूप से ऐसे उदाहरणों की पहचान करनी चाहिए जहां नीतियों को गलत तरीके से समझा गया है या गलत तरीके से लागू किया गया है और ऐसा फीडबैक प्रदान करना चाहिए जो न केवल त्रुटियों को इंगित करता हो बल्कि सुधारात्मक समाधान भी सुझाता हो।

प्रणालियों और प्रक्रियाओं में गुणात्मक सुधार के लिए तरीके सुझाएं

12. तीसरा, आंतरिक लोकपाल भी शिकायत निवारण में बेहतर दक्षता और प्रभावशीलता के लिए प्रणालियों और प्रक्रियाओं को बढ़ाने के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि और सिफारिशें प्रदान करके विनियमित संस्थाओं में योगदान कर सकते हैं। ऐसा करने से आंतरिक लोकपाल विनियमित संस्था की प्रथाओं के निरंतर सुधार, ग्राहक सेवा में जवाबदेही और उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भागीदार बन जाता है।

शिकायतों को कम करने में विनियमित संस्थाओं का मार्गदर्शन करना

13. अंतत: आंतरिक लोकपाल को आवधिक आधार पर प्राप्त शिकायतों के पैटर्न पर सक्रिय रूप से अपने इनपुट प्रदान करने चाहिए और आवर्ती शिकायतों को दूर करने के लिए उपचारात्मक उपाय करने के लिए विनियमित संस्थाओं का मार्गदर्शन करना चाहिए। मेरा मानना है कि विनियमित संस्था के भीतर एक अधिक उत्तरदायी और उपभोक्ता-केंद्रित परिचालन ढांचे में योगदान करना आंतरिक लोकपाल की भूमिका के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है।

विनियमित संस्थाओं की भूमिका

14. यद्यपि मैंने आंतरिक लोकपाल की भूमिका पर विस्तार से बात की है, इस कार्य की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने में विनियमित संस्था के बोर्ड और प्रबंधन द्वारा निभाई गई भूमिका भी महत्वपूर्ण है।

15. अक्सर यह देखा गया है कि विनियमित संस्थाएं आंतरिक लोकपाल के संबंध में विनियमों के सार का अनुपालन कथित रूप से करती हैं, लेकिन योजना का अपेक्षित परिणाम क्षमता से कम रहता है। यह रिज़र्व बैंक के वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र के तहत विनियमित संस्थाओं के विरुद्ध शिकायतों की लगातार बढ़ती प्रवृत्ति में भी प्रकट होता है। आरबीआई लोकपाल के पास भेजी गई कई शिकायतों का समाधान विनियमित संस्था द्वारा ही किया जा सकता था।

16. कभी-कभी ऐसी धारणा होती है कि आंतरिक लोकपाल ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने के लिए स्वतंत्र रूप से कार्य करते हुए, व्यवसाय के सुव्यवस्थित कामकाज में जटिलताएँ या देरी ला सकता है। परिणामस्वरूप, कुछ संस्थाएँ शिकायतों को आईओ तक एस्कलेट नहीं करती हैं, जिससे तंत्र का इष्टतम उपयोग नहीं हो पाता है। हालाँकि, यह समझना महत्वपूर्ण है कि आंतरिक लोकपाल की भूमिका का उद्देश्य बाधा डालना नहीं है, बल्कि निष्पक्षता, पारदर्शिता और विनियामक मानकों का पालन सुनिश्चित करना है।

17. विनियमित संस्थाओं को इस बात की सराहना करनी चाहिए कि सुव्यवस्थित रूप से काम करने वाला आंतरिक लोकपाल तंत्र सभी हितधारकों के लिए उपयोगी है। वैकल्पिक मंचों पर जाने की ग्राहकों की परेशानी को कम करने के अलावा यह आंतरिक लोकपाल तंत्र, आरबीआई लोकपाल जैसे वैकल्पिक शिकायत निवारण द्वारा वास्तविक शिकायतों की अस्वीकृति की संभावना को कम करके विनियमित संस्था को प्रतिष्ठा जोखिम से बचाता है।

18. अत: मैं विनियमित संस्थाओं से आग्रह करूंगा कि वे आंतरिक लोकपाल तंत्र को संबल प्रदान करने के लिए अपने शिकायत निवारण ढांचे को पुन: तैयार करने का प्रयास करें, जो विनियमित संस्थाओं में समग्र आंतरिक शिकायत निवारण प्रक्रिया के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करेगा। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए मैं विनियमित संस्थाओं को तीन महत्वपूर्ण पहलुओं, जो एक मजबूत आंतरिक शिकायत निवारण ढांचे के निर्माण में अभिन्न अंग हैं, पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दूंगा ।

अ सर्वप्रथम, विनियमित संस्थाओं को इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि आंतरिक लोकपाल कार्यालय को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए पर्याप्त मानव संसाधन और बुनियादी सहायता प्रदान की जाए । विनियमित संस्थाएं आंतरिक लोकपाल द्वारा फ्रंटलाइन कर्मचारियों के साथ समय-समय पर बातचीत की संभावना भी तलाश कर सकती हैं ताकि उन्हें शिकायत निवारण के जमीनी स्तर के कार्यान्वयन पर जानकारी प्राप्त करने और पहचाने गए अंतर को दूर करने में मदद मिल सके। इसी प्रकार, विनियमित संस्था की विशिष्ट गतिविधियों और उत्पादों के शिकायत निवारण पहलू पर चर्चा के लिए उत्पाद और व्यवसाय प्रमुखों के साथ आंतरिक लोकपाल का नियमित इंटरफ़ेस भी आयोजित किया जा सकता है।

ब दूसरा, विनियमित संस्थाओं को शिकायत निवारण के लिए अपने आंतरिक लोकपाल से प्राप्त इनपुट और आरबीआई लोकपाल के निर्णयों के आधार पर एक व्यापक मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित करनी चाहिए। शिकायत निवारण के तौर-तरीकों की संस्थागत स्मृति स्थापित करने के लिए यह आवश्यक है। यह एसओपी वर्तमान तथा भविष्य के आंतरिक लोकपाल और उनके संबंधित कर्मचारियों दोनों के लिए एक परिचालन मैन्युअल के रूप में काम कर सकता है।

स अंत में, विनियमित संस्थाओं को यह सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखना चाहिए कि सभी ग्राहक समस्याओं का पूर्णत: समाधान किया जाए। विनियमित संस्थाओं की शिकायत प्रबंध प्रणाली को इस तरह से डिज़ाइन किया जाना चाहिए कि सेवा में कमी से जुड़ी सभी अस्वीकृत या आंशिक रूप से अस्वीकृत शिकायतें बिना किसी मैन्युअल हस्तक्षेप के सीधे आंतरिक लोकपाल के पास पहुंच जाएं, जिससे एक निष्पक्ष प्राधिकारी द्वारा द्वितीयक समीक्षा की सुविधा प्राप्त हो सके।

आंतरिक लोकपाल ढांचे में हालिया विनियामक विकास

19. रिज़र्व बैंक ने विभिन्न चरणों में बैंकों, गैर-बैंक प्रणाली प्रतिभागियों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और साख सूचना कंपनियों में आंतरिक लोकपाल ढांचे को संस्थागत रूप प्रदान किया है।

20. हाल ही में, विनियमित संस्थाओं में ग्राहक सेवा मानकों में सुधार के उद्देश्य से पूर्ववर्ती तीन आरबीआई लोकपाल योजनाओं के एकीकरण के अनुरूप रिजर्व बैंक द्वारा ढांचे की समीक्षा की गई थी। विभिन्न विनियमित संस्थाओं पर लागू निर्देशों में सामंजस्य स्थापित करने के लिए दिसंबर 2023 में एक व्यापक मास्टर निदेश जारी किया गया था।

21. इस मास्टर निदेश में पिछले आंतरिक लोकपाल सम्मेलन के निष्कर्षों सहित कई स्रोतों से प्राप्त इनपुट को शामिल किया गया है। यह विभिन्न पहलुओं में एकरूपता स्थापित करता है, जैसे आंतरिक लोकपाल के पास शिकायतें एस्कलेट करने की समय सीमा, ऐसे एस्कलैशन से विशिष्ट छूट, आंतरिक लोकपाल की अस्थायी अनुपस्थिति के लिए दिशानिर्देश, आंतरिक लोकपाल की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता और रिपोर्टिंग प्रारूप। इसके अतिरिक्त, यह उप आंतरिक लोकपाल की भूमिका के बारे में परिचय देता है।

22. संशोधित ढांचे के प्रत्याशित परिणामों में आंतरिक लोकपाल तंत्र का सुदृढीकरण और इसके परिणामस्वरूप, विनियमित संस्थाओं में आंतरिक शिकायत निवारण प्रणाली में वृद्धि, और अतिरिक्त सुविधा के लिए अनुपालन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना शामिल है।

निष्कर्ष

23. ग्राहक सेवा तथा प्रभावी और समय पर शिकायत निवारण वित्तीय प्रणाली में ग्राहकों के विश्वास और विश्वसनीयता की नींव का निर्माण करता है। एक सुदृढ़ और लचीला शिकायत निवारण तंत्र न केवल सेवा में कमी के कारण ग्राहकों को हुई कठिनाई को कम करता है, बल्कि सामान्य रूप से वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में संस्था के ब्रांड वैल्यू और विशेष रूप से ग्राहकों के आनंद को भी बढ़ाता है।

24. संक्षेप में, आंतरिक लोकपाल केवल एक कार्य नहीं है; यह एक ताकत है - सकारात्मक परिवर्तन के लिए एक ताकत, नैतिक बैंकिंग के लिए एक ताकत, और एक ऐसे भविष्य के लिए एक ताकत जहां वित्तीय संस्थान न केवल समय के साथ बल्कि उससे भी आगे विकसित होंगे। इस भूमिका को मजबूत करके, विनियमित संस्थाएं न केवल अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा करती हैं, बल्कि लगातार बदलते वित्तीय परिदृश्य में खुद को विश्वास और स्थिरता के स्तंभ के रूप में भी स्थापित करती हैं। आईए, आंतरिक लोकपाल को जो हमें विश्वास, अखंडता और स्थायी सफलता से चिह्नित भविष्य की ओर ले जाता है को हम परिवर्तन एजेंट के रूप में स्वीकार करें और सशक्त बनाएं। मुझे उम्मीद है कि आज का सम्मेलन आईओ तंत्र को मजबूत बनाने के हमारे प्रयासों को बढ़ावा देगा।

25. धन्यवाद


1 11 मई 2015 की प्रेस प्रकाशनी

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