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अप्राधिकृत विदेशी मुद्रा लेनदेन

आरबीआई/2024-25/25
ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 02

24 अप्रैल, 2024

सभी श्रेणी-I प्राधिकृत डीलर बैंक

महोदया/महोदय,

अप्राधिकृत विदेशी मुद्रा लेनदेन

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) को अप्राधिकृत संस्थाओं द्वारा भारतीय निवासियों को असंगत/अत्यधिक रिटर्न के वादे के साथ विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) ट्रेडिंग सुविधाएं प्रदान करने के मामलों का पता चला है। इसकी जांच करने पर यह पाया गया है कि अप्राधिकृत विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग की सुविधा देने के लिए, इन संस्थाओं ने स्थानीय एजेंटों से काम लेने का रास्ता अपनाया है जो मार्जिन, निवेश, शुल्क आदि की वसूली के लिए विभिन्न बैंक शाखाओं में खाते खोलते हैं। ये खाते व्यक्तियों, स्वामित्व वाली संस्थाओं, व्यापारिक फर्मों आदि के नाम पर खोले जाते हैं और ऐसे खातों में लेनदेन, कई मामलों में खाता खोलने के बताए गए उद्देश्य के अनुरूप नहीं पाए गए हैं। यह भी देखा गया है कि ये संस्थाएं घरेलू भुगतान प्रणालियों जैसे ऑनलाइन ट्रांसफर, भुगतान गेटवे इत्यादि का उपयोग करके अप्राधिकृत विदेशी मुद्रा लेनदेन करने के लिए निवासियों को रुपये में धनराशि भेजने/जमा करने के विकल्प प्रदान कर रही हैं।

2. इस संदर्भ में, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (एडी श्रेणी -I) बैंकों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया जाता है:

क) विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 की धारा 3 (ए), जिसके अनुसार, कोई भी व्यक्ति किसी भी विदेशी मुद्रा या विदेशी प्रतिभूति का सौदा या हस्तांतरण किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं करेगा जो 'प्राधिकृत व्यक्ति’ नहीं है, जब तक कि ऐसा रिज़र्व बैंक की सामान्य या विशेष अनुमति के अंतर्गत न हो;

ख) समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्नी संविदा) विनियम, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 25/2000-आरबी) की अनुसूची I के साथ पठित विनियम 4, जिसके अनुसार, कोई व्यक्ति, चाहे वह भारत में निवासी हो या भारत के बाहर का निवासी हो, केवल प्राधिकृत डीलर या मान्यता प्राप्त एक्सचेंजों के साथ विदेशी मुद्रा व्युत्पन्नी संविदा कर सकता है;

ग) 05 अक्टूबर, 2018 के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) दिशानिर्देश, 2018 का पैरा 3 (1), जिसके अनुसार, कोई भी संस्था रिज़र्व बैंक से पूर्व प्राधिकरण प्राप्त किए बिना इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ईटीपी) संचालित नहीं करेगी;

घ) अप्राधिकृत विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग प्लेटफार्मों के खिलाफ चेतावनी देने के लिए, रिज़र्व बैंक द्वारा दिनांक 03 फरवरी, 2022, 07 सितंबर, 2022 और 10 फरवरी, 2023 को जारी प्रेस विज्ञप्तियां; और

ङ) रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'सचेतक सूची', जिसमें उन संस्थाओं के नाम शामिल हैं जो न तो फेमा, 1999 के तहत विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने के लिए प्राधिकृत हैं और न ही इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) दिशानिर्देश, 2018 के तहत विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए ईटीपी संचालित करने के लिए प्राधिकृत हैं।

3. अप्राधिकृत विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग की सुविधा देने में बैंकिंग चैनलों के दुरुपयोग को रोकने के लिए अधिक सतर्कता की आवश्यकता है। अतः एडी श्रेणी-I बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे इस संबंध में अधिक सतर्क रहें और अधिक सावधानी बरतें। जब भी एडी श्रेणी-I बैंकों को अप्राधिकृत विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग की सुविधा के लिए इस्तेमाल किए जा रहे किसी खाते का पता चलता है, तो वे आगे की यथा उचित कार्रवाई के लिए, प्रवर्तन निदेशालय, भारत सरकार, को इसकी रिपोर्ट करें।

4. एडी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की सामग्री को अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों के ध्यान में लाएँ। एडी श्रेणी-I बैंक अपने ग्राहकों को सूचित करें कि वे केवल 'प्राधिकृत व्यक्तियों' और 'प्राधिकृत ईटीपी' के साथ विदेशी मुद्रा में लेनदेन करें। साथ ही, एडी श्रेणी-I बैंक आरबीआई वेबसाइट पर उपलब्ध 'प्राधिकृत व्यक्तियों' की सूची और 'प्राधिकृत ईटीपी' की सूची का व्यापक प्रचार करें। एडी श्रेणी-I बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि वे इस संबंध में आरबीआई द्वारा जारी 'सचेतक सूची' और प्रेस विज्ञप्तियों का प्रचार करें।

5. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 के 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के तहत जारी किए गए हैं और किसी अन्य कानून के अंतर्गत आवश्यक अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, के प्रति पूर्वाग्रह के बिना हैं।

भवदीया,

(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबंधक


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