भारिबैं/2017-18/1
डीजीबीए.जीबीडी.सं.-1/31.05.001/2017-18
1 जुलाई 2017
सभी एजेंसी बैंक
महोदय/महोदया
मास्टर परिपत्र- एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी पेंशन का वितरण
उपर्युक्त विषय में कृपया 1 जुलाई 2015 के हमारे मास्टर परिपत्र भारिबैं/2015-16/63 का अवलोकन करें। हमने इस मास्टर परिपत्र को अब संशोधित और अद्यतन किया है, जिसमें 30 जून 2017 तक भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी महत्वपूर्ण अनुदेशों को समेकित किया गया है।
2. संशोधित मास्टर परिपत्र की एक प्रतिलिपि सूचनार्थ इसके साथ संलग्न है। इस परिपत्र को हमारी वेबसाइट www.mastercirculars.rbi.org से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
भवदीय,
(एस. रामास्वामी)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक
संलग्नक : यथोक्त
मास्टर परिपत्र - एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी पेंशन का संवितरण
प्रस्तावना
सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को पेंशन के भुगतान जिसमें मूल पेंशन, बढ़ी हुई मंहगाई राहत (डीआर) और सरकार द्वारा जब और जैसे घोषित अन्य लाभ का भुगतान शामिल है, भारत सरकार और राज्य सरकारों के संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा तैयार की गई संबंधित योजनाओं से नियंत्रित होता है। मास्टर परिपत्र में रिज़र्व बैंक द्वारा 30 जून 2017 तक जारी किए गए महत्वपूर्ण अनुदेश समेकित हैं। यह वर्तमान सरकारी अनुदेशों को प्रतिस्थापित अथवा अधिक्रमित नहीं करता है। किसी संदेह अथवा प्रकट विरोधाभास के मामले में एजेंसी बैंक संबंधित सरकारी अनुदेशों से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। इस संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए विभिन्न परिपत्रों का सार सूचना के लिए यहाँ दिया जा रहा है।
सामान्य अनुदेश
वेबसाइट पर प्रदर्शित मंहगाई राहत (डीआर) आदि संबंधी सरकारी आदेश
2. महंगाई राहत आदेशों के जारी होने और हिताधिकारी को महंगाई राहत का भुगतान किए जाने के बीच के समयांतराल को समाप्त करने तथा वरिष्ठ नागरिकों को त्वरित सेवा उपलब्ध कराने की दृष्टि से निम्नलिखित कार्रवाई किया जाना अपेक्षित है :
(क) वित्त मंत्रालय से जैसे ही संशोधित दर पर महंगाई राहत की मंजूरी प्राप्त होती है, पेंशनभोगियों को संशोधित दरों पर महंगाई राहत के भुगतान के आदेश जारी कर दिए जाते हैं और ऐसे आदेशों की प्रतियाँ तुरंत ई-मेल के साथ-साथ फैक्स द्वारा सभी एजेंसी बैंकों के प्रधानों को इन अनुदेशों के साथ भेज दी जाती हैं कि वे महंगाई राहत का शीघ्र भुगतान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें।
(ख) उक्त आदेश कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की वेबसाइट (http://www.persmin.nic.in) पर डाले जाते हैं ।
(ग) इन आदेशों की प्रतियाँ डाक द्वारा सभी एजेंसी बैंकों के प्रधानों को भी भेजी जाती हैं और भारतीय बैंक संघ उन्हें प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाता है।
(घ) पेंशन अदा करने वाले एजेंसी बैंकों को राज्य मुख्यालयों में स्थित प्राधिकृत बैंकों के प्रधान कार्यालयों और/अथवा क्षेत्रीय कार्यालयों को सरकार द्वारा भेजे गए अथवा राज्य सरकार की वेबसाइट पर लगे आदेशों की प्रतियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
(ङ) एजेंसी बैंकों के नियंत्रक कार्यालयों/प्रधान कार्यालयों को इस बात की पूर्ण रूप से निगरानी और पर्यवेक्षण करना चाहिए कि पात्र पेंशनभोगियों को सरकारी पेंशन का समय पर और सही संवितरण हो।
नामांकन
3. पेंशनभोगियों को होने वाली असुविधा का निवारण करने की दृष्टि से, समस्त पेंशन प्रदाता बैंक शाखाएं वारिसों को पेंशन की बकाया राशि का भुगतान करने के लिए केंद्रीय सिविल/ रेलवे पेंशनभोगियों द्वारा प्रस्तुत फार्म "ए" अथवा "बी" में जैसा भी मामला हो, नामांकन प्राप्त करें।
4. केंद्रीय सिविल और रेलवे पेंशनभोगियों के मामले में पास बुक के मुख पृष्ठ पर नामांकन फार्म ‘ए’ और ‘बी’ के अनुसार नामितियों के नाम परांकित कर देना चाहिए और शाखाओं को यह सुनिश्चित करने के लिए सूचित करें कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा पेंशनभोगियों के पेंशन के संवितरण संबंधी योजनाओं में दी गई प्रक्रिया का ईमानदारी से पालन किया जाए।
भारत सरकार से सेवानिवृत्त हो रहे अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी
5. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए भारत सरकार से सेवानिवृत्त होने वाले अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को पेंशन के भुगतान के लिए अपनाई जाने वाली लेखांकन प्रक्रिया निम्नलिखित है :
(क) अखिल भारतीय सेवा के पेंशनभोगियों के पीपीओ संख्या में, केंद्रीय सिविल पेंशनभोगी के लिए प्रयुक्त 12 अंकीय संख्या घटक के अलावा, पेंशनभोगी की सेवा तथा संबंधित राज्य संवर्ग दर्शाने वाला एक उपसर्ग शामिल होगा। पंजाब संवर्ग के एक आईएएस अधिकारी के लिए एक नमूना पीपीओ संख्या इस प्रकार होगा - आईएएस/पीबी/438840400191 ।
(ख) अखिल भारतीय सेवा के पेंशनभोगियों को केवल प्राधिकृत बैंकों के माध्यम से ही पेंशन प्राप्त करने का विकल्प होगा।
(ग) केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय (सीपीएओ) द्वारा जारी विशेष सील प्राधिकार (एसएसए) केंद्रीय सिविल पेंशनभोगियों के लिए जारी प्राधिकारों से उन्हें अलग दर्शाने हेतु नीले रंग में होंगे। इसके अलावा, प्राधिकारी उस राज्य सरकार का नाम प्रदर्शित करेगा, जिसके खाते में भुगतान नामे डाला जाना है।
(घ) विशेष सील अधिकार की एक प्रति सूचना और अभिलेख हेतु संबंधित महालेखाकार को प्रेषित की जाएगी।
(ङ) बैंक की संबंधित प्रदाता शाखाएं, पेंशनभोगी की पहचान से संबंधित आवश्यक प्रक्रिया अपनाने के बाद भुगतान जारी करेंगी और मामले के अनुसार रिज़र्व बैंक/स्टेट बैंक की प्रतिपूरक शाखाओं को प्रतिपूर्ति के लिए उनके माध्यम से भुगतान करने हेतु राज्य सरकार के पेंशनभोगियों के लिए तैयार किए गए स्क्रॉल में अखिल भारतीय सेवा पेंशनभोगी का नाम शामिल करेंगी। केंद्र सरकार के सिविल पेंशनभोगियों को पेंशन की प्रतिपूर्ति की सिंगल विंडो प्रणाली के अंतर्गत ऐसे स्क्रॉल प्रयोग में नहीं आ रहे हैं, इसलिए इन्हें केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय (सीपीएओ) में नहीं भेजा जाना चाहिए।
(च) प्रतिपूरक शाखाएं राज्य सरकार के पेंशनभोगियों वाली प्रक्रिया अपनाएंगी और भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर सूचित करेंगी तथा तदनुरूपी स्क्रॉल संबंधित महालेखाकार को भेजेंगी।
(छ) भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार इसे संबंधित राज्य सरकार के खाते में नामे डालेगा।
पेंशन संयुक्त खाते में जमा करना
6. केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों तथा राज्य सरकारों ने पेंशनभोगी के पति/की पत्नी, जिसके पक्ष में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में प्राधिकार मौजूद है, के साथ परिचालित संयुक्त खाते में भी पेंशन की राशि जमा करने की अनुमति के संबंध में पेंशन भुगतान योजना को संशोधित कर दिया है। पति/पत्नी के साथ रखा गया पेंशनभोगी का संयुक्त खाता निम्नलिखित शर्तों के अधीन या तो "पूर्ववर्ती अथवा उत्तरजीवी" या "दोनों में से कोई एक अथवा उत्तरजीवी" आधार पर परिचालित किया जा सकता है:-
(क) पेंशनभोगी के बैंक खाते में पेंशन के एकबार जमा हो जाने के बाद सरकार/बैंक की देयता समाप्त हो जाएगी। पति/पत्नी द्वारा गलत राशि का आहरण किए जाने पर भी कोई अन्य देयता नहीं होगी।
(ख) चूँकि पेंशन केवल पेंशनभोगी के जीवन तक ही देय है उसकी/उनकी मृत्यु की सूचना बैंक को शीघ्रातिशीघ्र और किसी भी मामले में मृत्यु होने के एक माह के भीतर दी जाएगी ताकि पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद बैंक पति/पत्नी के संयुक्त खाते में मासिक पेंशन की राशि जमा करना जारी न रखे। तथापि यदि गलती से कोई राशि संयुक्त खाते में जमा हो जाती है तो इसे इस संयुक्त खाते से तथा/अथवा पेंशनभोगी/उसके पति/उसकी पत्नी के नाम से व्यक्तिगत/संयुक्त रूप से रखे किसी अन्य खाते से वसूल की जा सकेगी। राशि, जिसे संयुक्त खाते में गलती से जमा कर दिया गया हो, वापस करने के लिए उनके विधिक वारिस, उत्तराधिकारी, निष्पादक आदि भी जिम्मेदार होंगे।
(ग) पेंशन के बकाए का भुगतान (नामांकन) नियमावली, 1983 पेंशनभोगियों के पति/पत्नी के साथ संयुक्त खाते के लिए लागू होगा। इसका आशय यह है कि यदि इस नियमावली के नियम 5 और 6 के अनुसार यदि कोई ‘स्वीकृत नामांकन’ है तो नियमों में उल्लिखित बकाया राशि नामिती को देय होगी।
7. वर्तमान पेंशनभोगियों, जो अपने पेंशन का भुगतान ऊपर निर्दिष्ट एक संयुक्त खाते में चाहते हों, से अपेक्षित है कि वे उस बैंक शाखा में जहाँ से वे वर्तमान में पेंशन प्राप्त कर रहे है, निर्धारित प्रारूप में एक आवेदन प्रस्तुत करें। संबंधित मंत्रालय/ सरकार द्वारा निर्दिष्ट निबंधन और शर्तों को स्वीकार करने की पुष्टि स्वरूप पेंशनभोगी के पति/पत्नी को भी इस आवेदन में हस्ताक्षर करने होंगे। वर्तमान/भविष्य के पेंशनभोगियों के लिए भी यह सुविधा लागू है।
8. कुछ राज्यों/मंत्रालयों की इस योजना में यह शामिल है कि पीपीओ में पति/पत्नी, जिसके पक्ष में परिवार पेंशन को प्राधिकृत किया गया है, को छोड़कर पेंशन जमा करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति के नाम से संयुक्त खाता खोलने की अनुमति नहीं होगी। संशोधित योजना के अंतर्गत परिवार पेंशनभोगियों को भी शामिल नहीं किया गया है। विस्तृत ब्यौरे के लिए प्रत्येक व्यक्तिगत मंत्रालय/ राज्य सरकार की योजना को देखा जा सकता है।
पेंशनभोगियों/परिवार पेंशनभोगियों की पासबुक में पीपीओ संख्या दर्ज करना
9. यह निर्णय लिया गया है कि पेंशनभोगियों/परिवार पेंशनभोगियों को जारी की गई उनकी सभी पासबुकों में पीपीओ संख्या दर्ज की जाए। इससे मूल पीपीओ के खो जाने की स्थिति में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) की दूसरी प्रति प्राप्त करने, पेंशन खाता एक बैंक/शाखा से दूसरे बैंक/शाखा में अंतरित करने, पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद पति/पत्नी अथवा आश्रित बच्चों के लिए परिवार पेंशन प्रारंभ करने आदि में पीपीओ संख्या की तुरंत उपलब्धता के अभाव में पेंशनभोगियों/परिवार पेंशनभोगियों द्वारा सूचित की गई कठिनाइयों से बचा जा सकेगा। केंद्रीय पेंशन लेखांकन कार्यालय द्वारा 17 सितंबर 2014 के अपने कार्यालय ज्ञापन सीपीएओ/टेक/स्पष्टीकरण/पी एंड पीडब्ल्यू/2014-15/426-497 के माध्यम से और प्रधान रक्षा लेखा नियंत्रक (पेंशन) द्वारा 28 नवंबर 2016 के परिपत्र सं.185 के माध्यम से सभी प्राधिकृत बैंकों को इस संबंध में आवश्यक अनुदेश पहले ही जारी कर दिए गए हैं। सभी एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे पेंशनभोगियों/परिवार पेंशनभोगियों की पासबुक में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) संख्या दर्ज करें।
पेंशन पर्ची जारी करना
10. यह निर्णय लिया गया है कि केंद्रीय पेंशन लेखांकन कार्यालय (सीपीएओ)/रक्षा/रेल मंत्रालय तथा विभिन्न राज्य की सरकारों द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि परिवार पेंशनभोगियों सहित अपने पेंशनभोगियों के लिए पेंशन पर्ची जारी की जाए। तदनुसार निर्धारित प्रारूप में पेंशनभोगी/परिवार पेंशनभोगियों को पेंशन प्रारंभ होते समय और इसके बाद पेंशन के परिमाण में परिवर्तन होने पर पेंशन पर्ची जारी की जाएगी। पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) के दोनों हिस्सों को भी अद्यतन करना आवश्यक होगा। सभी एजेंसी बैंक, पेंशन भुगतान करने वाली अपनी शाखाओं को उपयुक्त अनुदेश जारी करें।
पेंशन भुगतान के लिए अलग-अलग समय रखना
11. पेंशन का भुगतान माह के केवल अंतिम दिन में ही करने से पेंशनभोगियों को काफी कठिनाई होती है क्योंकि उन्हें अपना पेंशन प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक लाइन में लगना पड़ता है। 1995 में जारी अनुदेशों के अनुसार एजेंसी बैंकों को सूचित किया गया है कि मार्च माह, जिसमें यह अप्रैल के प्रथम कार्यदिवस अथवा इसके बाद जमा होना जारी रहेगा, को छोड़कर वे पेंशन का संवितरण माह के अंतिम चार कार्यदिवसों में बांटकर करें।
पेंशनभोगी को किए गए अधिक/गलत भुगतान की वसूली
12. एजेंसी बैंकों के माध्यम से केंद्रीय/सिविल/रक्षा/रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन के भुगतान की योजना के अंतर्गत पेंशन आहरित करने वाले पेंशनभोगियों को किए गए अधिक/गलत भुगतान की वसूली के लिए एकसमान प्रक्रिया का ब्यौरा नीचे दिया गया है :-
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जैसेही अदाकर्ता शाखा की जानकारी में यह आता है कि पेंशनभोगी को अधिक/गलत भुगतान कर दिया गया है, उसे एकमुश्त बकाया भुगतान की राशि सहित पेंशनभोगी के खाते में जमा राशि में से यह राशि यथासंभव रूप में समायोजित करना चाहिए।
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यदि अधिक भुगतान की संपूर्ण राशि इस खाते से समायोजित न की जा सके तो इस अधिक भुगतान की राशि को तुरंत अदा करने के लिए पेंशनभोगी से कहा जाए।
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यदि पेंशनभोगी यह राशि अदा करने में असमर्थता व्यक्त करता है तो इसे पेंशनभोगी को भविष्य में किए जाने वाले भुगतानों में से समायोजित कर लिया जाए। जब तक पेंशनभोगी द्वारा अधिक राशि की किश्तों के लिए लिखित रूप में सहमति नहीं दी जाती है तबतक पेंशनभोगी को किए गए अधिक भुगतान की राशि की उन्हें भविष्य में किए जाने वाले पेंशन भुगतानों में से किश्तों में की जाने वाली वसूली उनके प्रतिमाह के देय निवल पेंशन(पेंशन + राहत) के 1/3 भाग की हो सकती है।
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यदि पेंशनभोगी की मृत्यु अथवा पेंशन बंद हो जाने के कारण अधिक भुगतान की राशि वसूल नहीं की जा सकती है तो इस योजना के अंतर्गत पेंशनभोगी द्वारा दिए गए बचनपत्र के अनुसार कार्रवाई की जाए।
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किए गए अधिक/गलत भुगतान का ब्यौरा और वसूली के तरीके के बारे में पेंशनभोगी को भी सूचित किया जाए।
अधिक पेंशन भुगतान की राशि सरकार को वापस करना
13. जहाँकहीं कोई अतिरिक्त/अधिभुगतान पाया जाता है तो एजेंसी बैंक की त्रुटि के कारण अतिरिक्त/अधिभुगतान के देय होने के तुरंत बाद इसकी संपूर्ण राशि एकमुश्त रूप में सरकार के खाते में जमा कर दी जानी चाहिए। यह सरकार द्वारा की गई त्रुटि के कारण पेंशनभोगी को अतिरिक्त/अधिभुगतान हुआ हो तो वे इस मामले के त्वरित समाधान के लिए मामले के संपूर्ण ब्यौरे के साथ संबंधित सरकारी विभाग से संपर्क करें। तथापि यह कार्य समयबद्ध रूप से होना चाहिए और इस संबंध में सरकारी प्राधिकारियों की पावती बैंक के अभिलेख में अवश्य रखी जाए। भारतीय रिज़र्व बैंक को संदर्भित किए बिना ही ऐसे मामले में बैंक सरकारी विभागों से संपर्क कर सकते हैं।
बूढ़े/बीमार/अशक्त/अक्षम पेंशनभोगियों द्वारा पेंशन का आहरण
14. बीमार और अशक्त पेंशनभोगियों द्वारा बैंकों से पेंशन/ परिवार पेंशन आहरित करने में आ रही समस्याओं/कठिनाइयों को ध्यान में रखने के क्रम में एजेंसी बैंक ऐसे पेंशनभोगियों को निम्नलिखित रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं :-
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पेंशनभोगी, जो इतना बीमार है कि चेक पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता / बैंक में शारीरिक भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हो सकता है।
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पेंशनभोगी, जो न केवल बैंक में शारीरिक रूप से उपस्थित होने में असमर्थ है बल्कि कुछ शारीरिक दोष/अक्षमता के कारण चेक/आहरण फार्म पर अपने हस्ताक्षर करने/अंगूठा निशान लगाने में भी असमर्थ है।
15. ऐसे बूढ़े/बीमार/अक्षम पेंशनभोगियों को ध्यान में रखते हुए उनके खातों के परिचालन के लिए बैंक निम्नलिखित प्रक्रिया अपना सकते हैं:-
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जहाँ कहीं बूढ़े/बीमार पेंशनभोगी का हाथ का अंगूठा/ पैर का अंगूठा का निशान प्राप्त किया जाए तो इसे बैंक को ज्ञात दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा इसकी पहचान की जानी चाहिए और इसमें से एक बैंक का जिम्मेदार प्राधिकारी होना चाहिए।
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जहाँ पेंशनभोगी अपने हाथ का अंगूठा/पैर का अंगूठा का निशान नहीं लगा सकता और बैंक में शारीरिक रूप से उपस्थित होने में भी अमसर्थ है तो चेक/आहरण फार्म पर एक निशान प्राप्त किया जाए और दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा इसकी पहचान की जानी चाहिए और इसमें से एक बैंक का जिम्मेदार प्राधिकारी होना चाहिए।
तदनुसार एजेंसी बैंकों से अनुरोध है कि वे अपनी शाखाओं को यह अनुदेश दें कि वे इस संबंध में जारी अनुदेश अपने नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करें ताकि बीमार और अक्षम पेंशनभोगी इन सुविधाओं का पूर्ण रूप से उपयोग कर सकें। बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि वे इस मामले में स्टाफ सदस्यों को जानकारी दें और किसी संदेह के मामले में हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in पर लगे पेंशन संवितरण संबंधी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों को देखें।
पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति
16. एजेंसी बैंकों की लिंक शाखाएं केंद्र/राज्य सरकार पेंशन के भुगतान की प्रतिपूर्ति संबंधी दावे भारतीय रिज़र्व बैंक, लोक लेखा विभाग/केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर को प्रस्तुत कर सकती हैं।
पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद पूर्ववर्ती अथवा उत्तरजीवी के साथ पेंशन खाते को बनाए रखना
17. केंद्र सरकार का पेंशन वितरित करने वाले सभी एजेंसी बैंकों को सूचित किया गया है कि वे कोई पति/पत्नी (परिवार पेंशनभोगी) परिवार पेंशन जमा करने के लिए वर्तमान संयुक्त खाते का विकल्प देता/ देती है तो जब पति/पत्नी उत्तरजीवी हो और पेंशनभोगी के साथ उसका संयुक्त खाता हो तथा पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में परिवार पेंशन के भुगतान के लिए जिसके पक्ष में प्राधिकार विद्यमान हो तो बैंक को नया खाता खोलने के लिए जोर नहीं देना चाहिए।
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र
18. वर्तमान पेंशन योजना के अनुसार पेंशनभोगियों से अपेक्षित है कि वे प्रत्येक वर्ष नवंबर में पेंशन संवितरण करने वाले बैंक में जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करें। इन प्रमाणपत्रों को प्रस्तुत करने में पेंशनभोगियों को होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए और इन कठिनाइयों को दूर करने के क्रम में भारत सरकार ने अब 10 नवंबर 2014 को आधार बायोमेट्रिक प्राधिकार के आधार पर एक डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र “जीवन प्रमाण” प्रारंभ किया है। जीवन प्रमाणपत्र की सुविधा के क्रम में 10 नवंबर 2014 को एक वेब पोर्टल (jeevanpramaan.gov.in) प्रारंभ किया गया है। सरकारी पेंशन वितरित करने वाले सभी एजेंसी बैंक इसे कार्यान्वित करने और इस योजना का लाभ उठाने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें तथा अपनी सभी संबंधित शाखाओं और संबंधित स्टाफ को आवश्यक अनुदेश जारी करें। उनसे अनुरोध है कि वे अपनी शाखाओं, वेबसाइटों और अन्य साधनों से पेंशनभोगी ग्राहकों के मध्य इस सुविधा के प्रति जागरूक करने का कार्य करें। बैंक पेंशन भुगतान संबंधी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) को उपयुक्त रूप में संशोधित कर सकते हैं।
19. ऐसी शिकायतें हैं कि पेंशन अदा करने वाली शाखाओं में काउंटर पर प्रस्तुत जीवन प्रमाणपत्र खो जाने के कारण मासिक पेंशन के भुगतान में विलंब हुआ। पेंशनभोगियों को हो रही इन कठिनाइयों से बचने के क्रम में एजेंसी बैंकों को यह अनुदेश दिया गया है कि वे इस संबंध में यथाविधि हस्ताक्षरित पावती अनिवार्य रूप से जारी करें। उनसे यह भी अनुरोध किया गया है कि वे उनके जीवन प्रमाणपत्र की प्राप्ति की अपने सीबीएस में प्रविष्टि करने पर विचार करें और सिस्टम जनित पावती जारी करें जिससे पावती के साथ-साथ अभिलेखों को वास्तविक समय में अद्यतन अपडेट करने संबंधी दोनों प्रयोजन पूरे होंगे।
केंद्रीय सिविल पेंशन का भुगतान
(क) पेंशन भुगतान आदेश
20. पेंशन अदा करने वाली कुछ शाखाएं जहाँ कहीं संबंधित पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) के दोनों अर्धांशों में आधार दरों में परिवर्तन है तो मूल पेंशन/परिवार पेंशन की राशि को अद्यतन नहीं करते हैं। इस संबंध में “सावर्जनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा केंद्र सरकार के सिविल पेंशनभोगियों को पेंशन के भुगतान की योजना” का पैराग्राफ 12.17 और 19.1 नीचे पुन: प्रस्तुत किया जा रहा है। इस योजना की जानकारी http://cpao.nic.in/pdf/scheme_bookle_new.pdf पर उपलब्ध है। :-
“जब कभी पेंशन तथा/अथवा पेंशन संबंधी मंहगाई राहत की आधार दरों में परिवर्तन हो तो पेंशन अदा करने वाली शाखा को पीपीओ का पेंशनभोगी वाले हिस्से की मांग करनी चाहिए और अन्य बातों के साथ-साथ परिवर्तन के प्रभावी होने की तारीख सहित इस परिवर्तन को उस पर अंकित करना चाहिए तदुपरांत उन हिस्से को पेंशनभोगी को लौटा देना चाहिए।” (पैरा 12.17)।
“जब कभी सरकार द्वारा पेंशन संबंधी कोई अतिरिक्त राहत घोषित की जाती है तो कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग) द्वारा इस आशय की सूचना प्रत्येक नामित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्राधिकृत प्रतिनिधियों (उनके नामे से) उनके द्वारा दिए गए पते पर भेजी जाती है। इसके पश्चात् बैंक की यह जिम्मेदारी होगी कि वे दिल्ली अथवा अन्यथा में कार्य कर रहे अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से इससे संबंधित स्वीकृत आदेशों, के साथ-साथ अपेक्षित संख्या में रेडीरेकनर की प्रतियाँ कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग) से संकलित करा लें और इसे तुरंत अपने संबंधित प्रधान कार्यालयों को भेजें ताकि वे इन्हें कार्यान्वित किए जाने से 10 दिनों के भीतर अपनी पेंशन अदा करने वाली शाखाओं को प्रेषित कर सकें। प्रत्येक अदाकर्ता शाखा अपने यहाँ के भुगतान से संबंधित केंद्र सरकार के सिविल पेंशनभोगियों को देय पेंशन की राहत की संशोधित दरों को शीघ्रतापूर्वक तय करेंगे। वैयक्तिक पेंशनभोगियों के लिए लागू इन दरों की गणना अनुबंध XXII (पृष्ठ 50) में की गई होगी और राहत की उस तारीख, जब से ये प्रभावी होंगी, के साथ-साथ इन्हें पीपीओ के वितरणकर्ता के भाग में नोट किया जाएगा और संशोधित दरों पर राहत के भुगतान तथा/अथवा इस खाते में पेंशनभोगियों को देय बकाया, यदि कोई हो, का भुगतान प्रारंभ किए जाने से पूर्व शाखा प्रबंधक अथवा प्रभारी से अनुप्रमाणन कराना होगा.....” (पैरा 19.1)
एजेंसी बैंक पेंशन अदा करने वाली अपनी शाखाओं का ध्यान उक्त प्रावधानों की ओर आकर्षित करें और उन्हें सूचित करें कि वे इन अनुदेशों का कड़ाई से अनुपालन करें।
रक्षा पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान
(क) पेंशन भुगतान संबंधी स्क्रॉल प्रस्तुत करने में विलंब
21. पेंशन अदा करने वाली शाखाओं, लिंक शाखाओं और इसकी प्रतिपूर्ति करने वाली शाखाओं द्वारा पेंशन भुगतान संबंधी स्क्रॉल प्रस्तुत करने से संबंधित प्रक्रिया “रक्षा पेंशन का भुगतान अनुदेश” नामक पुस्तिका में निर्धारित की गई है। विस्तृत अनुदेश http://cgda.nic.in/pdf/Defence%20Pension%20Payment%20Instructions%202013.pdf पर उपलब्ध है। इसमें दी गई विस्तृत संपूर्ण प्रक्रिया तय की गई समय-सीमा में पूरी किया जाना आवश्यक है ताकि ये भुगतान स्क्रॉल अनुवर्ती माह की अधिकतम 15वीं तारीख तक पीसीडीए (पेंशन), इलाहाबाद को पहुँच जाएं (मार्च माह के स्क्रॉल, जिसे प्रतिवर्ष अनुवर्ती माह के तीसरे सप्ताह तक अनिवार्य रूप से पहुँच जाना चाहिए, को छोड़कर)। पेंशन अदा करने वाली शाखाओं/ लिंक शाखाओं/ प्रतिपूर्ति करने वाली शाखाओं को सूचित किया जाता है कि निम्नलिखित को सुनिश्चित करने के लिए अधिक सक्षम प्रणाली लागू करें:-
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पेंशन अदा करने वाली शाखाओं को भुगतान स्क्रॉल लिंक शाखाओं को निर्धारित समय (अनुवर्ती माह की 10वीं तारीख तक) के भीतर प्रस्तुत करें। स्क्रॉल की गड्डी न बनायी जाए।
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लिंक शाखाओं को समरी शीट और समरी दस्तावेज के साथ स्क्रॉल की मूल प्रति प्रतिपूर्तिकर्ता बैंकों (भारतीय रिज़र्व बैंक/ भारतीय स्टेट बैंक, जैसा भी मामला हो) को प्रत्येक माह की 11वीं तारीख तक अग्रेषित करें।
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प्रतिपूर्तिकर्ता बैंक पेंशन अदा करने वाली शाखाओं को प्रतिपूर्ति करने के बाद सरकार के खाते को नामे करके स्क्रॉल की मूल प्रति सीधे सीडीए(पेंशन), इलाहाबाद को इस प्रकार अग्रेषित करें कि मार्च माह के स्क्रॉलों को छोड़कर ये प्रधान नियंत्रक रक्षा लेखा (पीसीडीए) (पेंशन) को अनुवर्ती माह की 15वीं तारीख तक पहुँच जाए।
(ख) जाली और कपटपूर्ण भुगतान
22. प्रधान नियंत्रक रक्षा लेखा (पीसीडीए) के कार्यालय को यह ज्ञात हुआ है कि कुछ मामलों में पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं द्वारा निर्धारित जांच-पड़ताल किए बिना जाली तथा कपटपूर्ण पीपीओ पर धोखेबाजों को उपदान और संराशीकरण (कॉम्युटेशन) की राशि अदा कर दी गई थी। अत: रक्षा पेंशन अदाकर्ता शाखाओं से अनुरोध है कि वे रक्षा पेंशनभोगियों को पेंशन का वितरण करने हेतु पीसीडीए(पेंशन) द्वारा “रक्षा पेंशन भुगतान अनुदेश” में दी गई प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करें ताकि जाली पेंशन भुगतान आदेशों के विरुद्ध कपटपूर्ण भुगतान से बचा जा सके।
(ग) पेंशन का प्रथम भुगतान
23. यह देखा गया है कि पेंशन के प्रथम भुगतान के मामलों में या तो पीपीओ संख्या का उल्लेख नहीं किया गया अथवा गलत पीपीओ संख्या उल्लिखित की गई जिससे सही भुगतान का सत्यापन करना कठिन हो गया। साथही ऐसे भुगतानों को मुख्य पेंशन भुगतान स्क्रॉलों के साथ-साथ रक्षा पेंशनभोगियों के नियमित मासिक भुगतानों में प्रदर्शित किया गया था। पेंशन अदा करने वाली शाखाओं/लिंक शाखाओं/प्रतिपूर्ति करने वाली शाखाओं को सूचित किया जाता है कि निम्नलिखित को सुनिश्चित करने के लिए अधिक सक्षम प्रणाली लागू करें:-
(क) पेंशन के प्रथम भुगतान के मामलों में पेंशन अदा करने वाली शाखाओं को पीपीओ की सही संख्या, उपदान की राशि और प्रत्येक पेंशनभोगी के नाम के सामने संराशीकृत राशि सही रूप में प्रदर्शित करते हुए स्क्रॉल सावधानीपूर्वक तैयार करना चाहिए और इनका विवरण मासिक आधार पर अलग से प्रस्तुत करें इसके अतिरिक्त अलग समरी शीट सहित नियमित मासिक भुगतान के मामलों का विवरण अलग से तैयार किया जाना जारी रहेगा।
(ख) पेंशन अदा करने वाली शाखाओं को प्रथम पेंशन भुगतान के मामलों के समान नियमित मासिक पेंशन भुगतान संबंधी मामलों का समरी शीट अलग से तैयार करना चाहिए।
(घ) एकल खिड़की प्रणाली
24. प्रधान नियंत्रक रक्षा लेखा (पेंशन) के कार्यालय के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 1 अप्रैल 2007 से रक्षा पेंशन की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली लागू की जाए। अत: प्रतिपूर्तिकर्ता बैंक अर्थात् भारतीय रिज़र्व बैंक (लोक लेखा विभाग), भारतीय स्टेट बैंक और इसके सहयोगी बैंक 1 अप्रैल 2007 से बैंकों द्वारा किए गए रक्षा पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति करना बंद कर देंगे। केंद्रीय सिविल पेंशन के मामले की भाँति निधियों के निपटान के लिए लिंक कक्ष के माध्यम से पेंशन भुगतान संबंधी लेनदेनों की सूचना नागपुर में केंद्रीय लेखा अनुभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, नागपुर को दी जाए। एजेंसी बैंकों से यह अपेक्षित है कि वे भुगतान स्क्रॉलों को प्रधान नियंत्रक रक्षा लेखा (पीसीडीए) (पेंशन), द्रौपदीघाट, इलाहाबाद को भेजें।
25. 1 अप्रैल 2001 के पूर्व के सभी बकाया पिछले लेनदेन, जिनके लिए पेंशन भुगतान स्क्रॉल सूचना भेजा जाना है, का समाधान भारतीय रिज़र्व बैंक/भारतीय स्टेट बैंक और इसके सहयोगी बैंकों की प्रतिपूर्ति करने वाली शाखाओं के माध्यम से किया जाएगा।
रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान
(क) जाली और कपटपूर्ण भुगतान
26. रेल मंत्रालय को कुछ ऐसे धोखाधड़ी वाले मामलों का पता लगा है कि जिनमें कुछ एजेंसी बैंकों द्वारा जाली पेंशन भुगतान आदेशों (पीपीओ) के आधार पर अनधिकृत व्यक्तियों को पेंशन/पेंशन के बकाए का भुगतान कर दिया गया है। पेंशन अदा करने वाली शाखाओं द्वारा धोखाधड़ी वाले ऐसे भुगतान निर्धारित ऐसी जाँच किए बिना किए गए हैं, उदाहरणस्वरूप ऐसी गणना शीटों पर विश्वास करके भुगतान जारी किया गया जिन्हें प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा हस्ताक्षरित नहीं किया गया था, साथ ही ये बैंकों द्वारा विशेष रूप से पीपीओ प्राप्त करने संबंधी निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन भी नहीं करते थे। अत: रेलवे पेंशन अदा करने वाली शाखाओं से अनुरोध है कि वे रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन के संवितरण के लिए रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) की “सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा रेलवे पेंशन के भुगतान की योजना” में दी गई प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करें।
(ख) ड्यू एंड ड्रॉन स्टेटमेंट जारी करना
27. सभी एजेंसी बैंक अपनी पेंशन अदा करने वाली शाखाओं को उपयुक्त अनुदेश जारी करें कि वे जब कभी उनके पेंशन में परिवर्तन/संशोधन हो तो वे रेलवे पेंशनभोगियों को निर्धारित फार्म में ‘ड्यू एंड ड्रॉन स्टेटमेंट’ जारी करें ताकि पेंशनभोगियों को असुविधा से बचाया जा सके।
(ग) एकल खिड़की प्रणाली
28. रेलवे पेंशन की प्रतिपूर्ति के मामले में एकल खिड़की प्रणाली लगभग सभी एजेंसी बैंकों द्वारा प्रारंभ किया गया है। इन बैंकों द्वारा किए गए रेलवे पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर द्वारा की जाएगी।
टेलीकॉम पेंशनरों को पेंशन का भुगतान
(क) एकल खिड़की प्रणाली
29. भारतीय स्टेट बैंक, उसके सहयोगी और राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ टेलीकॉम पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति के मामले में एकल खिड़की प्रणाली (एसडब्ल्यूएस) 01 अक्तूबर 2012 के प्रभाव से प्रारंभ किया गया। संशोधित योजना http://www.dot.gov.in/sites/default/files/28-9-12_1.pdf लिंक पर उपलब्ध है। इन बैंकों द्वारा किए गए टेलीकॉम पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर द्वारा की जाएगी।
ग्राहक सेवा
30. सभी एजेंसी बैंक अपने डीलिंग शाखाओं को अनुदेश दें कि वे पेंशन भुगतान से संबंधित प्रभाकर राव समिति की सिफारिशों का अनुपालन करें और तदनुसार अपने आंतरिक लेखा परीक्षकों/ निरीक्षकों को अनुदेश दें कि जब वे किसी शाखा के दौरे पर जाएं तो शाखाओं द्वारा किए जा रहे कार्य की जाँच करते वक्त जाँचसूची (अनुबंध 1 में दी गई है) में सूचीबद्ध किए गए मुद्दों को ध्यान में रखें और अपनी रिपोर्टों में ग्राहक सेवा की गुणवत्ता पर टिप्पणी दें और भारतीय रिज़र्व बैंक के निरीक्षण अधिकारियों को इसे उपलब्ध कराएं।
31. पेंशनभोगियों की शिकायतों का निपटान विशेष रूप से केन्द्रीकृत पेंशन प्रसंस्करण केन्द्र (सीपीपीसी) की स्थापना के बाद शाखा स्तर पर उचित रूप से नहीं किया जा रहा है। पेंशनभोगियों को झंझट रहित सेवा प्रदान करने के लिए शिकायतों के निपटान और नियमित संवाद के लिए एक मंच होना चाहिए। तदनुसार, एजेंसी बैंकों को नियमित रूप से पेंशनभोगियों की शिकायतों के निपटान के लिए प्रत्येक क्षेत्र/मंडल में एक/दो नोडल अधिकारी नियुक्त करना चाहिए और महाप्रबंधक/मुख्य महाप्रबंधक को मासिक अंतरालों पर स्थिति की समीक्षा करनी चाहिए।
32. सीपीपीसी के दायरे से बाहर के स्थानों पर, पेंशन से संबंधित शिकायतों के लिए नोडल अधिकारियों को नामित किया जाना चाहिए और उनसे पेंशनभोगी आसानी से संपर्क कर सकें और पेंशन अदालत की तर्ज पर उन्हें अपने अधिकार क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर नियमित रूप से बैठकें करनी चाहिए। प्रत्येक बैंक को केवल पेंशन मामलों के लिए ही टोल फ्री नंबर शुरू करना चाहिए, जहां प्रशिक्षित व्यक्तियों को तैनात किया जाए और प्रश्नों का जवाब देने के लिए उनकी पहुंच डेटाबेस तक हो तथा वे शिकायतों को दर्ज कर उसका निवारण कर सकें।
33. पेंशनभोगियों से संशोधित पेंशन और बकाया राशि के संवितरण में अत्यधिक विलंब संबंधी कई शिकायतें प्राप्त होने के बाद एजेंसी बैंकों को निम्नानुसार सूचित किया गया :
(क) पेंशनभोगी को पेंशन/बकाया के क्रेडिट में विलंब करने पर पेंशन भुगतान करने वाले बैंकों को तय देय तारीख से विलंब के लिए 8 प्रतिशत के नियत ब्याज दर पर क्षतिपूर्ति देनी होगी और दिनांक 1 अक्टूबर, 2008 के बाद से यह क्षतिपूर्ति सभी विलंबित पेंशन भुगतानों पर लागू होगा और जब बैंक संशोधित पेंशन/पेंशन बकाया क्रेडिट करता है तो पेंशनभोगी के किसी दावे के बिना उसी तारीख पर पेंशनभोगी के खाते में क्षतिपूर्ति भी क्रेडिट किया जाना चाहिए।
(ख) पेंशन भुगतान बैंकों से अनुरोध किया गया है कि वे पेंशन भुगतान करने वाले प्राधिकारियों से पेंशन आदेश की प्रतियां तत्काल प्राप्त करने की एक प्रणाली विकसित करें और भारतीय रिजर्व बैंक से निर्देशों की प्राप्ति के लिए इंतजार किए बिना पेंशन का भुगतान करें ताकि पेंशनभोगियों को सरकारों द्वारा घोषित लाभ अगले महीने के पेंशन भुगतान में ही मिल जाए।
(ग) पेंशन भुगतान सहित ग्राहक सेवा की व्यवस्था की समीक्षा आवधिक अंतरालों में की जाए।
(घ) पेंशनभोगियों के लिए शाखा निर्दिष्ट बिंदु बना रहना चाहिए ऐसा न हो कि वह अपने आप को वंचित महसूस करे।
(ङ) जिन शाखाओं में पेंशन खाते हैं उन्हें बैंक के साथ लेनदेन करने में पेंशनभोगियों की सहायता करनी चाहिए।
(छ) पेंशन की गणना से संबंधित अंकगणित और गणना के अन्य सभी विवरणों को पेंशनभोगियों को आवश्यकतानुसार इंटरनेट या आवधिक अंतराल पर शाखाओं में उपलब्ध कराने के लिए इसे वेब पर प्रकाशित करने की उपयुक्त व्यवस्था की जानी चाहिए और इस व्यवस्था का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।
(ज) पेंशन भुगतान के संबंध में सभी दावे सरकारी कारोबार के प्रभारी कार्यकारी निदेशक/मुख्य महाप्रबंधक के इस आशय के प्रमाणपत्र के साथ किया जाना चाहिए कि कोई भी बकाया पेंशन क्रेडिट किया जाना शेष नहीं है/ नियमित पेंशन/बकाया को क्रेडिट करने में देरी नहीं हुई है।
प्रशिक्षण
34. पेंशन भुगतान योजनाओं/ नियमों के बारे में स्टाफ-सदस्यों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए बैंक अपने प्रशिक्षण केंद्रों द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम में इसे शामिल कर सकते हैं।
35. संबंधित सरकारी विभागों के परामर्श से पेंशन मामलों पर कार्य कर रहे बैंक कर्मियों के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएं।
अनुबंध 1
बैंक शाखाओं के आंतरिक निरीक्षण के लिए पेंशन भुगतान/सरकारी कारोबार से संबंधित जाँच सूची :
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क्या बैंक ने परिचालन और पर्यवेक्षी दोनों स्टाफ को पेंशन भुगतान का महत्व और इसकी सामाजिक उपयोगिता के बारे में उचित जानकारी दी है?
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क्या पेंशन के भुगतान, पेंशन के संशोधन, मंहगाई राहत में संशोधन इत्यादि में विलंब होता है ?
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क्या पीपीओ के अनुसार 15 साल के बाद पूर्ण पेंशन को बहाल करने में देर होती है?
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क्या समय से पेंशन के भुगतान में बैंक के लिंक शाखा/फोकल बिंदु शाखा/पेंशन संवितरण शाखा में विलंब होता है?
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क्या बैंक शाखा यह सुनिश्चित करता है कि पेंशनभोगी को अधिभुगतान नहीं किया जा रहा है क्योंकि इससे बाद में पेंशनभोगी को ही कठिनाई होती है?
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क्या शाखा प्रबंधक त्रैमासिक आधार पर पेंशनभोगियों के साथ संवाद करता है?
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क्या केन्द्रीय पेंशन लेखाकरण कार्यालय, नियंत्रक, रक्षा पेंशन आदि जैसे संबंधित सरकारी विभागों के परामर्श से पेंशन मामलों को देखने वाले बैंक कर्मियों के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया गया?
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क्या सभी पेंशन खातों में नामांकन होने का अनुपालन किया गया है?
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जहाँ भी लागू हो, क्या पेंशन खाते को संयुक्त खाते में परिवर्तित कर दिया गया है?
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क्या केंद्रीय सिविल/रक्षा/रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन पर्ची जारी किए जाते हैं?
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क्या बैंक शाखा में प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र है और पेंशनभोगियों की शिकायतों पर समय से कार्रवाई की जाती है और उनकी शिकायतों का निवारण तेजी से होता है?
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भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार क्या पेंशन मार्च माह, जिसमें यह अप्रैल के प्रथम कार्यदिवस को जमा होता है, को छोड़कर अन्य माह में अंतिम चार कार्यदिवसों में जमा होता है?
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क्या पेंशन भुगतान करने वाली शाखा द्वारा पेंशन भुगतान का विस्तृत रिकॉर्ड निर्धारित प्रपत्र में रखा जाता है?
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क्या पेंशन का भुगतान करने वाली शाखा हर साल नवंबर के महीने में पेंशनभोगियों से जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त / बेरोजगार प्रमाणपत्र/ रोजगार प्रमाण पत्र प्राप्त करता है?
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जहाँ भी लागू हो, क्या पेंशन का भुगतान करने वाली शाखा पेंशन भुगतान से स्रोत पर आयकर की कटौती करता है?
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चाहे बैंक शाखा कर निर्धारिती द्वारा की ग़लत प्रविष्टि को समाप्त करने के लिए सीडी से मौजूदा कर निर्धारिती के पैन संख्या के सत्यापन की प्रक्रिया का कड़ाई से अनुपालन करता है?
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क्या कर संग्रह करने वाली शाखाओं द्वारा चेक की प्राप्ति की पावती में निरपवाद रूप से पेपर टोकन दिया जाता है?
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क्या बैंक के बीएसआर कोड और चालान पहचान संख्या (सीआईएन) का स्पष्ट रूप उल्लेख करते हुए चालान पर मुहर लगाया जाता है?
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क्या मुहर लगाये गए चालान बैंक कर्मचारी की अभिरक्षा में रहते हैं और केवल पेपर टोकन दिए जाने पर ही संबंधित करदाता को यह सौंपा जाता है?
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क्या पेंशनभोगियों/परिवार पेंशनभोगियों को जारी पासबुक में पीपीओ संख्या दर्ज की जाती है?
परिशिष्ट
मास्टर परिपत्र में समेकित परिपत्रों की सूची
सं. |
परिपत्र सं. |
दिनांक |
विषय |
1 |
संदर्भ सीओ.डीजीबीए (एनबीएस)सं.44/जीए.64(11-सीवीएल)90/91 |
18.04.1991 |
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से केंद्रीय सिविल/रक्षा/रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन के भुगतान की योजना – पेंशनभोगियों को किए गए अधिक/गलत भुगतान की वसूली |
2 |
संदर्भ सीओ.डीजीबीए (एनबीएस)सं.50/जीए.64(11-सीवीएल)90/91 |
06.05.1991 |
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से केंद्रीय सिविल/रक्षा/रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन के भुगतान की योजना – पेंशनभोगियों को किए गए अधिक/गलत भुगतान की वसूली |
3 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं.एच. 416/45.01.003/2002-03 |
21.03.2003 |
राज्य सरकार के पेंशनभोगियों को दी जानेवाली मंहगाई राहत इत्यादि संबंधी सरकारी आदेशों को राज्य सरकारों की वेबसाइटों पर डालना |
4 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं. एच.506/45.01.001/2002-03 |
12.04.2003 |
केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को सरकारी क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से पेंशन का भुगतान – पेंशनभोगियों को महंगाई राहत के भुगतान में होने वाली देरी को कम करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय - महंगाई राहत इत्यादि के संबंध में सरकारी आदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक के माध्यम से भेजना बंद करना। |
5 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी. सं. 770/45.01.003/2003-04 |
25.02.2004 |
पेंशन संबंधी परिपत्रों को भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर डालना। |
6 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं.एच. 94/45.05.031/2004-05 |
24.08.2004 |
फॉर्म "ए" और "बी" में नामांकन स्वीकार करना – केंद्रीय सिविल/रेलवे पेंशन |
7 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं. 612-644/45.01.001/2004-05 |
07.10.2004 |
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए पेंशन और सभी भारत सरकार से सेवानिवृत्त अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों को पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों के भुगतान के लिए प्रक्रिया का कार्यान्वयन |
8 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं. 867-899/45.02.001/2004-05 |
18.10.2004 |
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा रक्षा पेंशनभोगियों को पेंशन के भुगतान की योजना– पेंशन भुगतान स्क्रॉल को जमा करने में विलंब और नकली और कपटपूर्ण भुगतानों को टालने के उपाय |
9 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं. एच. 3611/45.03.002/2005-06 |
10.10.2005 |
पेंशन की बकाया रशि के भुगतान के लिए रेलवे पेंशनभोगियों के संबंध में नामांकन (फार्म "ए" और "बी") स्वीकार करना |
10 |
संदर्भ.. डीजीबीए.जीएडी. सं.एच.3389-3421/45.02.001/2004-05) |
06.01.2005 |
सरकारी क्षेत्र के बैंकों द्वारा रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन भुगतान की योजना - कपटपूर्ण भुगतान टालने हेतु उपाय। |
11 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी. सं. एच.3452-3485/45.01.001/ 2004-05 |
11.01.2005 |
केंद्रीय सिविल पेंशन का भुगतान - पेंशन भुगतान आदेश ( पी पी ओ) के दोनों अर्धांशों में महंगाई राहत की प्रविष्टि। |
12 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीडीडी. सं. 6073/45.03.031/2004-05 |
30.05.2005 |
एजेंसी बैंकों द्वारा रेल्वे पेंशन का भुगतान |
13 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीडीडी. सं. एच-10746/45.03.031/2005-06 |
24.01.2006 |
रेलवे के पेंशनभोगियों को सार्वजनिक क्षेत्र के/ अधिकृत बैंकों द्वारा पेंशन का भुगतान की योजना - रेल मंत्रालय द्वारा सात नए अंचलों के वि.स. एवं मु.ले.अ. का नामांकन |
14 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीडीडी. सं. 11303/45.01.003/2005-06 |
06.02.2006 |
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से पेंशन का संवितरण– मंहगाई राहत का भुगतान |
15 |
संदर्भ.डीजीबीए.जीडीडी. सं. 12736/45.03.031/2005-06 |
24.02.2006 |
अधिकृत बेंकों द्वारा पेंशन का भुगतान पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी /अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना । |
16 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीडीडी. सं.एच-2134/45.02.001/2006-07 |
04.08.2006 |
अधिकृत बैंकों द्वारा पेंशन का भुगतान -पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी /अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना । |
17 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी. 6926/45.05.005/2006-07 |
30.10.2006 |
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा पश्चिम बंगाल (भाग ए) सरकारी पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी /अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना। |
18 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-10975/45.05.031/2006-07 |
09.01 2007 |
पेंशन पर्ची जारी करना |
19 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी. सं. एच-13834/45.02.001/2006-07 |
13.03.2007 |
रक्षा पेंशन भुगतान प्रतिपूर्ति हेतु एकल खिड़की
प्रणाली का प्रारंभ |
20 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.एच-14279/45.05.024/2006-07 |
23.03.2007 |
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा अरुणाचल प्रदेश सरकार के पेंशनभोगियों को पेंशन भुगतान की योजना |
21 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.एच. 17663/45.05.031/2006-07 |
12.06.2007 |
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के माध्यम से केद्रीय सरकारी पेंशन का भुगतान - रक्षा पेंशनरो को पेंशन पर्ची जारी करना |
22 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी. सं. एच.3856/45.05.031/2007-08 |
08.10.2007 |
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के माध्यम से केद्रीय सरकारी पेंशन का भुगतान - रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन पर्ची जारी करना |
23 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी. सं.7570/45.05.018/2007-08 |
15.01.2008 |
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा असम सरकार के पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी /अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना। |
24 |
संदर्भ. डीजीबीए जीएडी सं. 11653/49.05.013/2007-08 |
06.05.2008 |
अधिकृत बैंकों द्वारा पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी/अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना । |
25 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी. सं.एच-12499/49.05.010/2007-08 |
04.06.2008 |
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा उत्तरप्रदेश सरकार के पेंशनभोगियों पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नि/अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना। |
26 |
संदर्भ. डीजीबीए. जीएडी. सं. एच 12656/49.05.010/2007-08 |
05.06.2008 |
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा उत्तराखंड सरकार के पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नि/अपने पति/नामित के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना । |
27 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.एच 12704/45.05.005/2007-08 |
11.06.2008 |
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के माध्यम से पश्चिम बंगाल सरकारी पेंशन का भुगतान - पेंशन पर्ची जारी करना |
28 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं.13024/ 45.05.006/2007-08 |
24.06.2008 |
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा उड़ीसा सरकार के पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी/ अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना । |
29 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी. 924/45.05.012/2008-09 |
23.07.2008 |
पेंशन पर्ची जारी करना |
30 |
डीजीबीए.जीएडी.एच 1917/45.04.001/2008-09 |
21.08.2008 |
प्राधिकृत बैंकों द्वारा दूरसंचार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान की योजना - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी/अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना । |
31 |
डीजीबीए.जीएडी.एच 1918/45.05.016/2008-09 |
21.08.2008 |
प्राधिकृत बैंकों द्वारा आंध्रप्रदेश सरकारी पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान की योजना - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी/अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना । |
32 |
डीजीबीए.जीएडी.एच 3085/45.01.001/2008-09 |
01.10.2008 |
ग्राहक सेवा पर प्रभाकर राव समिति की सिफारिशें– पेंशन भुगतान |
33 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं. 2090/45.05.015/2009-10 |
01.09.2009 |
पेंशन पर्ची जारी करना |
34 |
डीजीबीए.जीएडी.एच 7652/45.05.031/2008-09 |
03.03.2009 |
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा केन्द्रीय सरकार /सिविल / रक्षा/ रेलवे / दूरसंचार / स्वतंत्रता सेनानी / राज्य सरकार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान - सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा पेंशन भुगतान में आनाकानी |
35 |
डीजीबीए.जीएडी.एच 9326/44.01.001/2008-09 |
29.04.2009 |
एजेंसी बैंकों की पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं द्वारा पेंशन पर्ची जारी करना/ पीपीओ को अद्यतन करना |
36 |
डीजीबीए.जीएडी.एच 10450/45.03.001/2008-09 |
01.06.2009 |
पेंशन के अधिक भुगतान की राशि सरकारी खातों मे वसूली/प्रतिपूर्ति |
37 |
डीजीबीए.जीएडी.एच 2434 / 45.05.031/2009-10 |
15.09.2009 |
पेंशन के अधिक भुगतान की राशि सरकारी खातों मे वसूली/प्रतिपूर्ति |
38 |
डीजीबीए.जीएडी.एच 2084/45.03.001/2009-10 |
01.09.2009 |
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन भुगतान की योजना – ड्यू एंड ड्रान स्टेटमेंट जारी करना । |
39 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.एच 3194/45.01.001/2009-10 |
14.10.2009 |
सरकारी क्षेत्र के बैंको द्वारा केन्द्रीय सिविल/रक्षा/रेलवे /दूर संचार/स्वतंत्रता सेनानियों/ राज्य सरकारों के पेंशनभोगियों की पेंशन के भुगतान की योजना - वृध्द / रुग्ण/ विकलांग पेंशनभोगियों द्वारा पेंशन आहरण की सुविधा |
40 |
संदर्भ. डीओ.सं. सीएसडी. सीओ /8793/13.01.001/2009-10 |
09.04.2010 |
एजेंसी बैंकों द्वारा केन्द्रीय / राज्य सरकार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान –विलंब के लिए क्षतिपूर्ति |
41 |
डीजीबीए.जीएडी.सं एच-46 /45.01.001/2010-11 |
02.07.2010 |
एजेंसी बैंकों द्वारा केन्द्रीय / राज्य सरकार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान –विलंब के लिए क्षतिपूर्ति। |
42 |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच -6212 और 6213/45.01.001/2010-11 |
11.03.2011 |
एजेंसी बैंकों द्वारा केन्द्रीय / राज्य सरकार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान –विलंब के लिए क्षतिपूर्ति। |
43 |
डीजीबीए.जीएडी.सं. एच - 6493/45.03.001/2010-11 |
21.03.2011 |
रेलवे पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली की शुरुआत |
44 |
डीजीबीए.जीएडी.सं. एच - 74/45.03.001/2011-12 |
05.07.2011 |
रेलवे पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली की शुरुआत |
45 |
डीजीबीए.जीएडी.सं. एच - 6581/45.03.001/2011-12 |
09.04.2012 |
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा रेलवे पेंशन के भुगतान में अनियमितताएं |
46 |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच -6760 और 6762/45.01.001/2011-12 |
13.04.2012 |
एजेंसी बैंकों द्वारा केन्द्रीय / राज्य सरकार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान –विलंब के लिए क्षतिपूर्ति। |
47 |
डीजीबीए.जीएडी.सं. एच – 8024 एवं 8026/45.03.001/2011-12 |
06.06.2012 |
रेलवे पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली की शुरुआत |
48 |
डीजीबीए.जीएडी.सं. एच - 8042/45.01.001/2011-12 |
07.06.2012 |
एजेंसी बैंकों द्वारा केंद्रीय/राज्य सरकार पेंशन का भुगतान – पेंशन भुगतान के प्रतिपूर्ति दावों का निपटान |
49 |
डीजीबीए.जीएडी.सं. एच – 562 एवं563/45.03.001/2012-13 |
27.07.2012 |
रेलवे पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली की शुरुआत |
50 |
डीजीबीए.जीएडी.सं. एच – 1594/45.04.001/2012-13 |
14.09.2012 |
टेलीकॉम पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली की शुरुआत। |
51 |
डीजीबीए.जीएडी.सं. एच –5443/45.04.001/2012-13 |
19.03.2013 |
टेलीकॉम पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली की शुरुआत। |
52 |
डीजीबीए.जीएडी.सं. एच – 7386/45.01.001/2012-13 |
03.06.2013 |
केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान – पेंशनर की मृत्यु के पश्चात "दोनों में कोई एक या उत्तरजीवी" पेंशन खाते को जारी रखना। |
53 |
संदर्भ. डीजीबीए. जीएडी. सं. एच -27/45.01.001/2014-15 |
01.07.2014 |
पेंशनभोगियों के शिकायतों का निपटान |
54 |
संदर्भ. डीजीबीए. जीएडी. सं. एच -2529/45.01.001/2014-15 |
09.12.2014 |
आधार बॉयोमेट्रिक प्राधिकार के आधार पर डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना। |
55 |
संदर्भ. डीजीबीए.जीएडी.सं. एच -4054/45.03.001/2014-15 |
13.03.2015 |
सरकार के खाते में पेंशन के अधिदेश राशि की वसूली/वापसी |
56 |
आरबीआई/2014-15/587 : डीजीबीए.जीएडी.सं. एच -5013/45.01.001/2014-15 |
07.05.2015 |
जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर अनिवार्य रूप से पावती जारी करना |
57 |
भारिबैं/2015-16/340: डीजीबीए.जीएडी.सं.2960/45.01.001/2015-16 |
17.03.2016 |
पेंशनभोगियों को किए गए अधिक भुगतान की वसूली |
58 |
भारिबैं/2016-17/319: डीजीबीए.जीएडी.सं.3235/45.01.001/2016-17 |
08.06.2017 |
पेंशनभोगियों/परिवार पेंशनभोगियों की पासबुक में पीपीओ संख्या दर्ज करना |
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