भारिबैं/2023-24/10
डीजीबीए.जीबीडी.सं.S3/31.02.007/2023-24
03 अप्रैल 2023
सभी एजेंसी बैंक
महोदय/महोदया
मास्टर परिपत्र - एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी पेंशन का संवितरण
उपर्युक्त विषय पर कृपया दिनांक 01 अप्रैल, 2022 का हमारा मास्टर परिपत्र आरबीआई/2022-23/09 देखें। हमने इस मास्टर परिपत्र को अब संशोधित और अद्यतन किया है, जिसमें 31 मार्च 2023 तक भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी इस विषय पर महत्वपूर्ण अनुदेशों को समेकित किया गया है।
2. संशोधित मास्टर परिपत्र की प्रति सूचनार्थ इसके साथ संलग्न है। इस परिपत्र को हमारी वेबसाइट https://mastercirculars.rbi.org.in/ से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
भवदीय
(इंद्रनील चक्रबर्ती)
मुख्य महाप्रबंधक
अनुलग्नक: यथोक्त
मास्टर परिपत्र - एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी पेंशन का संवितरण
प्रस्तावना
सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को पेंशन के भुगतान जिसमें मूल पेंशन, बढ़ी हुई मंहगाई राहत (डीआर) और सरकार द्वारा जब और जैसे घोषित अन्य लाभ का भुगतान शामिल है, भारत सरकार और राज्य सरकारों के संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा तैयार की गई संबंधित योजनाओं से नियंत्रित होता है। इस मास्टर परिपत्र में रिज़र्व बैंक द्वारा 31 मार्च 2023 तक जारी किए गए महत्वपूर्ण अनुदेश समेकित हैं (परिशिष्ट में सूचीबद्ध)। यह मास्टर परिपत्र इस मामले में वर्तमान सरकारी अनुदेशों को प्रतिस्थापित अथवा अधिक्रमित नहीं करता है। इस संबंध में पूर्व में केन्द्र और राज्य सरकारों के पेंशन स्वीकृत करनेवाले प्राधिकारी द्वारा जारी किए गए और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा परिचालित किए गए अनुदेश सक्षम प्राधिकारी द्वारा किए गए परिवर्तन के अधीन बने रहेंगे। किसी संदेह या प्रकट विरोधाभास के मामले में एजेंसी बैंक संबंधित सरकारी अनुदेशों से मार्ग दर्शन प्राप्त कर सकते हैं। इस संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए विभिन्न परिपत्रों की विषयवस्तु का सार यहाँ नीचे दिया जा रहा है।
सामान्य अनुदेश
वेबसाइट पर प्रदर्शित मंहगाई राहत (डीआर) आदि संबंधी सरकारी आदेश
2. महंगाई राहत आदेशों के जारी होने और हिताधिकारी को महंगाई राहत का भुगतान किए जाने के बीच के समयांतराल को समाप्त करने तथा वरिष्ठ नागरिकों को त्वरित सेवा उपलब्ध कराने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि पेंशन का भुगतान करनेवाले एजेंसी बैंकों को मंहगाई राहत आदि के संबंध में सरकारी आदेशों को अग्रेषित करने की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया जाए। अत: एजेंसी बैंक सरकार द्वारा डाक, फैक्स, ई-मेल के माध्यम से प्रदान किए गए सरकारी आदेशों की प्रतियों पर या वेबसाइट से एक्सेस करके कार्रवाई करें और पेंशनरों को भुगतान करने के लिए अपनी पेंशन भुगतान करनेवाले शाखाओं को तत्काल प्राधिकृत करें।
एजेंसी बैंकों द्वारा सरकार के अनुदेशों का त्वरित कार्यान्वयन
3. सभी एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि सरकार (केंद्र के साथ-साथ राज्य) के विभिन्न अधिसूचनाओं में निहित सभी दिशानिर्देशों/अनुदेशों का कड़ाई से पालन करें और भारतीय रिज़र्व बैंक के कोई और अनुदेशों की प्रतीक्षा किए बिना तत्काल आवश्यक कार्रवाई करें।
एजेंसी बैंकों द्वारा पेंशन संवितरण का समय
4. पेंशन भुगतान करने वाले बैंक संबंधित पेंशन भुगतान करने वाले प्राधिकारियों द्वारा दिए गए अनुदेशों के आधार पर पेंशनरों के खातें में पेंशन की राशि को जमा करेंगे।
अधिक पेंशन भुगतान की राशि सरकार को वापस करना
5. एजेंसी बैंक की त्रुटि के कारण जब कभी कोई अतिरिक्त/अधिभुगतान का पता चलता है है तो अतिरिक्त/अधिभुगतान की संपूर्ण राशि एकमुश्त रूप में सरकार के खाते में तुरंत जमा कर दी जानी चाहिए। यह कार्रवाई पेंशनर वसूली से स्वतंत्र है। एजेंसी बैंको से अनुरोध है कि वे पेंशनरों को किए गए अतिरिक्त/अधिक भुगतान की वसूली, यदि कोई हो, के लिए अपनाई जानेवाली प्रक्रिया के संबंध में संबंधित पेंशन स्वीकृत करने वाले प्राधिकारियों से मार्ग-दर्शन लें/प्राप्त करें।
6. यदि पेंशनरों को अधिक/गलत भुगतान सरकार द्वारा की गई त्रुटियों के कारण हुआ हो तो बैंक इस मामले के त्वरित समाधान के लिए संपूर्ण ब्यौरे के साथ संबंधित सरकारी विभाग से संपर्क करें। तथापि यह कार्य समयबद्ध रूप से होना चाहिए और इस संबंध में सरकारी प्राधिकारियों की पावती बैंक के अभिलेख में अवश्य रखी जाए। ऐसे मामलों में बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक को संदर्भित किए बिना ही सरकारी विभागों से संपर्क कर सकते हैं।
वृद्ध/बीमार/अशक्त/अक्षम पेंशनरों द्वारा पेंशन का आहरण
7. बीमार और अशक्त पेंशनरों द्वारा बैंकों से पेंशन/परिवार पेंशन आहरित करने में आ रही समस्याओं/कठिनाइयों को दूर करने के लिए एजेंसी बैंक ऐसे पेंशनरों को निम्नलिखित रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं: -
(ए) पेंशनर, जो इतना बीमार है कि चेक पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता / बैंक में शारीरिक रूप से उपस्थित होने में असमर्थ है।
(बी) पेंशनर, जो न केवल बैंक में शारीरिक रूप से उपस्थित होने में असमर्थ है बल्कि कुछ शारीरिक दोष/अक्षमता के कारण चेक/आहरण फार्म पर अपने हस्ताक्षर करने/अंगूठे का निशान लगाने में भी असमर्थ है।
8. ऐसे वृद्ध/बीमार/अक्षम पेंशनरों को ध्यान में रखते हुए उनके खातों के परिचालन के लिए बैंक निम्नलिखित प्रक्रिया अपना सकते हैं: -
(ए) जहाँ कहीं वृद्ध/बीमार पेंशनर का हाथ का अंगूठा/ पैर का अंगूठा का निशान प्राप्त किया जाए तो बैंक को ज्ञात दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा इसकी पहचान की जानी चाहिए, जिनमें से एक बैंक का जिम्मेदार अधिकारी होना चाहिए।
(बी) जहाँ पेंशनर अपने हाथ का अंगूठा/पैर का अंगूठा का निशान नहीं लगा सकता और बैंक में शारीरिक रूप से उपस्थित होने में भी अमसर्थ है तो चेक/आहरण फार्म पर एक निशान लिया जाए और दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा इसकी पहचान की जानी चाहिए, जिनमें से एक बैंक का जिम्मेदार अधिकारी होना चाहिए।
बैंक का जिम्मेदार अधिकारी उसी बैंक, अधिमानतः उसी शाखा से होना चाहिए, जहां पेंशनभोगी का पेंशन खाता है।
9. पेंशनर को बैंक को यह बताने के लिए भी कहा जा सकता है कि ऊपर प्राप्त किए गए चेक/आहरण फॉर्म के आधार पर बैंक से पेंशन राशि कौन निकालेगा और उस व्यक्ति की पहचान दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा की जानी चाहिए। वह व्यक्ति जो वास्तव में बैंक से धन आहरित कर रहा होगा, उसे बैंक को अपना हस्ताक्षर प्रस्तुत करने के लिए कहा जाना चाहिए।
10. तदनुसार, एजेंसी बैंकों से अनुरोध है कि वे अपनी शाखाओं को यह अनुदेश दें कि वे इस संबंध में जारी अनुदेश अपने नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करें ताकि बीमार और अक्षम पेंशनर इन सुविधाओं का पूर्ण रूप से उपयोग कर सकें। एजेंसी बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि वे बीमार और अक्षम व्यक्तियों को दी जानेवाली सुविधाओं के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए अनुदेशों का कड़ाई से पालन /कार्यान्वयन करें और इस मामले में स्टाफ-सदस्यों को जानकारी दें और किसी संदेह के मामले में हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in पर रखे गए पेंशन संवितरण संबंधी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों को देखें।
पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति
11. एजेंसी बैंकों की लिंक शाखाएं केंद्र/राज्य सरकार पेंशन के भुगतान की प्रतिपूर्ति संबंधी दावे क्रमशः भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग नागपुर/क्षेत्रीय कार्यालय के सरकारी बैंकिंग प्रभाग को प्रस्तुत कर सकती है।
पेंशनर की मृत्यु के बाद पूर्ववर्ती अथवा उत्तरजीवी के साथ पेंशन खाते को बनाए रखना
12. केंद्र सरकार का पेंशन वितरित करने वाले सभी एजेंसी बैंकों को सूचित किया गया है कि जब पति/पत्नी उत्तरजीवी हो और पेंशनर के साथ उसका संयुक्त खाता हो तथा पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में परिवार पेंशन के भुगतान के लिए जिसके पक्ष में प्राधिकार विद्यमान हो और जीवन साथी (पति/पत्नी) (परिवार पेंशनर) परिवार पेंशन जमा/क्रेडिट करने के लिए वर्तमान संयुक्त खाते का विकल्प देता/ देती है तो बैंक को नया खाता खोलने के लिए जोर नहीं देना/कहना नहीं चाहिए।
जीवन प्रमाणपत्र – पावती निर्गम /जारी करना
13. ऐसी शिकायतें हैं कि पेंशन अदा करने वाली शाखाओं में काउंटर पर प्रस्तुत जीवन प्रमाणपत्र खो जाने के कारण मासिक पेंशन के भुगतान में विलंब होता है। पेंशनरों को हो रही इन कठिनाइयों को कम करने के लिए एजेंसी बैंकों को यह अनुदेश दिया गया है कि वे इस संबंध में यथाविधि हस्ताक्षरित पावती अनिवार्य रूप से जारी करें। उन्हें यह भी सूचित किया गया है कि वे उनके जीवन प्रमाणपत्र की प्राप्ति की अपने सीबीएस में प्रविष्टि करने पर विचार करें और सिस्टम जनित पावती जारी करें जिससे पावती के साथ-साथ अभिलेखों को वास्तविक समय में अद्यतन करने संबंधी दोनों प्रयोजन पूरे होंगे।
पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली (सिंगल विंडो सिस्टम)
14. प्रतिपूर्ति दावों के त्वरित निपटान और समाधान के लिए एकल खिड़की प्रणाली प्रारंभ की गई थी। इसका उद्देश्य यह है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यालयों अथवा भारतीय स्टेट बैंक (जिला मुख्यालयों पर) के हस्तक्षेप के बिना पेंशन अदा करने वाले प्रत्येक बैंक को उनके अधिकार के अंतर्गत जिम्मेदार बनाया जाए, जिससे दावों की प्रतिपूर्ति में विलंब न हो।
ग्राहक सेवा
15. सभी एजेंसी बैंक अपने डीलिंग शाखाओं को अनुदेश दें कि वे पेंशन भुगतान से संबंधित प्रभाकर राव समिति की सिफारिशों का अनुपालन करें। निरीक्षणकर्ता/लेखापरीक्षकों को एक जाँच सूची उपलब्ध कराएं, जिसमें कम से कम अनुबंध 1 में दी गई मदों को अवश्य शामिल किया गया हो। एजेंसी बैंक अपने आंतरिक लेखा परीक्षकों/निरीक्षकों को अनुदेश दें कि वे अपनी रिपोर्टों में ग्राहक सेवा की गुणवत्ता पर टिप्पणी दें और भारतीय रिज़र्व बैंक के निरीक्षण अधिकारियों को जबकभी वे इन शाखाओं का दौरा करें उन्हें यह उपलब्ध कराएं।
16. पेंशनरों की शिकायतों का निपटान विशेष रूप से केन्द्रीकृत पेंशन संसाधन केन्द्र (सीपीपीसी) की स्थापना के बाद शाखा स्तर पर उचित रूप से नहीं किया जा रहा है। पेंशनरों को झंझट रहित सेवा प्रदान करने के लिए और शिकायतों के निपटान के लिए नियमित संवाद हेतु एक मंच उपलब्ध होना चाहिए। तदनुसार, एजेंसी बैंकों को नियमित रूप से पेंशनर की शिकायतों के समाधान की निगरानी के लिए प्रत्येक क्षेत्र/मंडल में एक/दो नोडल अधिकारी नियुक्त करना चाहिए और संबन्धित महाप्रबंधक/मुख्य महाप्रबंधक को मासिक अंतरालों पर स्थिति की समीक्षा करनी चाहिए।
17. सीपीपीसी के दायरे से बाहर के स्थानों पर, पेंशन से संबंधित शिकायतों के लिए नोडल अधिकारियों को नामित किया जाना चाहिए ताकि जिन्हें पेंशनर आसानी से संपर्क कर सकें और पेंशन अदालत की तर्ज पर उन्हें अपने अधिकार क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर नियमित रूप से बैठकें करनी चाहिए। प्रत्येक बैंक को केवल पेंशन मामलों को ही समर्पित टोल फ्री नंबर स्थापित करना चाहिए, जहाँ प्रशिक्षित व्यक्तियों को तैनात किया जाए और प्रश्नों का जवाब देने के लिए उनकी पहुंच डेटाबेस तक हो तथा वे शिकायतों को दर्ज कर उनका निवारण कर सकें।
18. पेंशनरों से संशोधित पेंशन और बकाया राशि के संवितरण में अत्यधिक विलंब संबंधी कई शिकायतें प्राप्त होने के बाद एजेंसी बैंकों को निम्नानुसार सूचित किया जाता है:
(ए) दिनांक 1 अक्तूबर 2008 से किए गए सभी विलंबित पेंशन के भुगतान के संबंध में पेंशन का भुगतान करने वाले बैंकों को, पेंशन/उसके बकायों का क्रेडिट करने में किए गए विलंब के लिए प्रतिवर्ष 8 प्रतिशित के नियत ब्याज दर से भुगतान की देय तिथि के बाद विलंब के लिए क्षतिपूर्ति देनी होगी और यह जब बैंक संशोधित पेंशन/पेंशन का बकायों को देता है उसी दिन पेंशनर से किसी भी दावा की प्रतीक्षा किए गए बिना स्वत: पेंशनर के खाते में पेंशनर को क्षतिपूर्ति जमा हो जानी चाहिए।
(बी) पेंशन का भुगतान करने वाले बैंकों को सूचित किया गया है कि वे पेंशन भुगतान करने वाले प्राधिकारियों से सीधे ही पेंशन आदेश की प्रतियां तत्काल प्राप्त करने की एक प्रणाली विकसित करें और भारतीय रिज़र्व बैंक से अनुदेशों की प्राप्ति के लिए इंतजार किए बिना पेंशन का भुगतान करें ताकि पेंशनरों को सरकारों द्वारा घोषित लाभ अगले महीने के पेंशन भुगतान में ही मिल जाए।
(सी) जब एजेंसी बैंक पेंशन की गणना कर रहे हैं पेंशनरों के लिए शाखा निर्दिष्ट बिंदु बना रहना चाहिए ताकि ऐसा न हो कि वे अपने आप को वंचित महसूस न करे।
(डी) जिन शाखाओं में पेंशन खाते हैं, उन्हें बैंक के साथ लेनदेन करने में पेंशनरों को दिशानिर्देश/मार्गदर्शन तथा सहायता करनी चाहिए।
(ई) पेंशनरों को पेंशन की गणना से संबंधित सभी विवरणों को आवश्यकतानुसार इंटरनेट पर या शाखाओं में आवधिक अंतराल पर, उपलब्ध कराना चाहिए और इस व्यवस्था का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।
(एफ) पेंशन भुगतान के संबंध में बैंकों द्वारा एजेंसी कमीशन संबंधी सभी दावों के साथ सरकारी व्यवसाय के प्रभारी कार्यकारी निदेशक/मुख्य महाप्रबंधक का इस आशय का प्रमाणपत्र संलग्न किया जाना चाहिए कि कोई भी बकाया पेंशन क्रेडिट किया जाना शेष नहीं है/ नियमित पेंशन/बकाया को क्रेडिट करने में देरी नहीं हुई है।
(जी) पेंशन वितरित करने वाले सभी एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे पेंशनरों, विशेष रूप से जो वृद्ध हो गए हैं, को समझदारीपूर्ण /निर्णायक और सहानुभूतिपूर्ण ग्राहक सेवा उपलब्ध कराएं।
अनुबंध 1
आंतरिक/ समवर्ती लेखापरीक्षा के लिए सरकारी कारोबार (पेंशन संबंधी) से संबंधित जाँच सूची:
आंतरिक निरीक्षण में पेंशनर ग्राहकों को प्रदत्त सेवा से संबंधित शाखा के कार्यनिष्पादन का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। इस संबंध में निम्नलिखित को सुनिश्चित किया जाए :
1. पेंशन अदा करने वाली शाखाओं के निरीक्षण के दौरान प्रयोग हेतु पेंशन भुगतान से संबंधित सभी पक्षों को शामिल करते हुए विशिष्ट प्रश्नावली विकसित की जाए।
2. निरीक्षण के दौरान निरीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा यादृच्छिक आधार पर पेंशनरों को भी बुलाया जाए और पेंशन संबंधी सेवाओं के संबंध में उनकी संतुष्टि के बारे में पूछताछ की जाए।
3. पेंशन भुगतानों/सरकारी कारोबार के संबंध में भारत सरकार द्वारा गठित प्रभाकर राव समिति की अनुशंसाओं का कड़ाई से अनुपालन करने के क्रम में बैंकों द्वारा आंतरिक लेखापरीक्षकों/निरीक्षकों को पेंशन भुगतान/सरकारी कारोबार से संबंधित विस्तृत जाँच-सूची उपलब्ध कराई जाए।
इसमें निम्नलिखित को शामिल किया जाए :
(ए) क्या पेंशन के भुगतान, पेंशन के संशोधन, मंहगाई राहत में संशोधन इत्यादि में विलंब हुआ है।
(बी) जहाँ पर सरकारों और उनके विभागों के पेंशनरों की संख्या तय संख्या जैसे 100 अथवा 200 से अधिक है, वहाँ क्या शाखा प्रबंधक ने शाखा में तिमाही आधार पर पेंशनरों के विभिन्न वर्गों से वार्ता का आयोजन किया है।
(सी) क्या सभी पेंशन खातों में नामांकन प्राप्त किया गया है।
(डी) जहाँ भी लागू हो, क्या पेंशन खाते को संयुक्त खाते में परिवर्तित कर दिया गया है।
(ई) क्या बैंक शाखा में प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र है और पेंशनरों की शिकायतों पर समय से कार्रवाई की जाती है और उनकी शिकायतों का निवारण तेजी से होता है।
(एफ) पेंशन मार्च माह को छोडकर, जिसमें यह अप्रैल के प्रथम या उसके उपरांत कार्यदिवस में जमा होता है, क्या पेंशनरों के खातों मे, माह के अंतिम चार कार्यदिवसों में जमा होता है।
(जी) क्या पेंशन का भुगतान करने वाली शाखा हर वर्ष नवंबर के महीने में पेंशनरों से जीवन प्रमाण पत्र / बेरोजगार प्रमाणपत्र/ रोजगार प्रमाण पत्र प्राप्त करती है।
(एच) जहाँ भी लागू हो, क्या पेंशन का भुगतान करने वाली शाखा पेंशन भुगतान से स्रोत पर आयकर की कटौती करती है।
(आई) क्या कर संग्रह करने वाली शाखाओं द्वारा चेक की प्राप्ति की पावती में निरपवाद रूप से पेपर टोकन दिया जाता है।
(जे) क्या बैंक के बीएसआर कोड और चालान पहचान संख्या (सीआईएन) का स्पष्ट रूप उल्लेख करते हुए चालान पर मुहर लगाई जाती है।
(के) क्या मुहर लगे चालान बैंक कर्मचारी की अभिरक्षा में रहते हैं और केवल पेपर टोकन दिए जाने पर ही संबंधित करदाता को यह सौंपा जाता है।
परिशिष्ट
मास्टर परिपत्र में समेकित परिपत्रों की सूची
सं. |
परिपत्र सं. |
दिनांक |
विषय |
1. |
संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं. 130/45.01.001/2002-03 |
30.08.2002 |
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा केंद्र सरकार के सिविल पेंशनभोगियों को किए गए पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति हेतु एकल खिड़की प्रणाली |
2. |
संदर्भ.डीजीबीए.जीएडी.सं.एच.
506/45.01.001/2002-03 |
12.04.2003 |
केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को सरकारी क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से पेंशन का भुगतान – पेंशनभोगियों को महंगाई राहत के भुगतान में होने वाली देरी को कम करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय - महंगाई राहत इत्यादि के संबंध में सरकारी आदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक के माध्यम से भेजना बंद करना। |
3. |
संदर्भ.डीजीबीए.जीडीडी.सं.
11303/45.01.003/2005-06 |
06.02.2006 |
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से पेंशन का संवितरण– मंहगाई राहत का भुगतान |
4. |
डीजीबीए.जीएडी.एच
3085/45.01.001/2008-09 |
01.10.2008 |
ग्राहक सेवा पर प्रभाकर राव समिति की सिफारिशें– पेंशन भुगतान |
5. |
डीजीबीए.जीएडी.एच
3078/45.01.001/2008-09 |
01.10.2008 |
केंद्रीकृत पेंशन प्रोसेसिंग केंद्र की स्थापना (सीपीपीसी) |
6. |
डीजीबीए.जीएडी.एच
7652/45.05.031/2008-09 |
03.03.2009 |
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा केन्द्रीय सरकार /सिविल / रक्षा/ रेलवे / दूरसंचार / स्वतंत्रता सेनानी / राज्य सरकार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान - सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा पेंशन भुगतान में आनाकानी |
7. |
डीजीबीए.जीएडी.एच
10450/45.03.001/2008-09 |
01.06.2009 |
पेंशन के अधिक भुगतान की राशि सरकारी खातों मे वसूली/प्रतिपूर्ति |
8. |
संदर्भ.डीजीबीए.जीएडी.एच
3194/45.01.001/2009-10 |
14.10.2009 |
सरकारी क्षेत्र के बैंको द्वारा केन्द्रीय सिविल/रक्षा/रेलवे /दूर संचार/स्वतंत्रता सेनानियों/ राज्य सरकारों के पेंशनभोगियों की पेंशन के भुगतान की योजना - वृध्द / रुग्ण/ विकलांग पेंशनभोगियों द्वारा पेंशन आहरण की सुविधा |
9. |
संदर्भ.डीओ.सं.सीएसडी.सीओ/
8793/13.01.001/2009-10 |
09.04.2010 |
एजेंसी बैंकों द्वारा केन्द्रीय / राज्य सरकार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान –विलंब के लिए क्षतिपूर्ति |
10. |
डीजीबीए.जीएडी.सं एच-46/45.01.001/2010-11 |
02.07.2010 |
एजेंसी बैंकों द्वारा केन्द्रीय / राज्य सरकार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान –विलंब के लिए क्षतिपूर्ति। |
11. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच -6212 और 6213/45.01.001/2010-11 |
11.03.2011 |
एजेंसी बैंकों द्वारा केन्द्रीय / राज्य सरकार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान –विलंब के लिए क्षतिपूर्ति। |
12. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच –
6760 और 6762/45.01.001/2011-12 |
13.04.2012 |
एजेंसी बैंकों द्वारा केन्द्रीय / राज्य सरकार पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान –विलंब के लिए क्षतिपूर्ति। |
13. |
डीजीबीए.जीएडी.सं. एच – 7386/45.01.001/2012-13 |
03.06.2013 |
केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान – पेंशनर की मृत्यु के पश्चात "दोनों में कोई एक या उत्तरजीवी" पेंशन खाते को जारी रखना। |
14. |
संदर्भ.डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-27/45.01.001/2014-15 |
01.07.2014 |
पेंशनभोगियों के शिकायतों का निपटान |
15. |
संदर्भ.डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-4054/45.03.001/2014-15 |
13.03.2015 |
सरकार के खाते में पेंशन के अधिदेश राशि की वसूली/वापसी |
16. |
आरबीआई/2014-15/587 डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-5013/45.01.001/2014-15 |
07.05.2015 |
जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर अनिवार्य रूप से पावती जारी करना |
17. |
भारिबैं/2016-17/271 डीजीबीए.जीएडी.सं.2646/31.02.007/2016-17 |
07.04.2017 |
सरकारी बैंकिंग का कार्य करने संबंधी प्रणाली और नियंत्रण |
18. |
भारिबैं/2017-18/111 डीजीबीए.जीबीडी/1616/15.02.005/2017-18 |
21.12.2017 |
एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी अनुदेशों का त्वरित कार्यान्वयन |
19. |
संदर्भ डीजीबीए.जीबीडी.सं.3214/45.01.001/2017-18 |
21.06.2018 |
एजेंसी बैंकों द्वारा उपलब्ध कराई गई ग्राहक सेवा |
20. |
भारिबैं/2020-21/84 डीजीबीए.जीबीडी.सं.एसयूओ 546/45.01.001/2020-21 (पैरा 3) |
21.01.2021 |
परिपत्रों की वापसी/हटाया जाना - पेंशनरों को की गई अतिरिक्त पेंशन की वसूली |
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