आरबीआई/गैबैविवि/2016-17/44
मास्टर दिशानिर्देश गैबैविवि.पीडी.007/03.10.119/2016-17
दिनांक 01 सितंबर, 2016
(2 अगस्त 2019 को अद्यतन किया गया*)
(22 फरवरी 2019 को अद्यतन किया गया*)
(31 मई 2018 को अद्यतन किया गया*)
(23 फरवरी 2018 को अद्यतन किया गया*)
(09 नवंबर 2017 को अद्यतन किया गया*)
(09 मार्च 2017 को अद्यतन किया गया*)
(02 मार्च 2017 को अद्यतन किया गया*)
(02 फरवरी 2017 को अद्यतन किया गया*)
(17 अक्तूबर 2016 को अद्यतन किया गया*)
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से गैर-महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016
भारतीय रिज़र्व बैंक, जन हित में इसे आवश्यक मानते हुए तथा इस बात से संतुष्ट होकर कि वित्तीय प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु रिज़र्व बैंक को समर्थ बनाने और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से गैर-महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली कंपनी का कारोबार इस तरह से होने से रोकने के लिए जो जमकर्ताओं के हित में न हो या ऐसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के हित में न हो, के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 (1934 का 2) की धारा 45 जेए, 45एल और 45एम और फ़ैक्टरिंग विनियमन अधिनियम 2011 की धारा 6 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सभी एनबीएफ़सी-एनडी को अधिसूचना संख्या डीएनबीएस.193/डीजी(वीएल)-2007 दिनांक फरवरी 22, 2007, अधिसूचना डीएनबीएस.पीडी.सीसी.संख्या 168/03.02.089/2009-10 दिनांक फरवरी 12, 2010, अधिसूचना डीएनबीएस.पीडी संख्या.234/सीजीएम(यूएस)2011 दिनांक दिसंबर 02, 2011, अधिसूचना डीएनबीएस.पीडी संख्या.247/सीजीएम(यूएस)-2012 दिनांक जुलाई 23, 2012 और अधिसूचना संख्या.डीएनबीआर.008/सीजीएम(सीडीएस)-2015 दिनांक मार्च 27, 2015 के अधिक्रमण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से गैर-महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 (दिशानिर्देश) जारी करता है।
(मनोरंजन मिश्रा)
मुख्य महाप्रबंधक
*मास्टर निदेश में बड़े पैमाने पर संशोधन किया गया है, अतः इसे पाठक की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ट्रैक मोड में परिवर्तनों को दर्शाते हुए रखने के स्थान पर संशोधित पाठ को रखा गया है। |